सामाजिक न्याय
भारत में मैनुअल स्कैवेंजिंग
- 22 Sep 2025
- 77 min read
प्रिलिम्स के लिये: भारत का सर्वोच्च न्यायालय, NAMASTE, सफाईमित्र सुरक्षा चैलेंज, स्वच्छता अभियान ऐप, राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग
मेन्स के लिये: मैनुअल स्कैवेंजिंग के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियाँ और उनके समाधान के लिये उठाए गए कदम। हाथ से मैला ढोने की प्रथा को समाप्त करने हेतु अतिरिक्त उपायों की आवश्यकता।
चर्चा में क्यों?
भारत के सर्वोच्च न्यायालय (SC) नेने दिल्ली के लोक निर्माण विभाग (PWD) पर 5 लाख रुपये का ज़ुर्माना लगाया है, क्योंकि उसकी परिसर के बाहर मजदूरों को बिना सुरक्षात्मक उपकरणों के सीवर की सफाई करते हुए पाया गया।
- न्यायालय ने इसे सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 2023 के ऐतिहासिक निर्णय (डॉ. बलराम सिंह बनाम भारत संघ) में जारी निर्देशों का उल्लंघन माना, जिसका उद्देश्य मैनुअल स्कैवेंजिंग और खतरनाक सीवर सफाई की अमानवीय तथा जाति-आधारित प्रथा को समाप्त करना था।
डॉ. बलराम सिंह बनाम भारत संघ, 2023 मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश क्या हैं?
- ताज़ा और विश्वसनीय सर्वेक्षण: राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मैनुअल स्कैवेंजरों की पहचान के लिये एक व्यापक राष्ट्रीय सर्वेक्षण किया जाए।
- उन्मूलन उपाय: सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई का पूर्ण मशीनीकरण करने का आदेश दिया गया है। सीवर में मानव प्रवेश केवल असाधारण मामलों में ही संभव है जहाँ यांत्रिक सफाई संभव न हो।
- सुरक्षात्मक उपकरण और सुरक्षा: किसी भी कर्मचारी को उचित सुरक्षात्मक उपकरण के बिना नालियों, सेप्टिक टैंकों या सीवर में नहीं भेजा जाएगा। सुरक्षात्मक उपकरणों के अभाव को अनुच्छेद 21 और 23 का उल्लंघन माना जाएगा।
- पुनर्वास एवं मुआवज़ा: सीवर या सेप्टिक टैंक कार्य में मरने वाले व्यक्तियों के परिवारों के पुनर्वास को संवैधानिक अधिकार माना जाएगा।
- मृत या विकलांग श्रमिकों के आश्रितों को मुआवजा बढ़ाया जाना चाहिये तथा शीघ्र वितरित किया जाना चाहिये।
- नमस्ते (मशीनीकृत स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र के लिये राष्ट्रीय कार्रवाई) जैसी योजनाओं के तहत पुनर्वास को व्यापक सामाजिक सुरक्षा उपायों के साथ एकीकृत करें। मैनुअल स्कैवेंजरों के बच्चों के लिये छात्रवृत्ति और शैक्षिक अवसर प्रदान करें।
- जागरूकता और रिपोर्टिंग: इस प्रथा के विरुद्ध जन जागरूकता अभियान चलाए जाए। मृत्यु, पुनर्वास की स्थिति और मुआवज़े के वितरण को ट्रैक करने के लिये एक केंद्रीकृत ऑनलाइन पोर्टल बनाया
- कल्याणकारी कानूनों का कार्यान्वयन: मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोज़गार का निषेध और उनका पुनर्वास (PEMSR) अधिनियम, 2013 का पूर्ण प्रवर्तन सुनिश्चित करना।
मैनुअल स्कैवेंजिंग क्या है?
