इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


भारतीय अर्थव्यवस्था

भारत द्वारा विश्व व्यापार संगठन में ई-ट्रांसमिशन पर अधिस्थगन का विरोध

  • 02 Jun 2022
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

ई-ट्रांसमिशन पर अधिस्थगन, विश्व व्यापार संगठन। 

मेन्स के लिये:

ई-कॉमर्स पर अधिस्थगन से संबंधित मुद्दे। 

चर्चा में क्यों? 

भारत जून 2022 से शुरू होने वाले विश्व व्यापार संगठन (WTO) के 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (MC12) में इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन (ई-ट्रांसमिशन) पर सीमा शुल्क को लेकर अधिस्थगन का विरोध करेगा क्योंकि इसके प्रावधान केवल विकसित देशों के पक्ष में हैं। 

  • वर्ष 2017 में अर्जेंटीना में 11वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन पर स्थगन को दो वर्ष के लिये बढ़ा दिया गया था। दिसंबर 2019 में हुई सामान्य परिषद की बैठक में सदस्यों ने मौजूदा प्रावधानों को 12वीं मंत्रिस्तरीय सम्मेलन तक बनाए रखने पर सहमति जताई थी। 

ई-ट्रांसमिशन पर अधिस्थगन: 

  • विश्व व्यापार संगठन के सदस्य देश वर्ष 1998 से इलेक्ट्रॉनिक प्रसारण पर सीमा अधिस्थगन पर सहमत हुए थे और स्थगन की अवधि को समय-समय पर मंत्रिस्तरीय सम्मेलनों में बढ़ाया जाता रहा है, जो कि 164 सदस्यीय संगठन (WTO) का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है। 
    • यह स्थगन फोटोग्राफिक फिल्मों, सिनेमैटोग्राफिक फिल्मों, प्रिंटेड विषय-वस्तु, संगीत, मीडिया, सॉफ्टवेयर और वीडियो गेम जैसे डिजिटल उत्पादों पर लागू है। 
  • वर्ष 1998 में दूसरे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में मंत्रियों ने वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक व्यापार पर घोषणा को अपनाया, जिसमें ई-कॉमर्स पर एक कार्यक्रम का आह्वान किया गया था, जिसे कुछ वर्ष पश्चात् अपनाया गया था। 
    • चूंँकि अधिकांश देशों में ई-कॉमर्स पर मज़बूत नीतियांँ नहीं थीं, जो 1998 में विकसित देशों में भी व्यापार का एक उभरता हुआ क्षेत्र था, उन्होंने इस पर गहन बातचीत करने और इलेक्ट्रॉनिक्स ट्रांसमिशन के सीमा शुल्क पर रोक लगाने के लिये वर्क प्रोग्राम आयोजित करने का निर्णय लिया था। 
  • विश्व व्यापार संगठन की सामान्य परिषद ने 1998 में उभरती अर्थव्यवस्थाओं की आर्थिक, वित्तीय और विकास आवश्यकताओं पर विचार करके वैश्विक ई-कॉमर्स से संबंधित सभी व्यापार मुद्दों की व्यापक जांँच करने के लिये ई-कॉमर्स पर वर्क प्रोग्राम की स्थापना की। 
    • विश्व व्यापार संगठन वर्क प्रोग्राम ई-कॉमर्स को "इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, विपणन, बिक्री या वितरण" के रूप में परिभाषित करता है। 

बैठक में भारत की मांग: 

