अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत-मंगोलिया रणनीतिक साझेदारी
- 18 Oct 2025
- 82 min read
प्रिलिम्स के लिये: मंगोलिया, महत्त्वपूर्ण खनिज, दुर्लभ मृदा तत्त्व, कोकिंग कोयला, गोबी रेगिस्तान, हिम तेंदुआ, कस्तूरी मृग, नोमैडिक एलीफेंट, खान क्वेस्ट।
मेन्स के लिये: भारत-मंगोलिया सामरिक साझेदारी की गतिशीलता, बौद्ध कूटनीति, संसाधन संपन्न, स्थलरुद्ध राष्ट्रों के साथ भारत के जुड़ाव में सॉफ्ट पावर और विकास साझेदारी की भूमिका।
चर्चा में क्यों?
मंगोलिया के राष्ट्रपति ने दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगाँठ और सामरिक साझेदारी की 10वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में भारत की राजकीय यात्रा की।
मंगोलिया के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के मुख्य परिणाम क्या हैं?
- रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग: भारत ने मंगोलिया के सीमा सुरक्षा बलों के लिये क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू किया तथा प्रशिक्षण कार्यक्रमों और भारतीय दूतावास में रक्षा अताशे के माध्यम से रक्षा संबंधों को मज़बूत किया।
- ऊर्जा सुरक्षा: इस यात्रा से मंगोलिया में 1.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तेल रिफाइनरी परियोजना की पुष्टि हुई, जिसे भारतीय ऋण सहायता द्वारा वित्तपोषित किया जाएगा, जो भारत की सबसे बड़ी वैश्विक विकास साझेदारी है तथा मंगोलिया की ऊर्जा सुरक्षा के लिये महत्त्वपूर्ण है।
- आर्थिक साझेदारी: महत्त्वपूर्ण खनिजों, दुर्लभ मृदा तत्त्वों और कोकिंग कोल में सहयोग को प्राथमिकता के रूप में रेखांकित किया गया, जिसमें भारत मंगोलियाई कोकिंग कोल के आयात के लिये व्लादिवोस्तोक (रूस) और तियानजिन बंदरगाह (चीन) के माध्यम से रसद मार्गों पर विचार कर रहा है।
- सांस्कृतिक संपर्क: भारत भगवान बुद्ध के शिष्यों सारिपुत्र और मौद्गल्यायन के पवित्र अवशेष मंगोलिया भेजेगा साथ ही सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिये लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद और अरखांगई प्रांत के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए।
- भारत गंडन मठ (मंगोलिया) में एक संस्कृत शिक्षक भी भेजेगा तथा दस लाख प्राचीन मंगोल पांडुलिपियों को डिजिटल बनाने की परियोजना शुरू करेगा।
- विकास सहयोग और कौशल विकास: दोनों देशों ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान, आव्रजन सहयोग, आपदा प्रबंधन, और मंगोलिया स्थित बोगद खान पैलेस के पुनरुद्धार से संबंधित समझौतों पर हस्ताक्षर किये। साथ ही, अटल बिहारी वाजपेयी आईटी उत्कृष्टता केंद्र और भारत-मंगोलिया मैत्री विद्यालय के माध्यम से भारत की विकास और क्षमता निर्माण में सक्रिय भूमिका को रेखांकित किया गया।
मंगोलिया
- भौगोलिक स्थिति: मंगोलिया एशिया का एक स्थल-रुद्ध (Landlocked) देश है, जो उत्तर में रूस और दक्षिण में चीन के बीच स्थित है। यह देश अत्यंत शुष्क है, जहाँ प्रति वर्ष औसतन केवल 4 इंच वर्षा होती है।
- दक्षिणी मंगोलिया में गोबी मरुस्थल फैला हुआ है, जो एक शीत मरुस्थल है।
- मंगोलिया को “अनंत नीले आकाश की भूमि (Land of the Eternal Blue Sky)” और “घोड़ों की भूमि (Land of the Horse)” के नाम से भी जाना जाता है।
- जनजीवन एवं संस्कृति: अधिकांश मंगोलियाई लोग पारंपरिक युर्ट (Yurts) या गेर (Gers) नामक गुंबदाकार तंबुओं में रहते हैं।