- परिचय: PEMSR अधिनियम, 2013 के अनुसार, यह अस्वास्थ्यकर शौचालयों, खुली नालियों, गड्ढों, रेलवे पटरियों या किसी अन्य अधिसूचित स्थान से मानव मल को मैन्युअल रूप से साफ करने, ले जाने, निपटाने या संभालने की प्रथा है।
- कानूनी ढाँचा: मैनुअल स्कैवेंजर्स का रोज़गार और शुष्क शौचालय का निर्माण (निषेध) अधिनियम, 1993 के बाद से भारत में इसे आधिकारिक तौर पर प्रतिबंधित कर दिया गया है।
- मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोज़गार का निषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013 मैनुअल स्कैवेंजरों के नियोजन पर प्रतिबंध लगाता है, उनका पुनर्वास सुनिश्चित करता है, तथा प्रत्येक अपराध को संज्ञेय और गैर-ज़मानती बनाता है।
- वर्तमान स्थिति (2024): देश के 766 ज़िलों में से 732 ज़िलों ने स्वयं को मैनुअल स्कैवेंजिंग-मुक्त घोषित कर दिया है, फिर भी वर्ष 2024 तक भारत में लगभग 58,000 मैनुअल स्कैवेंजरों की पहचान की गई है।
- भारत में मैनुअल स्कैवेंजिंग के जारी रहने के कारण:
- जाति-आधारित भेदभाव: ऐतिहासिक रूप से दलित समुदायों से जुड़ा हुआ है, जिससे यह एक वंशानुगत व्यवसाय बन गया है।
- गहरी जड़ें जमाए बैठी अस्पृश्यता और जातिगत पूर्वाग्रह समुदायों को इस व्यवसाय में फँसे रहने के लिये मज़बूर करते हैं।
- गरीबी और विकल्पों का अभाव: कई श्रमिकों के पास आजीविका का कोई अन्य स्रोत नहीं है।
- अपूर्ण मशीनीकरण: सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के लिये मशीनें अभी भी व्यापक रूप से उपलब्ध या सुलभ नहीं हैं, खासकर छोटे शहरों में।
- कानूनों का खराब प्रवर्तन: वर्ष 1993 और 2013 के अधिनियमों के बावजूद, ज़मीनी स्तर पर कार्यान्वयन कमज़ोर है।
- ठेकेदार प्रणाली: श्रमिकों को अक्सर जवाबदेही को दरकिनार करते हुए ठेकेदारों के माध्यम से अनौपचारिक रूप से काम पर रखा जाता है।
- सर्वेक्षणों और आँकड़ों में अंतराल: असंगत और कम रिपोर्ट किये गए सर्वेक्षणों के कारण समस्या का कम आकलन होता है, जिससे इसका वास्तविक स्तर छिप जाता है।
- जाति-आधारित भेदभाव: ऐतिहासिक रूप से दलित समुदायों से जुड़ा हुआ है, जिससे यह एक वंशानुगत व्यवसाय बन गया है।
मैनुअल स्कैवेंजिंग के उन्मूलन के लिये भारत की क्या पहल हैं?
- सफाईमित्र सुरक्षा चुनौती
- स्वच्छता अभियान ऐप
- राष्ट्रीय गरिमा अभियान
- राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग
- स्वच्छता उद्यमी योजना (SUY)
- पूर्व शिक्षण की मान्यता (RPL)
- NAMASTE (मशीनीकृत स्वच्छता पारिस्थितिकी तंत्र के लिये राष्ट्रीय कार्रवाई)
- तकनीकी पहल:
- बैंडिकूट रोबोट: स्वायत्त या दूरस्थ रूप से सीवर लाइनों की सफाई, निरीक्षण और अवरोध हटाने का कार्य करता है।
- एँडोबोट और स्वस्थ AI: यह जल संदूषण, अपव्यय एवं सीवर ओवरफ्लो का पता लगाने तथा उसे कम करने के लिये पाइपलाइनों के प्रबंधन पर केंद्रित है।
- रोबो-ड्रेन सिस्टम: यह भूमिगत सीवरों की सफाई के लिये स्वचालित रोबोटिक प्रौद्योगिकी है।
- वैक्यूम ट्रक: इसके तहत मानव प्रवेश के बिना सीवेज अपशिष्ट को साफ करने के लिये शक्तिशाली पंपों का उपयोग करना शामिल है।
मैनुअल स्कैवेंजरों के समक्ष प्रमुख चुनौतियाँ क्या हैं?
- स्वास्थ्य जोखिम: मानव मल और हाइड्रोजन सल्फाइड जैसी ज़हरीली गैसों के संपर्क में आने से मैनुअल स्कैवेंजर हेपेटाइटिस, टेटनस, हैजा और दम घुटने जैसी बीमारियों (Asphyxiation) के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हो जाते हैं।
- सामाजिक कलंक: उन्हें ‘अछूत’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है और वे गहरे जातिगत भेदभाव का सामना करते हैं, जो सामाजिक बहिष्करण तथा प्रणालीगत हाशिएकरण को मज़बूत करता है।
- आर्थिक चुनौतियाँ: न्यूनतम मज़दूरी से भी कम वेतन मिलने तथा प्रायः दैनिक मज़दूरी या संविदात्मक आधार पर कार्य करने के कारण, उनके पास नौकरी की सुरक्षा, सामाजिक संरक्षण और वैकल्पिक आजीविका के विकल्पों का अभाव है, जिसके कारण वे गरीबी में फँसे रहते हैं।
- दोहरा भेदभाव: महिलाओं को जाति और लैंगिक आधारित शोषण का सामना करना पड़ता है, जिसमें यौन उत्पीड़न, दुर्व्यवहार एवं आर्थिक असमानता शामिल है।
- मनोवैज्ञानिक मुद्दे: निरंतर सामाजिक कलंक, कठोर कार्य परिस्थितियाँ तथा हाशिये पर रहने से दुश्चिंता, अवसाद और कम आत्मसम्मान पैदा होता है।
- मादक द्रव्यों का सेवन: कई लोग तनाव, अपमान और शारीरिक कठिनाई से निपटने के लिये शराब या नशीली दवाओं का सहारा लेते हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य तथा कल्याण पर और अधिक प्रभाव पड़ता है।
भारत में मैनुअल स्कैवेंजिंग को समाप्त करने हेतु क्या उपाय अपनाए जा सकते हैं?
