अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत-अर्जेंटीना संबंध
- 09 Jul 2025
- 18 min read
प्रिलिम्स के लिये:17वाँ ब्रिक्स शिखर सम्मेलन, लिथियम, भारत–अर्जेंटीना लिथियम साझेदारी, मुक्त व्यापार समझौता,अर्जेंटीना, भारत-अर्जेंटीना व्यापार परिषद (IABC), भारत-मर्कोसुर अधिमान्य व्यापार समझौता (PTA), मेन्स के लिये:भारत-अर्जेंटीना संबंध, लैटिन अमेरिका के साथ भारत के संबंध: संभावनाएँ और चुनौतियाँ |
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
भारत के प्रधानमंत्री ने 75 वर्ष के राजनयिक संबंधों और 5 वर्ष की सामरिक साझेदारी के उपलक्ष्य में 57 वर्षों में पहली बार अर्जेंटीना का दौरा किया।
- भारत की बढ़ती वैश्विक प्रमुखता और द्विपक्षीय संबंधों की मज़बूती को मान्यता देते हुए उन्हें " ब्यूनस आयर्स शहर" से सम्मानित किया गया।
अर्जेंटीना:
- राजधानी: ब्यूनस आयर्स
- स्थान: दक्षिणी दक्षिण अमेरिका, विश्व स्तर पर 8वाँ सबसे बड़ा देश (क्षेत्रवार) और दक्षिण अमेरिका में दूसरा सबसे बड़ा देश (ब्राज़ील के बाद)।
- इसकी सीमा चिली (पश्चिम/दक्षिण), बोलीविया तथा पैराग्वे (उत्तर), ब्राज़ील (उत्तरपूर्व), उरुग्वे और अटलांटिक महासागर (पूर्व) से लगती है।
- स्थलाकृति: 4 प्रमुख क्षेत्रों में विभाजित, एंडी पर्वत (सबसे ऊँची चोटी सेरो एकॉनकागुआ के साथ), उत्तरी क्षेत्र, पम्पास (कृषि हृदयभूमि) और पैटागोनिया (दक्षिण)।
- अर्थव्यवस्था: संसाधन संपन्न, कुशल कार्यबल के साथ औद्योगिक अर्थव्यवस्था, दक्षिण अमेरिका की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
प्रधानमंत्री की अर्जेंटीना यात्रा: मुख्य बिंदु
- सामरिक और आर्थिक जुड़ाव: भारत और अर्जेंटीना ने द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिये भारत-मर्कोसुर अधिमान्य व्यापार समझौते (PTA) का विस्तार करने पर सहमति व्यक्त की।
- फोकस क्षेत्रों में व्यापार विविधीकरण, प्राथमिक वस्तुओं पर निर्भरता कम करना और उभरते क्षेत्रों में निवेश बढ़ाना शामिल है।
- ऊर्जा सुरक्षा और महत्त्वपूर्ण खनिज सहयोग: दोनों राष्ट्रों ने अर्जेंटीना के दूसरे सबसे बड़े शेल गैस और चौथे सबसे बड़े शेल तेल भंडार का लाभ उठाते हुए शेल ऊर्जा सहयोग के लिये प्रतिबद्धता जताई।
- भारत ने अपनी बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये ONGC विदेश और अर्जेंटीना की सरकारी स्वामित्व वाली ऊर्जा कंपनी YPF के तहत तेल एवं गैस सहयोग बढ़ाने में भी रुचि दिखाई।
- रक्षा एवं डिजिटल सहयोग: भारत और अर्जेंटीना ने सह-विकास और तकनीकी हस्तांतरण के माध्यम से रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा देने तथा UPI, टेलीमेडिसिन और डिजिटल स्वास्थ्य जैसे भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे को अपनाने का विस्तार करने, रणनीतिक और तकनीकी साझेदारी को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।
- साझा लोकतांत्रिक मूल्य और सॉफ्ट पावर कूटनीति: दोनों नेताओं ने लोकतांत्रिक मूल्यों, दक्षिण-दक्षिण सहयोग और बहुपक्षवाद के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
- प्रधानमंत्री द्वारा जनरल सैन मार्टिन (अर्जेंटीना के राजनेता और राष्ट्रीय नायक) की प्रतिमा का दौरा, दोनों देशों के लोगों के बीच मजबूत संबंधों और लैटिन अमेरिका में भारत की बढ़ती सॉफ्ट पावर का प्रतीक है।
भारत और अर्जेंटीना के बीच सहयोग के प्रमुख क्षेत्र क्या हैं?
