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मारबर्ग वायरस

  • 11 Aug 2021
  • 5 min read

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मारबर्ग वायरस

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मारबर्ग वायरस: लक्षण, उपचार और निदान

चर्चा में क्यों?

हाल ही में पश्चिम अफ्रीका के गिनी में अत्यंत संक्रामक और घातक ‘मारबर्ग वायरस’ के पहले मामले की पुष्टि हुई है।

  • देश को इबोला मुक्त घोषित किये जाने के ठीक दो माह बाद पहली बार इसके पहले मामले की पहचान की गई थी।
  • मारबर्ग वायरस के मामले और इस वर्ष के इबोला वायरस के मामले दोनों ही गिनी के ‘गुएकेडौ ज़िले में पाए गए हैं।
  • वर्ष 2014-2016 के दौरान इबोला महामारी के प्रारंभिक मामले भी दक्षिणपूर्वी गिनी के वन क्षेत्र में ही पाए गए थे।

West-Africa

प्रमुख बिंदु

पृष्ठभूमि

  • ‘मारबर्ग वायरस’ रोग एक अत्यधिक विषाणुजनित रोग है, जो रक्तस्रावी बुखार का कारण बनता है, इसका प्रसार चमगादड़ द्वारा किया जाता है और इसमें मृत्यु दर 88% से अधिक है।
  • यह वायरस भी इबोला वायरस परिवार से संबंधित है।
  • वर्ष 1967 में मारबर्ग और फ्रैंकफर्ट (जर्मनी) तथा बेलग्रेड (सर्बिया) में एक साथ वायरस के दो बड़े प्रकोप देखे गए थे।
    • ये प्रकोप युगांडा से आयातित अफ्रीकी हरे बंदरों (सर्कोपिथेकस एथियोप्स) के उपयोग संबंधी प्रयोगशाला के कार्य से जुड़े हुए थे।
  • इसके बाद अंगोला, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, केन्या, दक्षिण अफ्रीका और युगांडा में प्रकोप देखे गए।
  • वर्ष 1967 से अब तक मारबर्ग वायरस के कुल 12 प्रकोप हो चुके हैं, जिसमें से अधिकतर दक्षिणी और पूर्वी अफ्रीका में हुए।

मानव- संक्रमण

  • ‘मारबर्ग वायरस’ रोग के साथ मानव संक्रमण प्रारंभ में ऐसी खानों या गुफाओं के लंबे समय तक संपर्क का परिणाम था, जिनमें ‘राउसेटस बैट कॉलोनियाँ’ मौजूद थीं।
    • राउसेटस ओल्ड वर्ल्ड फ्रूट बैट या मेगाबैट्स की एक प्रजाति है। इन्हें डॉग-फेसड फ्रूट बैट या ‘फ्लाइंग फॉक्स’ के रूप में जाना जाता है।

संचरण:

  • एक बार जब कोई व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित हो जाता है, तो मारबर्ग मानव-से-मानव संचरण के माध्यम से सीधे संपर्क (त्वचा या श्लेष्मा झिल्ली) द्वारा संक्रमित लोगों के रक्त, स्राव, अंगों या अन्य शारीरिक तरल पदार्थ और सतहों तथा सामग्रियों के साथ फैल सकता है (जैसे बिस्तर और कपड़े आदि)।

लक्षण:

  • सिरदर्द, उल्टी में रक्त आना, मांसपेशियों में दर्द और विभिन्न छिद्रों से रक्तस्राव।
  • इसके लक्षण तीव्र गति से गंभीर रूप ले सकते हैं और इससे पीलिया, अग्न्याशय की सूजन, तीव्र वज़न हास्र, लीवर की विफलता, बड़े पैमाने पर रक्तस्राव तथा बहु-अंग रोग आदि हो सकते हैं।

निदान:

उपचार:

  • मारबर्ग रक्तस्रावी बुखार के लिये कोई विशिष्ट उपचार या अनुमोदित टीका नहीं है। इसमें अस्पताल समर्थित चिकित्सा पद्धति का उपयोग किया जाना चाहिये।
  • अस्पताल समर्थित चिकित्सा पद्धति में रोगी के तरल पदार्थ तथा इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित करना, ऑक्सीजन की स्थिति और रक्तचाप को बनाए रखना, रक्त की कमी एवं रक्त के थक्के के कारकों को बदलना एवं किसी भी जटिल संक्रमण के लिये उपचार शामिल है।

स्रोत : इंडियन एक्सप्रेस 

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