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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 08 मई, 2018

  • 08 May 2018
  • 7 min read

यूरेनस ग्रह पर पाई गई तीक्ष्ण दुर्गंध युक्त हाइड्रोजन सल्फाइड गैस 

  • इंग्लैंड के वैज्ञानिकों ने यूरेनस ग्रह पर एक अति दुर्गंध युक्त गैस हाइड्रोजन सल्फाइड की खोज की है।
  • इसका पता हवाई द्वीप समूह स्थित जैमिनी नॉर्थ टेलिस्कोप द्वारा लगाया गया है।
  • यूरेनस के वातावरण में शनि ग्रह की तुलना में चार गुना अधिक हाइड्रोजन सल्फाइड की मात्रा पाई गई है।
  • इस गैस की गंध सड़े अंडे से आने वाली तीव्र दुर्गंध जैसी होती है। 
  • वैज्ञानिकों का मानना है कि इस खोज से ब्रह्मांड की उत्पत्ति संबंधी रहस्यों पर से पर्दा हटाने में मदद मिलेगी।
  • यूरेनस आकार में पृथ्वी से चार गुना और और भार में 14 गुना अधिक है।
  • इस ग्रह पर हाइड्रोजन, हीलियम, मीथेन जैसी अन्य गैसें भी मौजूद हैं।
  • यह गहरे नीले रंग का कम चमक वाला ग्रह है। इस कारण इसे दूरबीन द्वारा अच्छी तरह से देखा जा सकता है।

विलुप्त होने के कगार पर दुनिया का सबसे दुर्लभ एप 

  • वैज्ञानिकों के अनुसार, तपानुली आरंगुटान (Tapanuli Orangutan) नामक सबसे दुर्लभ प्रजाति का एप लुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है और इसे बचाए जाने हेतु निर्णायक कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
  • इस प्रजाति के 800 से भी कम सदस्य जीवित बचे हैं और उन पर भी शिकार, बड़ी परियोजनाओं, वनों की कटाई, सड़क निर्माण आदि के कारण संकट छाया हुआ है।
  • शोधकर्त्ताओं के अनुसार, इंडोनेशिया के सुमात्रा में चीन द्वारा एक बड़ी बाँध-परियोजना का निर्माण किये जाने की योजना है, जिसके कारण इस प्रजाति के आवास क्षेत्र का अहम हिस्सा जलमग्न हो जाएगा।
  • यह अब तक खोजी गईं ग्रेट एप की प्रजातियों में से केवल सातवीं प्रजाति है। 
  • यह प्रजाति सामान्यतः उन्हीं क्षेत्रों में निवास करती है , जहाँ पर सड़क जैसे पारगमन माध्यमों का अभाव रहता है।
  • इस प्रजाति का प्राकृतिक आवास इंडोनेशिया का सुमात्रा द्वीप है।

3डी बायो स्किन प्रिंटर

  • कनाडा के वैज्ञानिकों ने जलने या अन्य कारणों से बने घाव भरने के लिए एक 3डी बायो स्किन प्रिंटर विकसित किया है। यह प्रिंटर मात्र दो मिनट में टिश्यू बनाकर जख्म पर प्रत्यारोपित कर देता है। 
  • कनाडा की टोरंटो यूनिवर्सिटी के शोधकर्त्ताओं द्वारा तैयार किये गए इस प्रिंटर का इस्तेमाल जलने से हुए ऐसे घावों को ठीक करने में किया जा सकता है, जिनमें त्वचा की तीनों सतह एपिडर्मिस, डर्मिस, और हाइपोडर्मिस क्षतिग्रस्त हुई हों।
  • वर्त्तमान में इनका इलाज स्प्लिट थिकनेस स्किन ग्राफटिंग विधि से किया जाता था। इसमें स्वस्थ व्यक्ति की त्वचा को मरीज के एपिडर्मिस और डर्मिस पर प्रत्यारोपित किया जाता है।
  • घाव को पूरी तरह से ढकने के लिए अधिक मात्रा में स्वस्थ त्वचा की जरूरत होती है, जो कई बार उपलब्ध नहीं हो पाती। इस कारण स्प्लिट थिकनेस स्किन ग्राफ्टिंग विधि से उपचार में समस्या आती है।
  • फिलहाल जो 3डी प्रिंटर मौजूद हैं, वो बहुत ही भारी हैं। इसके अलावा उनकी गति बहुत धीमी है और उनका खर्च भी बहुत अधिक होता है। 
  • जूते के डिब्बे के बराबर आकार वाले नए प्रिंटर का वजन एक किलोग्राम से भी कम है। साथ ही इसे चलाने के लिए किसी खास प्रशिक्षण की आवश्यकता भी नहीं होती है। 

एशिया पावर इंडेक्‍स में चौथे स्‍थान पर भारत

  • ऑस्‍ट्रेलिया के थिंक टैंक लॉवी इंस्‍टीट्यूट एशिया पावर इंडेक्‍स में एशिया-प्रशांत के 25 देशों का आकलन प्रस्तुत किया गया, जिसमें भारत को चौथे स्थान दिया गया। किसी भी देश की ताकत का आकलन 8 बिंदुओं के तहत व्यक्त किया जाता है। इनमें आर्थिक संसाधन, सैन्‍य क्षमता, लचीलापन, फ्यूचर ट्रेंड्स, राजनयिक प्रभाव, इकोनॉमिक रिलेशनशिप, डिफेंस नेटवर्क और सांस्‍कृतिक प्रभाव शामिल हैं। 
  • आर्थिक संसाधन, सैन्‍य क्षमता, राजनयिक प्रभाव के मामले में भारत चौथे स्थान पर रहा,लेकिन लचीलेपन के मामले में भारत का 5वाँ जबकि सांस्‍कृतिक प्रभाव और फ्यूचर ट्रेंड्स में भारत का स्‍थान तीसरा रहा।
  • सबसे खराब प्रदर्शन इकोनॉमिक रिलेशनशिप और डिफेंस नेटवर्क में दर्ज किया गया, जिनमें भारत की रैंकिंग क्रमश: 7वीं और 10वीं रही।
  • इस रिपोर्ट के अनुसार, पावर स्‍टेटस का बड़ा हिस्‍सा जापान और भारत के हिस्‍से में है। टोक्‍यो स्‍मार्ट पावर है, जबकि नई दिल्‍ली भविष्‍य की ताकत है।
  • इस रिसर्च की मानें तो दुनिया की 4 सबसे सबसे बड़ी इकोनॉमी में से तीन एशिया में हैं। 
  • इस रिपोर्ट के अनुसार,भारत एशिया की सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली इकोनॉमी बनने की ओर अग्रसर है।
  • वहीं रूस, ऑस्‍ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया, थाइलैंड, न्‍यूज़ीलैंड, वियतनाम, पाकिस्‍तान, ताइवान, फिलीपींस और उत्तर कोरिया को मिडिल पावर का दर्जा दिया गया है, जबकि बांग्‍लादेश, ब्रुनेइ, म्‍याँमार, श्रीलंका, कंबोडिया, मंगोलिया, लाओस और नेपाल को मामूली ताकत का दर्जा दिया गया है।
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