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अतुल्य भारत टूरिस्ट फैसिलिटेटर सर्टिफिकेशन प्रोग्राम

  • 08 Jun 2021
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) के अवसर पर पर्यटन मंत्री ने ‘अतुल्य भारत टूरिस्ट फैसिलिटेटर सर्टिफिकेशन प्रोग्राम’ (IITFC) की सराहना की।

प्रमुख बिंदु:

  • IITFC कार्यक्रम भारत के नागरिकों के लिये पर्यटन मंत्रालय (MoT) की एक डिजिटल पहल है, जिसका लक्ष्य भारत के नागरिकों को तेज़ी से बढ़ते पर्यटन उद्योग का हिस्सा बनाना है।
  • यह एक ऑनलाइन कार्यक्रम है, जहाँ कोई भी अपने समय, स्थान और गति के अनुसार पर्यटन के बारे में सीख सकता है।
  • इस कार्यक्रम के सफल समापन से शिक्षार्थी पर्यटन मंत्रालय का एक ‘सर्टिफाइड टूरिस्ट फैसिलिटेटर’ बन सकेगा।

भारत में पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र:

  • वित्त वर्ष 2020 में भारत में पर्यटन क्षेत्र में 39 मिलियन नौकरियाँ सृजित हुईं, जो कि देश में कुल रोज़गार का 8% था। वर्ष 2029 तक यह लगभग 53 मिलियन नौकरियों का सृजन करेगा।
  • WTTC (वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज़्म काउंसिल) के अनुसार, वर्ष 2019 में जीडीपी में यात्रा और पर्यटन के कुल योगदान के मामले में भारत 185 देशों में 10वें स्थान पर है। वर्ष  2019 के दौरान जीडीपी में यात्रा और पर्यटन का योगदान कुल अर्थव्यवस्था का 6.8% था।
  • वर्ष 2028 तक अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन के 30.5 बिलियन तक पहुँचने और 59 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक राजस्व उत्पन्न होने की उम्मीद है।

पर्यटन मंत्रालय की अन्य पहलें:

  • ‘देखो अपना देश’ अभियान
    • यह नागरिकों को देश के भीतर व्यापक रूप से यात्रा करने और भारत में स्थित विभिन्न धरोहरों का पता लगाने के लिये प्रोत्साहित करने की एक पहल है। जिससे देश में पर्यटन स्थलों में घरेलू पर्यटन सुविधाओं और बुनियादी ढाँचे के विकास को सक्षम बनाया जा सके।
  • प्रसाद योजना:
    • तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक विरासत संवर्द्धन अभियान (प्रसाद) वर्ष 2014-15 में चिन्हित तीर्थ स्थलों के समग्र विकास के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
  • स्वदेश दर्शन योजना:
    • स्वदेश दर्शन एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जो वर्ष 2014-15 में देश में थीम आधारित पर्यटन सर्किट के एकीकृत विकास हेतु शुरू की गई थी।
    • वर्तमान में 15 थीम आधारित सर्किट हैं- बौद्ध, तटीय, रेगिस्तान, पारिस्थितिकी, विरासत, हिमालय, कृष्णा, उत्तर-पूर्व, रामायण, ग्रामीण, आध्यात्मिक, सूफी, तीर्थंकर, आदिवासी और वन्यजीव।

हालिया पहलें:

  • जनवरी 2021 में केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने साहसिक पर्यटन और शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देने के लिये कारगिल (लद्दाख) में एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के बुनियादी ढाँचे को विकसित करने की योजना की घोषणा की।
  • मार्च 2021 तक 171 देशों के नागरिकों के लिये ई-पर्यटक वीज़ा सुविधा का विस्तार किया गया था।
  • ‘इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज़्म कॉरपोरेशन’ (IRCTC) भारत दर्शन पर्यटक ट्रेनों की एक श्रृंखला चलाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को देश भर के विभिन्न यात्रा स्थलों तक ले जाना है।
  • अखिल भारतीय पर्यटक वाहन प्राधिकरण और परमिट नियम, 2021: इसे सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा पेश किया गया था, जिसमें एक पर्यटक वाहन ऑपरेटर अखिल भारतीय पर्यटक प्राधिकरण/परमिट के लिये ऑनलाइन पंजीकरण कर सकता है।

आगे की राह:

  • भारत के यात्रा और पर्यटन उद्योग में विकास की अपार संभावनाएँ हैं।
  • उद्योग क्षेत्र ‘ई-वीज़ा योजना’ के विस्तार की भी उम्मीद कर रहा है, जिससे भारत में पर्यटकों की आमद दोगुनी होने की उम्मीद है।
  • एसोचैम और यस बैंक द्वारा वर्ष 2017 में किये गए एक संयुक्त अध्ययन के अनुसार, उच्च बजटीय आवंटन और कम लागत वाली स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण भारत के यात्रा और पर्यटन उद्योग में 2.5% तक विस्तार करने की क्षमता है।

स्रोत-पीआईबी

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