दृष्टि आईएएस अब इंदौर में भी! अधिक जानकारी के लिये संपर्क करें |   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

जेलीफ़िश आकाशगंगा

  • 02 Dec 2019
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये:

जेलीफिश आकाशगंगा

मेन्स के लिये:

जेलीफिश आकाशगंगा JW100 की अन्य आकाशगंगाओं से विविधता

चर्चा में क्यों?

हाल ही में एस्ट्रोसैट (Astrosat) द्वारा ‘अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (UVIT) का उपयोग करके JW100 नामक जेलीफ़िश आकाशगंगा (Jellyfish Galaxies) का अवलोकन किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • जेलीफ़िश एक प्रकार की आकाशगंगा है जो आकाशगंगा के समूहों में पाई जाती है।
  • JW100 आकाशगंगाओं के समूह ‘क्लस्टर एबेल’ (Cluster Abell) 2626’ में स्थित है।

जेली फिश गैलेक्सी क्या है

  • जेलीफिश समुद्र का एक जिलेटिनयुक्‍त जीव है। जेलीफ़िश को यह नाम इसलिये दिया गया है क्योंकि यह डिस्क के आकार की होती है तथा इसमें से कई भुजानुमा तंतु बाहर की ओर निकले होते हैं।
  • इसका डिस्क जैसा आकार विभिन्न आकाशगंगाओं के एक घने क्षेत्र में भ्रमण करने तथा टकराने से हुआ है।
  • गुरुत्वाकर्षण बल के कारण जब एक आकाशगंगा, आकाशगंगा समूह में भ्रमण करती है तो डिस्क के अंदर की ठंडी गैस क्लस्टर के गर्म प्लाज़्मा के साथ संपर्क में आती है तब प्लाज़्मा एक मज़बूत हवा के रूप में डिस्क की ठंडी गैस को अपनी तरफ खींचता है। इस क्रिया के परिणामस्वरूप आकाशगंगा के तंतुओं का निर्माण होता है।
  • सामान्यतः तारों का निर्माण आकाशगंगा के डिस्क में होता है परंतु जेलीफिश आकाशगंगाओं में तारों का निर्माण इसकी तंतुनुमा भुजाओं में भी होता है।

बहु-तरंग आयाम पर आधारित शोध

  • जेलीफ़िश आकाशगंगाओं का अवलोकन विभिन्न दूरबीनों द्वारा किया जा रहा है जो प्रत्येक विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम/वर्णक्रम के विभिन्न भागों के प्रति संवेदनशील हैं।
  • JW100 आकाशगंगा में तारों के निर्माण का अवलोकन चिली में स्थित ‘म्यूस इंटीग्रल फील्ड स्पेक्टोग्राफ’ (MUSE Integral Field Spectrograph) तथा एस्ट्रोसैट के UVIT का उपयोग करके किया गया है।

रहस्यमयी व्यवहार

  • जेलीफ़िश आकाशगंगा अपने अभिविन्यास के कारण भिन्न होती हैं हम इन्हें किनारे से देखते हैं ताकि इसके गैस तंतु हमारे दृश्य क्षेत्र के लंबवत रहें।
  • यह अन्य जेलीफ़िश आकाशगंगाओं से इसलिये भी अलग है क्योंकि अन्य जेलीफिश आकाशगंगाओं की अपेक्षा इसके तंतुओं का अवलोकन पराबैंगनी किरणों के आधार पर किया जाता है।
  • जेलिफ़िश आकाशगंगा में एक ही समय में कई क्रियाएँ होती रहती हैं। इनमें से कई विभिन्न घटनाओं के साथ संबंधित होती हैं।
  • इस अवलोकन में JW100 में होने वाली क्रियाओं में से कुछ क्रियाओं पर प्रकाश डालने का प्रयास किया गया है, जिससे विभिन्न घटकों का पता लगता है।

स्रोत: द हिंदू

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow