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इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फोरम 2022

  • 14 Dec 2022
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये:

इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फोरम 2022

मेन्स के लिये:

इंटरनेट गवर्नेंस, मौलिक अधिकार, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप

चर्चा में क्यों?

हाल ही में इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी तथा कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री ने  इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (India Internet Governance Forum- IIGF) 2022 को संबोधित किया। 

  • वर्ष 2022 के लिये थीम: ‘भारत के सशक्तिकरण के लिये प्रौद्योगिकी के दशक का उपयोग’ (Leveraging Techade for Empowering Bharat)
  • इस आयोजन का लक्ष्य डिजिटलीकरण के रोडमैप पर चर्चा करना और इंटरनेट गवर्नेंस पर अंतर्राष्ट्रीय नीति विकास में भारत की भूमिका एवं महत्त्व पर ज़ोर देकर वैश्विक मंच पर इसकी पुष्टि करना था।

IIGF के बारे में: 

  • इंडिया इंटरनेट गवर्नमेंट फोरम (IIGF) वास्तव में संयुक्त राष्ट्र इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (UN-IGF) से जुड़ी पहल है। 
  • यह एक बहु-हितधारक मंच है जो इंटरनेट से संबंधित सार्वजनिक नीति के मुद्दों पर चर्चा करने के लिये विभिन्न समूहों के प्रतिनिधियों को एकजुट करता है।
  • भारत की इंटरनेट कनेक्टिविटी की स्थिति
    • भारत 800 मिलियन भारतीय उपयोगकर्त्ताओं के साथ विश्व का सबसे बड़ा  इंटरनेट कनेक्टिविटी वाला देश है।
    • 5जी और भारतनेट की सबसे बड़ी ग्रामीण ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी नेटवर्क परियोजना में भारतीय उपयोगकर्त्ताओं की संख्या 1.2 बिलियन होगी जो वैश्विक स्तर पर इंटरनेट की सबसे बड़ी उपस्थिति का प्रतिनिधित्त्व करेंगे।
    • भारत ने वैश्विक दक्षिण के देशों के लिये इंटरनेट तक पहुँच में भी सुधार किया है, ये वो देश हैं जो अपनी अर्थव्यवस्थाओं के विकास में इन्टरनेट की सहायता और डिजिटलीकरण की कमी से अर्थव्यवस्था को आवश्यक गति प्रदान करने में सक्षम नहीं हैं।
  • इंटरनेट के लाभ: 
    • इन लाभों में उत्पादकता, वित्तीय स्वतंत्रता और सूचना तक अधिक पहुँच शामिल हैं।

इंटरनेट गवर्नेंस

  • परिचय: 
    • इंटरनेट गवर्नेंस को मुख्यतः सरकारों, निजी क्षेत्र और नागरिक समाज द्वारा साझा सिद्धांतों, मानदंडों, नियमों, निर्णय लेने की प्रक्रियाओं और कार्यक्रमों की अपनी-अपनी भूमिकाओं में विकास और अनुप्रयोग के रूप में परिभाषित किया गया है, जो इंटरनेट के विकास और उपयोग को बढ़ावा देते हैं।
    • इसमें तकनीकी मानकों के विकास और समन्वय, महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे के संचालन एवं सार्वजनिक नीति के मुद्दों जैसी गतिविधियों को शामिल किया गया है। 
    • इंटरनेट गवर्नेंस में इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेसिंग (IP Addressing), डोमेन नेम सिस्टम (DNS), रूटिंग, तकनीकी नवाचार, मानकीकरण, सुरक्षा, सार्वजनिक नीति, गोपनीयता, कानूनी मुद्दे, साइबर मानदंड, बौद्धिक संपदा और कराधान शामिल हैं।
  • इंटरनेट गवर्नेंस के आयाम:
    • भौतिक अवसंरचना
    • कोड या तार्किक आयाम
    • विषय वस्तु
    • सुरक्षा
  • भारत का दृष्टिकोण:
    • भारत इंटरनेट गवर्नेंस के मामलों में बहु-हितधारक दृष्टिकोण का समर्थन करता है।
    • राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों पर सरकार का सर्वोच्च अधिकार और नियंत्रण बना रहेगा।
    • इस क्षेत्र में भारत की ताकत इसका उद्योग और मानव संसाधन है जिसका बहु-हितधारक दृष्टिकोण में लाभ उठाया जा सकता है।
  • चुनौतियाँ:
    • इंटरनेट की निरंतर विकसित होती प्रकृति, कुछ कंपनियों और देशों में डिजिटल शक्ति का संकेंद्रण, मांग पक्ष के बजाय आपूर्ति पक्ष द्वारा निर्णय लेना आदि।

स्रोत: पी.आई.बी.

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