- राजनीतिक संबंध: भारत ने वर्ष 1949 में ब्यूनस आयर्स में अपना दूतावास स्थापित किया, वहीं अर्जेंटीना ने वर्ष 2009 में मुंबई में अपना महावाणिज्य दूतावास खोलकर द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा दी।
- वर्ष 2024 में भारत और अर्जेंटीना ने अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगाँठ मनाई। फरवरी 2019 में अर्जेंटीना के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के बाद, दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक विस्तारित किया गया, जिससे सहयोग के नए आयाम स्थापित हुए।
- भारत और अर्जेंटीना के बीच मज़बूत लोकतांत्रिक संबंध हैं जो साझा मूल्यों एवं आपसी सम्मान पर आधारित हैं।
- आर्थिक सहयोग: वर्ष 2024 में भारत और अर्जेंटीना के बीच द्विपक्षीय व्यापार 5.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया, जिसमें वर्ष 2025 में 53.9% की उल्लेखनीय वृद्धि का अनुमान है। भारत, अर्जेंटीना का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन चुका है। व्यापार और निवेश को प्रोत्साहित करने में भारत-अर्जेंटीना व्यापार परिषद (IABC) एक महत्त्वपूर्ण सेतु की भूमिका निभा रही है।
- भारत से प्रमुख निर्यात: पेट्रोलियम उत्पाद, कृषि रसायन, वस्त्र और फार्मास्यूटिकल्स
- भारत में प्रमुख आयात: सोयाबीन तेल, चमड़ा और अनाज।
- भारत-मर्कोसुर PTA भारत और मर्कोसुर ब्लॉक (1991 में स्थापित एक लैटिन अमेरिकी व्यापार ब्लॉक) के बीच वर्ष 2004 में हस्ताक्षरित और वर्ष 2009 से लागू एक व्यापार समझौता है।
- यह पहल द्विपक्षीय व्यापार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कुछ प्रमुख वस्तुओं पर टैरिफ रियायतें प्रदान करती है और भारत-अर्जेंटीना के बीच आर्थिक सहयोग को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है, जो आगे चलकर संभावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।
- ऊर्जा और महत्त्वपूर्ण खनिज: लिथियम त्रिभुज का हिस्सा अर्जेंटीना, भारत के स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन के लिये महत्त्वपूर्ण लिथियम, ताँबा और दुर्लभ पृथ्वी तत्त्वों की आपूर्ति करता है।
- भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी काबिल ने अर्जेंटीना में रणनीतिक लिथियम अन्वेषण और खनन अधिकार प्राप्त किये हैं। यह पहल भारत की संसाधन सुरक्षा को सुदृढ़ करने के साथ-साथ महत्त्वपूर्ण खनिजों के लिये विदेशी निर्भरता को भी कम करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
- अन्य ऊर्जा क्षेत्रों में मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों में एचएएल-अर्जेंटीना वायु सेना सहयोग (रक्षा) और हेवी वाटर बोर्ड-न्यूक्लियर इलेक्ट्रिक कंपनी साझेदारी (परमाणु ऊर्जा) शामिल हैं।
- तकनीकी और विकास सहयोग: भारत ने ITEC छात्रवृत्ति, ICCR कार्यक्रमों और क्षमता निर्माण पहलों के माध्यम से अर्जेंटीना के साथ विकास सहयोग को मज़बूत किया है।
- सी-डैक के सहयोग से नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ हर्लिंगम में स्थापित भारत-अर्जेंटीना IT उत्कृष्टता केंद्र (IA-CEIT) कौशल विकास को बढ़ावा देता है।
- अर्जेंटीना ने इसरो के उन्नति कार्यक्रम और IIT कानपुर में अंतरिक्ष प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में भी भाग लिया है।
