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डेली न्यूज़


अंतर्राष्ट्रीय संबंध

शंघाई सहयोग संगठन (SCO)

  • 15 Jun 2022
  • 10 min read

प्रिलिम्स के लिये:

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य, इसकी आधिकारिक भाषा, उद्देश्य और पहल। 

मेन्स के लिये:

SCO के मुद्दे और चुनौतियांँ। 

चर्चा में क्यों? 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों के अधिकृत निकायों के बीच युवा कार्य के क्षेत्र में सहयोग पर समझौते को मंजूरी दी है। 

  • युवा कार्य के क्षेत्र में सहयोग पर SCO के सदस्य देशों द्वारा 17 सितंबर, 2021 को समझौते को अपनाने के परिणामस्वरूप इस समझौते पर युवा मामले और खेल मंत्री द्वारा हस्ताक्षर किये गए थे। 

समझौते की मुख्य विशेषताएंँ: 

  • उद्देश्य: 
    • SCO के सदस्य देशों के युवाओं के बीच आपसी विश्वास, मैत्रीपूर्ण संबंधों और सहयोग को मज़बूत करना। 
    • SCO सदस्य देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को सुदृढ़ कर युवा सहयोग के विकास को सुनिश्चित करना।  
    • अंतर्राष्ट्रीय अनुभव के आधार पर युवा सहयोग की स्थितियों में और अधिक सुधार  की मांग करना। 
  • सहयोग के क्षेत्र: 
    • राज्य युवा नीति को लागू करना, सार्वजनिक युवा संगठनों (संघों) के साथ कार्य क्षेत्र में सहयोग को मज़बूत करना। 
    • अंतर्राष्ट्रीय युवा सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से पहलों का समर्थन करना 
    • युवाओं के साथ कार्य क्षेत्र में पेशेवर कर्मचारियों का प्रशिक्षण 
    • इसमें शामिल हैं- वैज्ञानिक, संदर्भ और पद्धतिगत सामग्रियों का आदान-प्रदान, राज्य निकायों, युवा सार्वजनिक संगठनों, अन्य संगठनों व संघों के कार्य अनुभव, राज्य युवा नीति के कार्यान्वयन एवं युवा पहलों का समर्थन  
    • विभिन्न युवा नीति मुद्दों और युवा सहयोग पर संयुक्त अनुसंधा नव गतिविधियों को अंजाम देना 
    • वैज्ञानिक प्रकाशनों का आदान-प्रदान, ध्वंसात्मक संरचनाओं में युवाओं की भागीदारी को रोकने के सामयिक मुद्दों पर शोध कार्य 
    • युवाओं को उद्यमिता और नवीन परियोजनाओं में शामिल करने के उद्देश्य से उनके रोज़गार एवं कल्याण को बढ़ाने के उद्देश्य से संयुक्त आर्थिक व मानवीय पहल को बढ़ावा देना 
    • SCO युवा परिषद की गतिविधियों का समर्थन करना। 
      • SCO युवा परिषद का गठन वर्ष 2009 में SCO सदस्य देशों के युवा संगठनों की पहल पर किया गया था। 

शंघाई सहयोग संगठन (SCO): 