  • जून 2022 में 12वीं मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में कई WTO सदस्य 13वीं मंत्रिस्तरीय सम्मेलन तक स्थगन के अस्थायी विस्तार की मांग पर विचार कर सकते हैं, लेकिन भारत नहीं चाहता कि इस बार इसे और जारी रखा जाए। 
  • भारत और दक्षिण अफ्रीका ने कई अवसरों पर संगठन से इस मुद्दे पर फिर से विचार करने के लिये कहा है और विकासशील देशों पर स्थगन के प्रतिकूल प्रभाव को उजागर किया है। 
  • भारत चाहता है कि विश्व व्यापार संगठन ई-कॉमर्स क्षेत्र पर वर्क प्रोग्राम को तेज़ करे। 
  • भारत ने यह भी कहा है कि काउंसिल फॉर ट्रेड इन गुड्स, काउंसिल फॉर ट्रेड इन सर्विसेज़, काउंसिल फॉर ट्रिप्स (बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार संबंधित पहलू-TRIPS) तथा व्यापार और विकास समिति को मूल रूप से निर्धारित अपने संबंधित जनादेश के अनुसार ई-कॉमर्स पर चर्चा करनी चाहिये।  
  • भारत का मानना था कि मौजूदा वैश्विक ई-कॉमर्स क्षेत्र की अत्यधिक विषम प्रकृति और संबंधित बहुआयामी मुद्दों के निहितार्थ समझ की कमी को देखते हुए ई-कॉमर्स में नियमों और विषयों पर डब्ल्यूटीओ में औपचारिक बातचीत शुरू होनी चाहिये।

अधिस्थगन से संबंधित मुद्दे: 

  • भारत इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन के आयात में तेज़ी से वृद्धि कर रहा है, मुख्य रूप से फिल्में, संगीत, वीडियो गेम और मुद्रित सामग्री जैसे- उपकरण, जिनमें से कुछ स्थगन के दायरे में आ सकते हैं। 
  • विकासशील देशों के लिये अपनी डिजिटल उन्नति हेतु नीतिगत योजनाओं को संरक्षित करने, आयात को विनियमित करने और सीमा शुल्क के माध्यम से राजस्व उत्पन्न करने के लिये अधिस्थगन की अनुमति देना महत्त्वपूर्ण है। 
  • विकासशील देशों को संभावित टैरिफ राजस्व हानि वार्षिक 10 अरब अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है। 
  • जबकि डिजिटल अभिकर्त्ताओं का मुनाफा और राजस्व लगातार बढ़ रहा है, इन आयातों की जाँच करने तथा अतिरिक्त टैरिफ राजस्व उत्पन्न करने की सरकारों की क्षमता ई-कॉमर्स पर स्थगन के कारण 'गंभीर रूप से' सीमित हो रही है। 
  • इसका प्रभाव विनिर्माण में 3डी प्रिंटिंग जैसी डिजिटल तकनीकों के उपयोग और अन्य कर्त्तव्यों एवं शुल्कों के नुकसान व औद्योगीकरण पर पड़ेगा। 

आगे की राह 

  • विकासशील देशों को डिजिटल क्षेत्र में विकसित देशों के साथ तालमेल बिठाने के लिये नीतियों को लागू करने में लचीलेपन को बनाए रखने की आवश्यकता है। हमें सबसे पहले घरेलू भौतिक और डिजिटल बुनियादी ढांँचे में सुधार पर ध्यान देने की ज़रूरत है। 
  • विकासशील देशों के लिये फिल्मों, संगीत और वीडियो गेम जैसे अपने लक्जरी आयात को विनियमित करना अत्यंत आवश्यक है। अधिस्थगन को हटाने से सरकारों को  नीतिगत लाभ मिलेगा। 

विगत वर्ष के प्रश्न: 

प्रश्न. भारत में माल के भौगोलिक संकेत (रजिस्ट्रेशन और संरक्षण) अधिनियम, 1999 को निम्नलिखित में से किससे संबंधित दायित्वों के अनुपालन के लिये' लागू किया गया?  

(a) आईएलओ 
(b) आईएमएफ 
(c) यूएनसीटीएडी 
(d) डब्ल्यूटीओ 

उत्तर: D 


प्रश्न. 'एग्रीमेंट ऑन एग्रीकल्चर (Agreement on Agriculture)' एग्रीमेंट ऑन दि एप्लीकेशन ऑफ सैनिटरी एंड फाइटोसैनिटरी मेज़र्स (Agreement on Application of Sanitary and Phytosanitary Measures)' और 'पीस क्लॉज (Peace Clause)' शब्द प्रायः समाचारों में किसके मामलों के संदर्भ में आते हैं? 

(a) खाद्य और कृषि संगठन 
(b) जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र का रूपरेखा सम्मेलन 
(c) विश्व व्यापार संगठन 
(d) संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम 

उत्तर: C 

स्रोत: द हिंदू 

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow