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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

यूएई खाद्य की मांग को पूरा करने हेतु फसल उगाएगा भारत

  • 15 Jan 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?


भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) खाद्य सुरक्षा से जुड़ी ज़रूरतों को पूरा करने के लिये ‘कृषि-से-बंदरगाह’ (farm-to-port) विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन ज़ायद की भारत यात्रा के दौरान जारी एक संयुक्त बयान में दोनों देशों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि खाद्य सुरक्षा दोनों पक्षों के लिये उच्च प्राथमिकता क्षेत्र है।

  • प्रमुख बिंदु
  • हाल ही में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने घोषणा की कि UAE और सऊदी अरब ने अपनी खाद्य सुरक्षा संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिये भारत को एक आधार के रूप में उपयोग करने का फैसला किया है।
  • पहली बार भारत की निर्यात नीति के अंतर्गत बागवानी, डेयरी, वृक्षारोपण और मत्स्य पालन के साथ-साथ कृषि क्षमता की पहचान की गई है।

फार्म-टू-पोर्ट प्रोजेक्ट

  • फ़ार्म-टू-पोर्ट प्रोजेक्ट एक विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) के समान होगा। इसके तहत UAE बाज़ार को ध्यान में रखते हुए एक सामूहिक एवं संगठित कृषि की शैली में विशिष्ट फसलों को उगाया जाएगा।
  • इस अवधारणा को दोनों देशों की सरकारों ने स्वीकार किया है।
  • खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना दोनों देशों के लिये उच्च प्राथमिकता का क्षेत्र रहा है, जिसमें 2015 से सुधार जारी है।
  • इसके अतिरिक्त UAE में खाद्य सुरक्षा पार्कों की स्थापना संबंधी एक प्रस्ताव भी पेश किया गया है, जिसमें उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य प्रसंस्करण हेतु बुनियादी ढाँचे का विकास, एकीकृत कोल्ड चेन का निर्माण, मूल्य संवर्द्धन, संरक्षण प्रौद्योगिकी, खाद्य उत्पादों की पैकेजिंग और विपणन आदि शामिल है।

लाभ

  • निर्यात नीति से महाराष्ट्र के नासिक में अंगूर, रत्नागिरी/सिंधुदुर्ग में आम, नागपुर में संतरे तथा लासलगाँव में प्याज का निर्यात होने से वहाँ के किसानों को विशेष रूप से लाभ प्राप्त होगा।
  • इससे दोनों देशों के मध्य संबंधों में मज़बूती आएगी। साथ ही निर्यात में वृद्धि होने से किसानों के साथ-साथ देश की आर्थिक संवृद्धि में भी इज़ाफा होगा।

भारत में निवेश के संदर्भ में वैश्विक रूझान

  • पिछले कुछ समय से अर्जेंटीना, उत्तरी अमेरिका, यूरोप, एशिया और कोरिया आदि कई देशों ने भारतीय लॉजिस्टिक क्षेत्र में निवेश करने में अपनी रुचि दिखाई है।
  • जहाँ एक ओर विश्व की कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाएँ भारत में निवेश करना चाहती हैं, वहीँ दूसरी ओर भारत मध्य अफ्रीकी राष्ट्र अंगोला में निवेश की योजना बना रहा है।
  • जैसा कि हम जानते हैं कि अंगोला खनिज भंडार में समृद्ध है। ऐसे में अंगोला में अपनी स्थिति को मज़बूत आधार प्रदान करने के लिये भारत एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बैंक ऑफ इंडिया के ज़रिये यहाँ निवेश की योजना बना रहा है। ऐसे में यह पहल देश के आर्थिक विकास में सहायक होगा।
  • भारत निर्यात के लिये तैयार है। खाड़ी क्षेत्र से बड़ी खरीदारी संभव है। UAE जैविक और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों में निवेश करना चाहता है। यहाँ किसानों को उत्पादन लागत का 150% न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में पहले से ही मिल रहा है। यदि कोई किसान निर्यात करता है तो वह बहुत अधिक लाभ प्राप्त करेगा।

स्रोत : द हिंदू

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