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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

अफगानिस्तान पर बहुपक्षीय सुरक्षा वार्त्ता

  • 09 Feb 2023
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, अफगानिस्तान पर बहुपक्षीय सुरक्षा वार्त्ता, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव 2593, आतंकवाद, चाबहार बंदरगाह।

मेन्स के लिये:

भारत के लिये अफगानिस्तान का महत्त्व, भारत-अफगानिस्तान संबंध।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSG) ने मॉस्को में आयोजित अफगानिस्तान पर एक बहुपक्षीय सुरक्षा वार्त्ता को संबोधित किया।

  • यह वार्त्ता सुरक्षा और मानवीय चुनौतियों सहित अफगानिस्तान से संबंधित मुद्दों के इर्द-गिर्द घूमती है और इसमें रूस, चीन एवं ईरान सहित विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

वार्त्ता की मुख्य विशेषताएँ:

  • NSG ने इस बात पर ज़ोर दिया कि किसी भी देश को आतंकवाद को बढ़ावा देने हेतु अफगान क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिये और ज़रूरत के समय भारत हमेशा अफगानिस्तान के लोगों का समर्थन करेगा।
  • NSG ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का संकल्प 2593 के महत्त्व के बारे में भी बात की, जो इस क्षेत्र में आतंकी संगठनों को शरण देने से इनकार करता है।

अफगानिस्तान के साथ भारत के संबंध:

afghanistan

  • परिचय:
    • सदियों से भारत और अफगानिस्तान के बीच घनिष्ठ ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध रहे हैं।
    • 9/11 की घटना के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में महत्त्वपूर्ण बदलाव आया है और भारत, अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण और विकास में तेज़ी से सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
  • राजनीतिक संबंध:
    • भारत, अफगानिस्तान में लोकतंत्र का प्रबल समर्थक रहा है और लगातार स्थिर, शांतिपूर्ण एवं समृद्ध अफगानिस्तान का समर्थन करता रहा है।
      • हालाँकि भारत ने अब तक अफगानिस्तान में तालिबान शासन को मान्यता नहीं दी है और काबुल में एक समावेशी सरकार के गठन का समर्थक रहा है।
    • इसके अलावा भारत ने जून 2022 में काबुल में अपनी राजनयिक उपस्थिति फिर से स्थापित की।
  • मानवीय सहायता:
    • भारत अफगानिस्तान को मानवीय सहायता प्रदान कर रहा है, जिसमें 40,000 मीट्रिक टन गेहूँ, 60 टन दवाएँ, 5,00,000 कोविड वैक्सीन, सर्दियों के कपड़े और 28 टन आपदा राहत शामिल है।
    • भारत ने पिछले दो वर्षों में 300 छात्राओं सहित 2,260 अफगान छात्रों को छात्रवृत्ति भी प्रदान की है।
  • आर्थिक संबंध:
    • भारत ने सभी 34 अफगान प्रांतों में 400 से अधिक प्रमुख बुनियादी ढाँचा परियोजनाएँ शुरू की हैं और व्यापार एवं द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने हेतु रणनीतिक समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं।
      • भारत ने वर्ष 2002 से 2021 तक अफगानिस्तान में विकास सहायता के रूप में 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया, जिसके तहत राजमार्गों, अस्पतालों, संसद भवन, ग्रामीण स्कूलों और विद्युत पारेषण लाइनों जैसी उच्च दृश्यता वाली परियोजनाओं का निर्माण किया गया।
  • कनेक्टिविटी:
    • भारत चाबहार बंदरगाह को विकसित कर और क्षेत्र में बाज़ारों तक पहुँच प्रदान करके अफगानिस्तान के साथ क्षेत्रीय संपर्क स्थापित करने की दिशा में काम कर रहा है।

भारत के लिये अफगानिस्तान का महत्त्व:

  • भू-राजनीतिक स्थिति: अफगानिस्तान मध्य और दक्षिण एशिया के चौराहे पर स्थित है और इसकी स्थिरता एवं सुरक्षा का इस क्षेत्र में भारत के हितों पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
    • अफगानिस्तान दक्षिण और मध्य एशिया के बीच एक पुल के रूप में कार्य करता है एवं भारत की क्षेत्रीय कनेक्टिविटी तथा आर्थिक एकीकरण हेतु महत्त्वपूर्ण है।
  • आतंकवाद का मुकाबला:
    • अफगानिस्तान आतंकवाद का गढ़ रहा है, जहाँ से विभिन्न आतंकवादी समूह संचालित होते हैं।
      • भारत की सुरक्षा के लिये संभावित खतरों को ध्यान में रखते हुए भारत की मंशा अफगानिस्तान को आतंकवादियों की शरणस्थली बनने से रोकना है।
  • सामरिक लाभ:
    • भारत के सामरिक हितों के लिये अफगानिस्तान महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह ऐतिहासिक सिल्क रोड के केंद्र में स्थित है।
    • अफगानिस्तान में भारत की उपस्थिति इस क्षेत्र में पाकिस्तान और चीन के प्रभाव को संतुलित करने में मदद करती है।

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न: 

प्रिलिम्स:

निम्नलिखित देशों पर विचार कीजिये: (2022)

  1. अज़रबैजान
  2. किर्गिज़स्तान
  3. ताजिकिस्तान
  4. तुर्कमेनिस्तान
  5. उज़्बेकिस्तान

उपर्युक्त में से किसकी सीमाएँ अफगानिस्तान से लगती हैं?

(a) केवल 1, 2 और 5
(b) केवल 1, 2, 3 और 4
(c) केवल 3, 4 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: (c)


प्रश्न. वर्ष 2014 में अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा सहायता बल (ISAF) की अफगानिस्तान से प्रस्तावित वापसी क्षेत्र के देशों के लिये बड़े खतरों (सुरक्षा उलझनों) भरी है। इस तथ्य के आलोक में परीक्षण कीजिये कि भारत के सामने भरपूर चुनौतियाँ है तथा उसे अपने सामरिक महत्त्व के हितों की रक्षा करने की आवश्यकता है। (मुख्य परीक्षा, 2013)

स्रोत: द हिंदू

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