  • SCO के बारे में: 
    • SCO एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। 
    • यह एक यूरेशियाई राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संगठन है जिसका लक्ष्य इस क्षेत्र में शांति, सुरक्षा एवं स्थिरता बनाए रखना है। 
    • इसका गठन वर्ष 2001 में किया गया था। 
    • SCO चार्टर वर्ष 2002 में हस्ताक्षरित किया गया था और यह वर्ष 2003 में लागू हुआ। 
  • उत्पत्ति: 
    • वर्ष 2001 में SCO के गठन से पहले कज़ाखस्तान, चीन, किर्गिज़स्तान, रूस और ताजिकिस्तान शंघाई फाइव (Shanghai Five) के सदस्य थे। 
  • शंघाई फाइव (1996) का उद्भव सीमा सीमांकन और विसैन्यीकरण वार्ता की एक शृंखला के रूप में हुआ, जिसे चार पूर्व सोवियत गणराज्यों द्वारा चीन के साथ सीमाओं पर स्थिरता सुनिश्चित करने हेतु आयोजित किया गया था। 
  • वर्ष 2001 में संगठन में उज़्बेकिस्तान के शामिल होने के बाद शंघाई फाइव का नाम बदलकर SCO कर दिया गया। 
  • वर्ष 2017 में भारत और पाकिस्तान इसके सदस्य बने। 
  • 17 सितंबर, 2021 को यह घोषणा की गई कि ईरान द्वारा SCO की पूर्णकालिक सदस्यता ग्रहण की जाएगी। 
  • उद्देश्य: 
    • सदस्य देशों के मध्य परस्पर विश्वास तथा सद्भाव को मज़बूत करना। 
    • राजनैतिक, व्यापार एवं अर्थव्यवस्था, अनुसंधान व प्रौद्योगिकी तथा संस्कृति में प्रभावी सहयोग को बढ़ावा देना। 
    • शिक्षा, ऊर्जा, परिवहन, पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण, इत्यादि क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ाना। 
    • संबंधित क्षेत्र में शांति, सुरक्षा व स्थिरता बनाए रखना तथा सुनिश्चितता प्रदान करना। 
    • एक लोकतांत्रिक, निष्पक्ष एवं तर्कसंगत नव-अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक व आर्थिक व्यवस्था की स्थापना करना। 
  • सदस्यता:  
    • वर्तमान में इसके सदस्य देशों में कज़ाखस्तान, चीन, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, भारत, पाकिस्तान और ईरान शामिल हैं। 
  • संरचना: 
    • राष्ट्र प्रमुखों की परिषद: यह SCO का सर्वोच्च निकाय है जो अन्य राष्ट्रों एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ अपनी आंतरिक गतिविधियों के माध्यम से बातचीत कर अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार करती है। 
    • शासन प्रमुखों की परिषद: SCO के अंतर्गत आर्थिक क्षेत्रों से संबंधित मुद्दों पर वार्ता कर निर्णय लेती है तथा संगठन के बजट को मंज़ूरी देती है। 
    • विदेश मंत्रियों की परिषद: यह दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों से संबंधित मुद्दों पर विचार करती है। 
    • क्षेत्रीय आतंकवाद-रोधी संरचना (RATS.): आतंकवाद, अलगाववाद, पृथकतावाद, उग्रवाद तथा चरमपंथ से निपटने के मामले देखता है। 
    • शंघाई सहयोग संगठन सचिवालय: यह सूचनात्मक, विश्लेषणात्मक तथा संगठनात्मक सहायता प्रदान करने हेतु बीजिंग में अवस्थित है। 

SCO

  • आधिकारिक भाषाएँ : 
    • रूसी और चीनी SCO की आधिकारिक भाषाएँ हैं। 

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न: 

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2022) 

  1. एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक) 
  2. प्रक्षेपास्त्र प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (मिसाइल टेक्नोलॉजी कन्ट्रोल रिजीम)  
  3. शंघाई सहयोग संगठन (शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाईज़ेशन) 

भारत उपर्युक्त में से किसका सदस्य है? 

(a) केवल 1 और 2 
(b) केवल 3 
(c) केवल 2 और 3 
(d) 1, 2 और 3 

उत्तर: (d) 

व्याख्या: 

  • मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (MTCR) मिसाइल और मानव रहित हवाई वाहन प्रौद्योगिकी (जो 300 किमी से अधिक दूरी  के लिये 500 किलोग्राम से अधिक पेलोड ले जाने में सक्षम) के प्रसार को रोकने के लिये 35 देशों के बीच एक अनौपचारिक और स्वैच्छिक साझेदारी है। 
    • भारत को वर्ष 2016 में मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था में 35वें सदस्य के रूप में शामिल किया गया था। 
  • AIIB एक बहुपक्षीय विकास बैंक है जिसका मिशन एशिया में सामाजिक और आर्थिक परिणामों में सुधार लाना है। 
    • AIIB की सदस्यता विश्व बैंक या एशियाई विकास बैंक के सभी सदस्यों के लिये खुली है और इसे क्षेत्रीय व गैर-क्षेत्रीय सदस्यों में विभाजित किया गया है। 
    • भारत इसमें दूसरा सबसे बड़ा शेयरधारक है, जिसने 8.4 बिलियन अमेरिकी डाॅलर का योगदान दिया है। 
  • SCO एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। यह यूरेशियाई राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संगठन है जिसका लक्ष्य इस क्षेत्र में शांति, सुरक्षा एवं स्थिरता बनाए रखना है। 
    • भारत और पाकिस्तान 9 जून, 2017 को पूर्ण सदस्य के रूप में SCO में शामिल हुए। 

अतः विकल्प (d) सही है। 

स्रोत: पी.आई.बी. 

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