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मेनिन्जाइटिस को समाप्त करने के लिये वैश्विक रोडमैप: डब्ल्यूएचओ

  • 29 Sep 2021
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

मेनिन्जाइटिस, विश्व स्वास्थ्य संगठन

मेन्स के लिये:

वर्ष 2030 तक मेनिन्जाइटिस को समाप्त करने के लिये जारी वैश्विक रोडमैप का उद्देश्य

चर्चा में क्यों?   

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization-WHO) द्वारा मेनिन्जाइटिस को समाप्त करने के लिये पहली वैश्विक रणनीति- ‘’वर्ष 2030 तक मेनिन्जाइटिस को हराने के लिये वैश्विक रोडमैप’’ (Global Roadmap to Defeat Meningitis by 2030) प्रस्तुत किया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • रोडमैप के बारे में: 
    • लक्ष्य: रोडमैप में तीन दूरदर्शी लक्ष्य शामिल हैं:
      • बैक्टीरियल मेनिन्जाइटिस (Bacterial Meningitis) महामारी को समाप्त करना।
      • वैक्सीन-प्रेवेंटेबल बैक्टीरियल मेनिन्जाइटिस (Vaccine-Preventable Bacterial Meningitis) के मामलों में 50% और मौतों में 70% की कमी लाना।
      • मेनिन्जाइटिस के बाद किसी भी कारण से विकलांगता को कम करना और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना।
    • उद्देश्य:
      • टीकाकरण कवरेज को अधिकतम करना, नए किफायती टीकों का विकास, बेहतर रोकथाम रणनीतियाँ तथा मेनिन्जाइटिस प्रकोप के प्रति प्रतिक्रिया।
      • रोग का शीघ्र निदान और इष्टतम उपचार।
      • रोग की रोकथाम और नियंत्रण प्रयासों का मार्गदर्शन करने हेतु पर्याप्त डेटा उपलब्ध कराना।
      • मेनिन्जाइटिस से प्रभावित लोगों के लिये देखभाल और सपोर्ट, शीघ्र पहचान तथा देखभाल हेतु बेहतर पहुंँच एवं मेनिन्जाइटिस के बाद के प्रभावों पर ध्यान केंद्रित करना।
      • मेनिन्जाइटिस के बारे में उच्च जागरूकता, राष्ट्रीय योजनाओं के लिये  जवाबदेही, साथ ही इसकी रोकथाम, देखभाल के बाद सेवाओं के अधिकार की पुष्टि सुनिश्चित करने हेतु सलाह प्रदान करना।
  •  मेनिन्जाइटिस के बारे में:
    •  मेनिन्जाइटिस:  मेनिन्जाइटिस मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को कवर करने वाली सुरक्षात्मक झिल्लियों की सूजन (सूजन) है। 
      • यह मुख्य रूप से बैक्टीरिया और वायरल संक्रमण के कारण होता है। हालांँकि चोट, कैंसर, कुछ दवाएंँ और अन्य प्रकार के संक्रमण भी मेनिन्जाइटिस का कारण बन सकते हैं।
    • लक्षण: गंभीर सिरदर्द जो सामान्य से अलग लगता है, अचानक तेज बुखार, गर्दन में अकड़न तथा ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई आदि।
    • संचरण: मेनिन्जाइटिस (Meningitis) का कारण बनने वाले अधिकांश बैक्टीरिया जैसे- मेनिंगोकोकस (Meningococcus), न्यूमोकोकस (Pneumococcus) और हीमोफिलस (Haemophilus) इन्फ्लुएंज़ा को मानव नाक और गले में पहुँचाते हैं।
      • ये छींकने से निकलने वाली छोटी बूँदों के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों में फैलते हैं।
      • ग्रुप बी स्ट्रेप्टोकोकस (बैक्टीरिया) अक्सर जन्म के समय माँ से बच्चे में फैलता है।
    • प्रभाव: मेनिन्जाइटिस गंभीर स्वास्थ्य, आर्थिक और सामाजिक परिणामों के साथ घातक तथा दुर्बल करने वाला रोग है, जिसमें आजीवन विकलांगता शामिल है, यह सभी देशों में सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करता है।
      • जीवाणु संक्रमण के कारण होने वाला मेनिन्जाइटिस एक वर्ष में लगभग 2,50,000 मौतों का कारण बनता है जो तेज़ी से फैलने वाली महामारी का रूप ले सकती है।
      • इससे प्रभावित प्रत्येक दस में से एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और प्रत्येक पाँचवाँ व्यक्ति दृष्टि हानि, तंत्रिका संबंधी क्षति, संज्ञानात्मक हानि जैसी बीमारी से ग्रसित हो जाता है।
    • फैलाव: विश्व के सभी क्षेत्रों में पिछले दशक में मेनिन्जाइटिस महामारी की घटना देखी गई है। लेकिन यह 'मेनिन्जाइटिस बेल्ट' में सबसे आम है, जो उप-सहारा अफ्रीका के 26 देशों में फैला है।
    • उपलब्ध टीके: मेनिंगोकोकल (Meningococcal), हीमोफिलस इन्फ्लुएंज़ा टाइप बी (Haemophilus Influenzae Type B) और न्यूमोकोकल (Pneumococcal) टीके।
    • उपचार: मेनिन्जाइटिस के इलाज के लिये एंटीबायोटिक दवाओं की एक शृंखला का उपयोग किया जाता है, जिसमें पेनिसिलिन (Penicillin), एम्पीसिलीन (Ampicillin) और सेफ्ट्रिएक्सोन (Ceftriaxone) शामिल हैं।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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