- सांस्कृतिक एवं मूल्य-आधारित संबंध: भारत और अर्जेंटीना के बीच मज़बूत सांस्कृतिक जुड़ाव तथा समान लोकतांत्रिक मूल्यों की साझेदारी है, जो दक्षिण-दक्षिण सहयोग को साझा प्रयासों एवं आपसी सहयोग के माध्यम से और अधिक सुदृढ़ बनाती है।
- अर्जेंटीना में भारतीय सांस्कृतिक संस्थानों (आर्ट ऑफ लिविंग, इस्कॉन आदि) की मज़बूत उपस्थिति है।
- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (IDY), आयुर्वेद दिवस और गांधी@150 जैसे आयोजनों में बड़ी संख्या में लोग भाग लेते हैं।
- टैगोर@160 जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से साहित्यिक और बौद्धिक संबंधों को भी मनाया गया।
नोट:
- प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वर्ष 1968 में अपने दक्षिण अमेरिका दौरे के दौरान अर्जेंटीना का दौरा किया और वहाँ की प्रसिद्ध बौद्धिक लेखिका विक्टोरिया ओकाम्पो से मुलाकात की। इस अवसर पर उन्हें रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित विश्वभारती विश्वविद्यालय की ओर से मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई।
- रवींद्रनाथ टैगोर वर्ष 1924 में पेरू की यात्रा के दौरान ब्यूनस आयर्स में बीमार पड़ गए थे और उनका स्वागत अर्जेंटीना की बौद्धिक लेखिका विक्टोरिया ओकाम्पो ने किया था।
- उन्होंने 'पूरबी' की रचना की और उसे उन्हें समर्पित किया।
- इस मुलाकात से एक स्थायी सांस्कृतिक बंधन स्थापित हुआ और ओकाम्पो ने अपनी पत्रिका सुर के माध्यम से भारतीय विचारों को बढ़ावा दिया, जिससे अर्जेंटीना की भारतीय संगीत, नृत्य, योग तथा अध्यात्म में रुचि और गहरी हुई।
भारत और लैटिन अमेरिका के बीच हालिया वर्षों में संबंध किस प्रकार विकसित हुए?
- ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: भारत लैटिन-अमेरिका के साथ लंबे समय से सांस्कृतिक और वैचारिक रूप से जुड़ा रहा है, जिसका प्रमाण पांडुरंग खानखोजे जैसी हस्तियों से मिलता है, जिन्होंने मैक्सिको में कृषि क्षेत्र में योगदान दिया और एम.एन. रॉय जैसे विचारकों से, जो भारतीय एवं मैक्सिकन कम्युनिस्ट पार्टियों की स्थापना से जुड़े रहे।
- वर्ष 1961 में प्रधानमंत्री नेहरू की मैक्सिको यात्रा और वर्ष 1968 में इंदिरा गांधी द्वारा आठ लैटिन अमेरिकी तथा कैरेबियाई (LAC) देशों की यात्रा ने भारत एवं LAC देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को औपचारिक रूप प्रदान किया, जिससे इन संबंधों की कूटनीतिक आधारशिला रखी गई।
- ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (ब्राज़ील, 2014) में भारत की भागीदारी ने इस क्षेत्र में भारत की रणनीतिक पहुँच का पुनर्निर्माण भी किया।
- भारत ने वर्ष 1997 में 'फोकस एलएसी' कार्यक्रम की शुरुआत की और द्विपक्षीय व्यापार एवं आर्थिक सहयोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सात लैटिन अमेरिकी तथा कैरेबियाई (LAC) देशों के साथ व्यापारिक समझौतों पर हस्ताक्षर किये।
- अर्थव्यवस्था, व्यापार और वाणिज्य:
- व्यापार आँकड़े: भारत-एलएसी व्यापार वर्ष 2023 में 43.2 बिलियन अमेरीकी डॉलर तक पहुँच गया और वर्ष 2027 तक 100 बिलियन अमेरीकी डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है।
- व्यापारिक साझेदार: ब्राज़ील (शीर्ष), मैक्सिको, कोलंबिया, पेरू, अर्जेंटीना।
