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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत और स्वीडन के बीच उद्योग संक्रमण वार्ता

  • 03 Jun 2022
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

'स्टॉकहोम+50', लीडआईटी, COP27, यूएन क्लाइमेट एक्शन समिट, यूएनईपी। 

मेन्स के लिये:

भारत-स्वीडन संबंध, द्विपक्षीय समूह और समझौते, समूह और समझौते भारत को शामिल करते हैं और/या भारत के हितों को प्रभावित करते हैं। 

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में भारत और स्वीडन ने अपनी संयुक्त पहल ‘लीडरशिप फॉर इंडस्ट्री ट्रांज़िशन’ (LeadIT) के एक भाग के रूप में स्टॉकहोम में उद्योग संक्रमण वार्ता की मेज़बानी की। 

  • इस उच्च स्तरीय संवाद ने संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन 'स्टॉकहोम+50' में योगदान दिया है, साथ ही COP-27 (जलवायु परिवर्तन) के लिये एजेंडा निर्धारित किया है। 

लीडआईटी: 

  • परिचय : 
    • लीडआईटी पहल उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देती है जो वैश्विक जलवायु कार्रवाई में प्रमुख हितधारक हैं और जहाँ विशिष्ट हस्तक्षेप की आवश्यकता है। 
    • यह उन देशों और कंपनियों को संगठित करता है जो पेरिस समझौते को हासिल करने एवं कार्रवाई के लिये प्रतिबद्ध हैं। 
    • इसे वर्ष 2019 के संयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में स्वीडन और भारत की सरकारों द्वारा लॉन्च किया गया था और यह विश्व आर्थिक मंच द्वारा समर्थित है। 
    • लीडआईटी के सदस्य इस विचार को बढ़ावा देते हैं कि वर्ष 2050 तक ऊर्जा-गहन उद्योगों में निम्न-कार्बन उत्सर्जन के उपायों को अपनाकर शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के लक्ष्यों की पूर्ति की जा सकती है। 
  • सदस्य संख्या: 
    • लीडआईटी में देशों और कंपनियों को मिलाकर कुल 37 सदस्य हैं। 
      • जापान और दक्षिण अफ्रीका, इस पहल के नवीनतम सदस्य हैं। 

भारत-स्वीडन संबंध 

  • राजनीतिक संबंध:  
    • वर्ष 1948 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए और दशकों से लगातार मज़बूत स्थिति में हैं। 
    • पहला भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन (भारत, स्वीडन, नॉर्वे, फिनलैंड, आइसलैंड और डेनमार्क) वर्ष 2018 में स्वीडन में आयोजित किया गया था। 
    • स्वीडन ने नवंबर 2020 में भारत की सह-अध्यक्षता में प्रथम भारत-नॉर्डिक-बाल्टिक (एस्टोनिया, लातविया और लिथुआनिया सहित) कॉन्क्लेव में भी भाग लिया। 
  • बहुपक्षीय जुड़ाव: 
    • भारत और स्वीडन ने संयुक्त रूप से वर्ष 2019 में  संयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) के सहयोग से लीडरशिप ग्रुप ऑन इंडस्ट्री ट्रांज़िशन (LeadIT) लॉन्च किया।  
    • 1980 के दशक में भारत और स्वीडन ने 'सिक्स नेशन पीस समिट' (जिसमें अर्जेंटीना, ग्रीस, मैक्सिको और तंजानिया भी शामिल थे) के फ्रेमवर्क के अंतर्गत परमाणु निरस्त्रीकरण के मुद्दों पर एक साथ काम किया। 
    • संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत और स्वीडन मानवीय मामलों पर एक वार्षिक संयुक्त वक्तव्य प्रस्तुत करते हैं। 
    • वर्ष 2013 में स्वीडिश प्रेसीडेंसी के दौरान भारत किरुना मंत्रिस्तरीय बैठक में एक पर्यवेक्षक के रूप में आर्कटिक परिषद में शामिल हुआ। 
  • आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध:  
    • एशिया में चीन तथा जापान के बाद भारत, स्वीडन का तीसरा सबसे बड़ा व्यापार साझेदार (Trade Partner) है। 
    • वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर  (2016) से बढ़कर 4.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर  (2019) हो गया है। 
  • रक्षा और एयरोस्पेस (स्वीडन-भारत संयुक्त कार्य योजना 2018): यह अंतरिक्ष अनुसंधान, प्रौद्योगिकी, नवाचार और अनुप्रयोगों के क्षेत्र में सहयोग पर प्रकाश डालता है।  

Sweden

आगे की राह 

  • यूरोपीय संघ का सदस्य होने के नाते स्वीडन यूरोपीय संघ और यूरोपीय संघ के देशों के साथ भारत की साझेदारी में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। 
  • सामरिक जुड़ाव, द्विपक्षीय व्यापार और निवेश परिदृश्यों से पारस्परिक रूप से लाभकारी पद्धति के तहत साझा आर्थिक प्रगति को बढ़ावा मिलने की संभावना है। 

स्रोत पीआईबी 

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