- गर्मियों में मनाया जाने वाला नादाम उत्सव खेलकूद, पारंपरिक खेलों और भोजन का उत्सव है, जिसमें बच्चे भी घुड़दौड़ जैसी प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं।
- जनसंख्या का अधिकांश भाग पारंपरिक घुमंतू पशुपालन करता है। मंगोलिया में प्रमुख जातीय समूहों में मंगोल, कज़ाख और टुवान शामिल हैं।
- प्रकृति एवं वन्यजीवन: मंगोलिया में कई विशिष्ट प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जैसे दो कूबड़ वाले बेक्ट्रियन ऊँट और मंगोलियाई घोड़े (Mongolian Horses)।
- संकटग्रस्त प्रजातियों (Endangered Species) में हिम तेंदुआ (Snow Leopard) और कस्तूरी मृग (Musk Deer) प्रमुख हैं।
- विश्व का पहला डायनासोर अंडा भी गोबी मरुस्थल में खोजा गया था, जहाँ लगभग 10 करोड़ वर्ष पुराने (लेट क्रिटेशियस काल) अनेक डायनासोर जीवाश्म भी मिले हैं।
- इतिहास: 13वीं शताब्दी में चंगेज़ खान और उनके पुत्रों के नेतृत्व में मंगोल साम्राज्य ने एशिया और यूरोप के बड़े हिस्से पर विजय प्राप्त की।
- मार्को पोलो और उनके परिवार को लगभग 1275 ईस्वी में गोबी मरुस्थल पार करने वाले पहले यूरोपीय माना जाता है।
भारत-मंगोलिया संबंधों की स्थिति क्या है?
- ऐतिहासिक संबंध: ऐतिहासिक अनुमानों के अनुसार 4,300 वर्ष पूर्व मंगलदेव के अधीन कांगड़ा राज्य से प्रवास हुआ था, हालाँकि साक्ष्यों का अभाव है।
- हुन्नू राज्य (मंगोलिया में तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व) और महान मंगोल साम्राज्य के दौरान, बौद्ध भिक्षुओं और भारतीय व्यापारियों ने मंगोलिया का दौरा किया तथा 552 ईसा पूर्व में, उदयना (उत्तरी भारत) से लामा नरेंद्रयश ने निरुन राज्य (मंगोलिया) का दौरा किया।
- राजनीतिक संबंध: भारत और मंगोलिया के बीच राजनयिक संबंध 1955 में स्थापित हुये, जिससे भारत समाजवादी गुट के बाहर ऐसा करने वाला पहला देश बन गया। भारत ने संयुक्त राष्ट्र (UN) और गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) में मंगोलिया की सदस्यता का भी समर्थन किया।
- व्यापार संबंध: वर्ष 2024 में, भारत-मंगोलिया द्विपक्षीय व्यापार 111 मिलियन अमेरिकी डॉलर का था। मंगोलिया को भारत के निर्यात में दवाइयाँ, खनन मशीनरी और ऑटो पार्ट्स शामिल हैं, जबकि आयात में मुख्य रूप से कच्चा कश्मीरी ऊन शामिल है।
- रक्षा सहयोग: भारत-मंगोलिया संयुक्त अभ्यास नोमैडिक एलीफेंट प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है तथा भारत मंगोलिया द्वारा आयोजित सप्ताह भर चलने वाले अभ्यास खान क्वेस्ट में भी भाग लेता है।
- मानवीय सहायता: भारत ने ज़ूद (अत्याधिक सर्दी) से प्रभावित सुखबातर ऐमाग में चरवाहों के बच्चों को 20,000 अमेरिकी डॉलर (बिस्तर, चादरें, खिलौने) की मानवीय सहायता प्रदान की तथा बाढ़ प्रभावित प्रांतों बयान उलगी, अरहंगई और हुव्सगुल को 50,000 अमेरिकी डॉलर की सहायता प्रदान की ।
- सांस्कृतिक संबंध: वर्ष 1961 का भारत-मंगोलिया सांस्कृतिक समझौता सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (सीईपी) को नियंत्रित करता है, जो छात्रवृत्ति, विशेषज्ञ आदान-प्रदान और सम्मेलन में भागीदारी के माध्यम से शैक्षिक सहयोग को सुविधाजनक बनाता है।
- स्कूली बच्चों के लिये अखिल मंगोलियाई भारतीय नृत्य प्रतियोगिता, मेलोडी ऑफ गंगा, का आयोजन किया जा रहा है।
भारत-मंगोलिया साझेदारी को मज़बूत बनाने में कौन-से कारक बाधा डाल रहे हैं?