- स्वच्छता कार्य का मशीनीकरण: सीवर, सेप्टिक टैंक, नालियों, अपशिष्ट उठाने, कीचड़ प्रबंधन तथा ठोस एवं चिकित्सा अपशिष्ट निपटान की 100% मशीनीकृत सफाई को बढ़ावा देना।
- स्वच्छता प्रतिक्रिया इकाइयों (SRU) को मशीनीकृत सफाई के लिये मशीनों, वाहनों और उपकरणों से सुसज्जित करना। मशीनीकृत संचालन के लिये पेशेवर रूप से कुशल जनशक्ति को प्रशिक्षित करना।
- संस्थागत ढाँचा: स्वच्छता और मशीनीकरण की निगरानी के लिये प्रत्येक ज़िले में एक उत्तरदायी स्वच्छता प्राधिकरण की नियुक्ति करना। प्रत्येक नगरपालिका में सीवर और सेप्टिक टैंकों में रुकावटों की सूचना देने के लिये 24x7 हेल्पलाइन के साथ SRU स्थापित करना।
- कानूनों का सख्त पालन: PEMSR अधिनियम, 2013 को कड़ाई से लागू करना, उल्लंघनकर्त्ताओं के लिये कड़े दंड तय करना, सीवर में होने वाली मृत्यु को जानलेवा हत्याकांड के रूप में मानना और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार मुआवजा सुनिश्चित करना।
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने वर्ष 2013 के अधिनियम के तहत सफाई कर्मचारियों और मैनुअल स्कावेंजर्स के बीच अंतर बनाए रखने की सिफारिश की है। आयोग ने डी-स्लेजिंग मार्केट को सूचीबद्ध और विनियमित करने की भी सिफारिश की है।
- वित्तीय सहायता एवं प्रोत्साहन: स्वच्छता श्रमिकों, आश्रितों और शहरी निकायों को स्वच्छता उपकरण तथा वाहन खरीदने के लिये स्वच्छता उद्यमी योजना (SUY) के अंतर्गत रियायती ऋण प्रदान करना।
- स्थायी आजीविका को समर्थन देने के लिये स्वच्छता संबंधी परियोजनाओं हेतु मैनुअल स्कैवेंजर्स के पुनर्वास हेतु स्वरोजगार योजना (SRMS) की पहुँच का विस्तार करना।
- सतत् आजीविका: पीएम-दक्ष के तहत मैनुअल स्कैवेंजरों को अपशिष्ट प्रबंधन और मशीन संचालन में प्रशिक्षित करना, साथ ही मनरेगा के तहत शहरी निकायों में प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति करना।
- स्वास्थ्य जाँच: सभी शहरी स्थानीय निकायों (ULB) में सफाई कर्मचारियों के लिये नियमित स्वास्थ्य जाँच आयोजित करना, जिसमें निर्धारित उपचार और रोकथाम प्रोटोकॉल के साथ-साथ श्वसन तथा त्वचा संबंधी बीमारियों पर ध्यान केंद्रित किया जाए।
दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न. कानूनी सुरक्षा उपायों के अस्तित्व के बावजूद भारत में मैनुअल स्कैवेंजिंग को समाप्त करने में चुनौतियों की समालोचनात्मक जाँच कीजिये। |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)
प्रिलिम्स
प्रश्न. 'राष्ट्रीय गरिमा अभियान' एक राष्ट्रीय अभियान है, जिसका उद्देश्य है: (2016)
(a) बेघर एवं निराश्रित व्यक्तियों का पुनर्वास और उन्हें आजीविका के उपयुक्त स्रोत प्रदान करना।
(b) यौनकर्मियों को उनके अभ्यास से मुक्त करना और उन्हें आजीविका के वैकल्पिक स्रोत प्रदान करना।
(c) हाथ से मैला ढोने की प्रथा को खत्म करना और हाथ से मैला ढोने वालों का पुनर्वास करना।
(d) बंधुआ मज़दूरों को मुक्त करना और उनका पुनर्वास करना।
उत्तर: (c)
मेन्स
प्रश्न. निरंतर उत्पन्न किये जा रहे, फेंके गए ठोस कचरे की विशाल मात्राओं का निस्तारण करने में क्या-क्या बाधाएँ हैं? हम अपने रहने योग्य परिवेश में जमा होते जा रहे ज़हरीले अपशिष्टों को सुरक्षित रूप से किस प्रकार हटा सकते हैं? (2018)
प्रश्न. "जल, सफाई एवं स्वच्छता की आवश्यकता को लक्षित करने वाली नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिये लाभार्थी वर्गों की पहचान को प्रत्याशित परिणामों के साथ जोड़ना होगा।" 'वाश' योजना के संदर्भ में इस कथन का परीक्षण कीजिये। (2017)