- रणनीतिक आर्थिक अनुकूलता: लैटिन अमेरिका को भारत के लिये एक "गोल्डीलॉक्स ज़ोन" के रूप में माना जाता है, जो एक ओर अमेरिका और यूरोप जैसे सख्त नियमों वाले बाज़ारों एवं दूसरी ओर अफ्रीकी बाज़ारों में प्रतिस्पर्द्धा की अपेक्षाकृत कम तीव्रता के बीच संतुलित अवसर प्रदान करता है।
- PTA पर हस्ताक्षर: भारत ने चिली और मर्कोसुर समूह के साथ अधिमान्य व्यापार समझौतों (PTA) पर हस्ताक्षर किये हैं, जबकि मर्कोसुर अब एक एकीकृत साझा बाज़ार की दिशा में अग्रसर है।
- राजनीतिक और व्यावसायिक सहयोग: लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई क्षेत्र (LAC) की विदेश नीति दृष्टिकोण में एक नई सक्रियता तथा पुनर्संयोजन देखा जा रहा है।
- अप्रैल 2023 में भारत के विदेश मंत्री ने गुयाना, पनामा, कोलंबिया और डोमिनिकन गणराज्य की पहली आधिकारिक यात्रा की।
- ब्राज़ील, लैटिन अमेरिका में भारत का प्रमुख रणनीतिक साझेदार रहा है, जो ब्रिक्स, IBSA (भारत-ब्राज़ील-दक्षिण अफ्रीका) और जी-20 जैसे बहुपक्षीय मंचों पर सक्रिय तथा घनिष्ठ सहयोग प्रदान करता है।
- दोनों क्षेत्र संप्रभुता और स्वतंत्र विदेश नीति के सिद्धांत पर समान दृष्टिकोण रखते हैं। भारत की नीति लैटिन अमेरिका की सक्रिय गुटनिरपेक्षता (NN) के रुख के साथ मेल खाती है, जिसकी झलक रूस-यूक्रेन संघर्ष जैसे वैश्विक मुद्दों पर साझा और संतुलित दृष्टिकोण में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।
- सांस्कृतिक संबंध: महात्मा गांधी की अहिंसा की विरासत लैटिन अमेरिका में समुद्री तट पर स्थित है।
- महात्मा गांधी के दर्शन को लैटिन अमेरिका में नागरिक समाज संस्थाओं, विशेषकर ब्राज़ील की 'पलास एथेनास' संस्था द्वारा सक्रिय रूप से प्रसारित किया जाता है, जिससे भारत और इस क्षेत्र के बीच साझा नैतिक तथा शैक्षिक मूल्यों की आधारशिला और अधिक सुदृढ़ होती है।
और पढ़े: भारत के लिये लैटिन अमेरिका का महत्त्व, लैटिन अमेरिकी राष्ट्रों के साथ गहरा संबंध स्थापित करना
निष्कर्ष
भारत-अर्जेंटीना संबंध अब एक पारंपरिक राष्ट्र-से-राष्ट्र साझेदारी से आगे बढ़कर बहु-आयामी सहयोग में बदल रहे हैं। ऊर्जा, डिजिटल तकनीक, अंतरिक्ष और व्यापार जैसे क्षेत्रों में जन-स्तरीय सहभागिता तथा साझा वैश्विक दक्षिण दृष्टिकोण के साथ, यह साझेदारी 21वीं सदी में दक्षिण-दक्षिण सहयोग के एक आदर्श मॉडल के रूप में उभरने की क्षमता रखती है।
दृष्टि मेन्स परीक्षा प्रश्न: प्रश्न: भारत की वैश्विक पहुँच रणनीति के परिप्रेक्ष्य में भारत-अर्जेंटीना स्टॉक एक्सचेंज सहयोग को सशक्त बनाने की संभावनाओं और अवसरों का मूल्यांकन कीजिये। |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित देशों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त में से कौन आसियान के 'मुक्त-व्यापार भागीदारों' में से हैं? (a) केवल 1, 2, 4 और 5 उत्तर: (c) प्रश्न: 'क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक' साझेदारी' शब्द अक्सर समाचारों में देखा जाता है इसे देशों के एक समूह के मामलों के रूप में जाना जाता है: (2016) (a) जी 20 उत्तर: (b) मेन्स:प्रश्न. शीतयुद्धोत्तर अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य के संदर्भ में, भारत की पूर्वोन्मुखी नीति के आर्थिक और सामरिक आयामों का मूल्याकंन कीजिये। (2016) |