- भौगोलिक एवं तार्किक अवरोध: मंगोलिया की स्थलरुद्ध स्थिति द्विपक्षीय व्यापार और निवेश के लिये एक मौलिक तार्किक अवरोध उत्पन्न करती है।
- भारत के लिये महत्त्वपूर्ण खनिज निर्यात और मंगोलिया की तेल रिफाइनरी के लिये ऋण (LOC) आयात सहित सभी वस्तुओं की आवाजाही रूस या चीन के माध्यम से होनी चाहिये, जिससे लागत बढ़ेगी तथा भारत की व्यापार प्रतिस्पर्द्धात्मकता कम होगी।
- आर्थिक पैमाने और व्यापार की मात्रा में असमानता: वर्ष 2015 से रणनीतिक साझेदारी के बावजूद, वास्तविक द्विपक्षीय व्यापार नगण्य (वर्ष 2024 में लगभग 110 मिलियन अमरीकी डॉलर) बना हुआ है, विशेष रूप से मंगोलिया की चीन पर आर्थिक निर्भरता की तुलना में।
- पड़ोसियों के प्रति भू-राजनीतिक भेद्यता: मंगोलिया की "तीसरे पड़ोसी" की नीति चीन और रूस को संतुलित करने के लिये भारत को एक लोकतांत्रिक और आध्यात्मिक साझेदार के रूप में मानती है।
- हालाँकि, इस संबंध को गहरा करने के लिये भारत द्वारा उठाए गए किसी भी आक्रामक कदम को उसके शक्तिशाली पड़ोसियों द्वारा भू-राजनीतिक उकसावे के रूप में देखा जा सकता है, जिससे सहयोग जटिल हो सकता है तथा मंगोलिया के लिये अस्थिरता उत्पन्न हो सकती है।
- परियोजना कार्यान्वयन और राजनीतिक अस्थिरता: भारत की प्रमुख परियोजनाओं, विशेष रूप से 1.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तेल रिफाइनरी (2028 तक अपेक्षित) की समय-सीमा और सफल निष्पादन में देरी, लागत में वृद्धि तथा मंगोलिया में स्थानीय राजनीतिक अस्थिरता की आशंका है।
- धीमी गति से क्रियान्वयन या नीतिगत परिवर्तन से संशय और आलोचना उत्पन्न हो सकती है, जिससे समझौता ज्ञापनों को स्थायी रणनीतिक लाभ में बदलने के लिये आवश्यक विश्वास को बढ़ावा नहीं मिल पाता।
मंगोलिया के साथ अपने संबंधों को गहरा करने के लिये भारत क्या उपाय अपना सकता है?
