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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

SCO परिषद के प्रमुखों की बैठक

  • 02 Nov 2022
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव, इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर, क्लाइमेट चेंज।

मेन्स के लिये:

शंघाई सहयोग संगठन।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में चीन ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शासनाध्यक्षों की बैठक की मेज़बानी की।

  • संगठन के व्यापार और आर्थिक एजेंडे पर ध्यान केंद्रित करने एवं SCO के वार्षिक बजट को मंज़ूरी देने के लिये SCO के शासनाध्यक्षों की बैठक सालाना आयोजित की जाती है।
  • भारत ने वर्ष 2023 के लिये SCO के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला है और 2023 के मध्य में दिल्ली में एक शिखर सम्मेलन में सभी SCO देशों के नेताओं की मेज़बानी करेगा।
  • इससे पहले SCO शिखर सम्मेलन 2022 हाल ही में उज़्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित किया गया था।

प्रमुख बिंदु

  • SCO सदस्य देशों के प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों ने वैश्विक और क्षेत्रीय विकास के प्रमुख मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया, SCO के भीतर व्यापार, आर्थिक, सांस्कृतिक व मानवीय सहयोग बढ़ाने के लिये प्राथमिकता वाले कदमों पर चर्चा की।
  • भारत ने कहा कि SCO सदस्यों के साथ उसका कुल व्यापार केवल 141 बिलियन अमेरिकी डाॅलर का है, जिसंके कई गुना बढ़ने की क्षमता है।
    • SCO देशों के साथ भारत का अधिकांश व्यापार चीन के साथ है, जो वर्ष 2022 में 100 बिलियन अमेरिकी डाॅलर को पार कर गया, जबकि रूस के साथ व्यापार 20 बिलियन अमेरिकी डाॅलर से कम है।
    • मध्य एशियाई देशों के साथ व्यापार 2 बिलियन अमेरिकी डाॅलर से कम है और पाकिस्तान के साथ यह लगभग 500 मिलियनअमेरिकी डाॅलर है।
  • चीन के BRI (बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव) पर निशाना साधते हुए, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) के कुछ हिस्सों से होकर गुज़रता है, भारत ने कहा कि कनेक्टिविटी परियोजनाओं को सदस्य राज्यों की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिये और अंतर्राष्ट्रीय कानून का सम्मान करना चाहिये।
  • भारत ने मध्य एशियाई राज्यों के हितों की केंद्रीयता पर निर्मित SCO क्षेत्र में बेहतर कनेक्टिविटी की आवश्यकता को रेखांकित किया, जो इस क्षेत्र की आर्थिक क्षमता को बढ़ाएगा जिसमें चाबहार बंदरगाह और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर (INSTC) सक्षम बन सकते हैं।
  • भारत ने जलवायु परिवर्तन की चुनौती से लड़ने की अपनी प्रतिबद्धता और इस दिशा में हासिल की गई उपलब्धियों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया।
  • भारत ने ईरान के चाबहार बंदरगाह और आईएनएसटीसी के माध्यम से अधिक व्यापार के लिये ज़ोर दिया, जिसका भारत हिस्सा है, इसका लक्ष्य मध्य एशियाई देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार में सुधार करना है।
  • बैठक के बाद भारत को छोड़कर सभी देशों का नाम लेते हुए एक संयुक्त विज्ञप्ति जारी की गई, जिसमें "यूरेशियन आर्थिक संघ के निर्माण के साथ 'बेल्ट एंड रोड' निर्माण के संरेखण को बढ़ावा देने के काम सहित बीआरआई के लिये उनके समर्थन की पुष्टि की गई।"

शंघाई सहयोग संगठन:

  • परिचय:
    • यह एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। इसे वर्ष 2001 में बनाया गया था।
    • SCO चार्टर वर्ष 2002 में हस्ताक्षरित किया गया था और वर्ष 2003 में लागू हुआ।
    • यह एक यूरेशियाई राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संगठन है जिसका लक्ष्य इस क्षेत्र में शांति, सुरक्षा तथा स्थिरता बनाए रखना है।
    • इसे उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के प्रतिकार के रूप में देखा जाता है, यह नौ सदस्यीय आर्थिक और सुरक्षा ब्लॉक है तथा सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है।
  • आधिकारिक भाषाएँ:
    • रूसी और चीनी।
  • स्थायी निकाय:
  • अध्यक्षता:
    • अध्यक्षता एक वर्ष पश्चात् सदस्य देशों द्वारा रोटेशन के माध्यम से की जाती है।
  • उत्पत्ति:
    • वर्ष 2001 में SCO के गठन से पहले कज़ाखस्तान, चीन, किर्गिज़स्तान, रूस और ताजिकिस्तान शंघाई फाइव के सदस्य थे।
    • शंघाई फाइव (1996) सीमाओं के सीमांकन और विसैन्यीकरण वार्त्ता की एक शृंखला से उभरा, जिसे चार पूर्व सोवियत गणराज्यों ने चीन के साथ सीमाओं पर स्थिरता सुनिश्चित करने के लिये आयोजित किया था।
    • वर्ष 2001 में संगठन में उज़्बेकिस्तान के शामिल होने के बाद शंघाई फाइव का नाम बदलकर SCO कर दिया गया।
    • भारत और पाकिस्तान 2017 में इसके सदस्य बने।
    • वर्तमान सदस्य: कज़ाखस्तान, चीन, किर्गिज़स्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान।
    • ईरान 2023 में SCO का स्थायी सदस्य बनने के लिये तैयार है।

बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव परियोजना (BRI):

  • बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना है जो एशिया, अफ्रीका और यूरोप महाद्वीप में फैले कई देशों के बीच कनेक्टिविटी एवं सहयोग पर केंद्रित है।  बीआरआई लगभग 150 देशों (चीन का दावा) में फैला हुआ है।
  • वर्ष 2013 में प्रारंभ में इस परियोजना में रोडवेज़, रेलवे, समुद्री बंदरगाहों, पावर ग्रिड, तेल और गैस पाइपलाइन तथा संबंधित बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के नेटवर्क का निर्माण शामिल है।
  • इस परियोजना के दो भाग हैं।
    • सिल्क रोड इकोनॉमिक बेल्ट: यह चीन को मध्य एशिया, पूर्वी यूरोप और पश्चिमी यूरोप से जोड़ने हेतु  भूमि मार्ग है।
    • 21वीं सदी का समुद्री रेशम मार्ग: यह चीन के दक्षिणी तट को भूमध्यसागर, अफ्रीका, दक्षिण-पूर्व एशिया और मध्य एशिया से जोड़ने हेतु समुद्री मार्ग है।

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  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स

Q. कभी-कभी समाचारों में 'बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव' का उल्लेख किसके संदर्भ में किया जाता है? (2016)

(a) अफ्रीकी संघ
(b) ब्राज़ील
(c) यूरोपीय संघ
(d) चीन

उत्तर: (d)


Q. निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2022)

  1. एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक
  2. मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था
  3. शंघाई सहयोग संगठन

उपर्युक्त में से भारत किसका सदस्य है?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)


मेन्स

Q. SCO के उद्देश्यों का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिये। भारत के लिये इसका क्या महत्व है? (2021)

स्रोत: द हिंदू

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