- महत्त्वपूर्ण खनिज साझेदारी: मंगोलिया के दुर्लभ पृथ्वी तत्त्वों (जैसे, तांबा, यूरेनियम) को निकालने के लिये कोयला गैसीकरण परियोजनाओं और संयुक्त उद्यमों में निवेश करना, जिससे महत्त्वपूर्ण खनिजों के लिये चीन पर भारत की निर्भरता कम हो जाएगी।
- रणनीतिक संपर्क: मंगोलिया की "तीसरे पड़ोसी" नीति को मज़बूत करने के लिये सीधी उड़ानें (जैसे, दिल्ली-उलानबटार) शुरू करना और डिजिटल बुनियादी ढाँचे (जैसे, ई-गवर्नेंस के लिये इंडिया स्टैक) पर सहयोग करना।
- रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग: भारत की उच्च-ऊँचाई संचालन विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए शांति स्थापना, आतंकवाद-निरोधक अभियानों और शीत मरुस्थलीय युद्ध से संबंधित संयुक्त सैन्य अभ्यासों का दायरा और दायित्व बढ़ाना।
- सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देना: बौद्ध विरासत स्थलों (जैसे, गंडन मठ) के जीर्णोद्धार के लिये धन मुहैया कराना और नालंदा विश्वविद्यालय के माध्यम से विद्वानों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना, साथ ही भारतीय मीडिया में मंगोलिया की रुचि को बढ़ाने के लिये संयुक्त सांस्कृतिक कार्यक्रमों और सिनेमा सह-निर्माण का आयोजन करना।
- कृषि एवं खाद्य सुरक्षा: भारत के सहकारी डेयरी मॉडल (जैसे अमूल) में अपनी विशेषज्ञता को साझा करते हुए मांस निर्यात अवसंरचना का आधुनिकीकरण करना तथा मरुस्थलीकरण से निपटने हेतु सूखा-प्रतिरोधी फसलों की प्रौद्योगिकियाँ उपलब्ध कराना।
निष्कर्ष:
मंगोलिया के राष्ट्रपति की भारत यात्रा ने द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाते हुए एक दशक पुरानी रणनीतिक साझेदारी को सशक्त बनाया तथा रक्षा, ऊर्जा, आर्थिक, सांस्कृतिक और कौशल विकास सहयोग को और गहरा किया। 1.7 अरब अमेरिकी डॉलर की तेल रिफाइनरी परियोजना, सीमा सुरक्षा हेतु क्षमता निर्माण, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की ऐतिहासिक पहलों के माध्यम से इस यात्रा ने दोनों देशों के बीच विश्वास, क्षेत्रीय साझेदारी और जन-से-जन संबंधों को और प्रगाढ़ किया।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. मंगोलिया कहाँ स्थित है?
मंगोलिया एशिया में एक स्थलरुद्ध देश है, जिसके उत्तर में रूस और दक्षिण में चीन स्थित है।
2. भारत और मंगोलिया के बीच क्या सांस्कृतिक सहयोग मौजूद हैं?
पहलों में बौद्ध अवशेष भेजना, गंडन मठ में एक संस्कृत शिक्षक भेजना, पांडुलिपियों का डिजिटलीकरण, नालंदा विश्वविद्यालय को जोड़ना और लद्दाख-अरखांगई सांस्कृतिक सहयोग जैसे समझौता ज्ञापन शामिल हैं।
3. भारत और मंगोलिया रक्षा क्षेत्र में किस प्रकार सहयोग करते हैं?
सीमा बलों के लिये क्षमता निर्माण कार्यक्रमों, प्रशिक्षण पहलों, एक रक्षा अताशे और नोमैडिक एलिफेंट तथा खान क्वेस्ट जैसे संयुक्त अभ्यासों के माध्यम से।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न
प्रश्न. "जलवायु चरम है, वर्षा कम है और लोग चलवासी पशुचारक हुआ करते थे।" (2013)
उपर्युक्त कथन निम्नलिखित क्षेत्र में से किसका सबसे अच्छा वर्णन करता है?
(a) अफ्रीकी सवाना
(b) मध्य एशियाई स्टेपी
(c) उत्तरी अमेरिकी प्रेयरी
(d) साइबेरियाई टुंड्रा
उत्तर: (b)