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भारतीय अर्थव्यवस्था

जीडीपी का अनंतिम अनुमान : भारत तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्था बना रहेगा

  • 01 Jun 2018
  • 12 min read

चर्चा में क्यों?

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्‍वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Programme Implementation)  के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (Central Statistics Office -CSO) ने वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के लिये सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product - GDP) के अनुमान जारी किये। इसके साथ-साथ वित्त वर्ष 2017-18 के लिये राष्ट्रीय आय के अनंतिम अनुमान (Provisional estimates - PE) भी जारी किये गए हैं।

  • हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज़ इन्वेस्टर्स सर्विस ने भी चालू वित्त वर्ष के लिये भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर के अपने अनुमान जारी किये। इन अनुमानों में जीडीपी दर को 7.5 से घटाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया गया है।
  • मुड़ीज़ के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था में क्रमिक सुधार हो रहा है लेकिन तेल की बढ़ती कीमतें और मुश्किल वित्तीय हालात सुधार की रफ्तार को धीमा करेंगी।

चौथी तिमाही 2017-18 के संबंध में अनुमान

  • वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में वर्ष 2011-12 के मूल्‍यों पर जीडीपी वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत आँकी गई है, जबकि वित्त वर्ष 2017-18 की प्रथम तीन तिमाहियों यथा पहली, दूसरी और तीसरी में जीडीपी वृद्धि दर क्रमश: 5.6, 6.3 तथा 7.0 प्रतिशत रही थी।
  • जीडीपी वृद्धि दर के इस उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन में कृषि (4.5 प्रतिशत), विनिर्माण (9.1 प्रतिशत) और निर्माण (11.5 प्रतिशत) क्षेत्र का उल्‍लेखनीय योगदान है। 
  • क्षेत्रवार स्‍तर पर कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों, उद्योग और सेवा क्षेत्रों के लिये स्थिर (2011-12) मूल्‍यों पर जीवीए (Gross Value Added) वृद्धि दर क्रमश: 4.5, 8.8 और 7.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
  • पूंजीगत सामान की 9.0 प्रतिशत की वृद्धि दर की बदौलत स्थिर मूल्‍यों पर सकल स्‍थायी पूंजी निर्माण की वृद्धि दर चौथी तिमाही में बढ़कर 14.4 प्रतिशत हो गई, जबकि पहली, दूसरी और तीसरी तिमाहियों में यह वृद्धि दर क्रमश: 0.8, 6.1 तथा 9.1 प्रतिशत थी।

2017-18 के लिये जीडीपी के अनंतिम अनुमान

  • राष्‍ट्रीय आय के अनंतिम अनुमानों के अनुसार, वित्त वर्ष 2017-18 के लिये स्थिर (2011-12) मूल्‍यों पर जीडीपी वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। 
  • वित्त वर्ष 2017-18 में क्षेत्रवार स्‍तर पर कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों, उद्योग और सेवा क्षेत्रों के लिये स्थिर (2011-12) मूल्‍यों पर जीवीए वृद्धि दर क्रमश: 3.4, 5.5 और 7.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। 

2017-18 के लिये वार्षिक राष्‍ट्रीय आय के अनंतिम अनुमान

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्‍वयन मंत्रालय के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने स्थिर (2011-12) और वर्तमान मूल्‍यों दोनों पर ही वित्त वर्ष 2017-18 के लिये राष्‍ट्रीय आय के अनंतिम अनुमान जारी किये हैं।

  • स्थिर (2011-12) और वर्तमान मूल्‍यों पर वित्त वर्ष 2017-18 के साथ-साथ वित्त वर्ष 2017-18 की पहली, दूसरी, तीसरी और चौथी तिमाही की जीडीपी वृद्धि दरों का उल्‍लेख निम्नलिखित चार्ट के माध्यम से किया गया है:
जीडीपी वृद्धि दरें
  स्थिर मूल्‍य (2011-12) वर्तमान मूल्‍य
वार्षिक 2017-18 6.7 10.0
पहली तिमाही, 2017-18 (अप्रैल-जून) 5.6 8.3
दूसरी तिमाही, 2017-18 (जुलाई-सितंबर) 6.3 9.5
तीसरी तिमाही, 2017-18 (अक्तूबर-दिसंबर) 7.0  11.0
चौथी तिमाही, 2017-18 (जनवरी-मार्च) 7.7  10.9
  • वर्ष 2017-18 के लिये राष्ट्रीय आय के दूसरे अग्रिम अनुमान 28 फरवरी, 2018 को जारी किये गए थे।
  • कृषि उत्पादन एवं औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के नवीनतम अनुमानों और महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे- रेलवे, परिवहन (रेलवे को छोड़कर), संचार, बैंकिंग तथा बीमा के प्रदर्शन और सरकारी व्यय को शामिल करते हुए इन अनुमानों को अब संशोधित करके प्रस्तुत किया गया है।

स्थिर (2011-12) मूल्‍यों पर अनुमान

सकल घरेलू उत्‍पाद (Gross Domestic Product)

  • वर्ष 2017-18 में स्थिर (2011-12) मूल्‍यों पर वास्‍तविक जीडीपी अथवा सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) के बढ़कर 130.11 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वर्ष 2016-17 के लिये प्रथम संशोधित अनुमानों में यह 121.96 लाख करोड़ रुपए आँका गया था। यह 6.7 प्रतिशत की वृद्धि दर को दर्शाता है। 

बुनियादी मूल्‍यों पर सकल मूल्य वर्द्धित (Gross Value Added (GVA) at Basic Prices)

  • वर्ष 2017-18 में बुनियादी स्‍थिर मूल्‍यों (2011-12) पर वास्‍तविक जीवीए अर्थात जीवीए के बढ़कर 119.76 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान लगाया गया है, जो वर्ष 2016-17 के प्रथम संशोधित अनुमानों में 112.48 लाख करोड़ रुपए था। यह 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर को दर्शाता है।
  • जिन क्षेत्रों ने 7.0 फीसदी से ज़्यादा की वृद्धि दर दर्ज की है उनमें लोक प्रशासन, रक्षा एवं अन्‍य सेवाएँ (10.0 प्रतिशत), व्‍यापार, होटल, परिवहन, संचार एवं प्रसारण से जुड़ी सेवाएँ (8.0 प्रतिशत) और विद्युत, गैस, जलापूर्ति एवं अन्‍य उपयोगी सेवाएँ (7.2 प्रतिशत) शामिल हैं।
  • कृषि, वानिकी एवं मत्‍स्‍य पालन, खनन एवं उत्‍खनन, विनिर्माण, निर्माण और वित्तीय, अचल संपत्‍ति एवं प्रोफेशनल सेवाओं की वृद्धि दर क्रमश: 3.4, 2.9, 5.7, 5.7 और 6.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है।

सकल राष्ट्रीय आय (Gross National Income - GNI)

  • वर्ष 2017-18 के दौरान वर्ष 2011-12 के मूल्यों पर सकल राष्ट्रीय आय (GNI) 128.64 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि पिछले वर्ष के दौरान यह अनुमानित राशि 120.52 लाख करोड़ रुपए थी।
  • वृद्धि दरों की दृष्टि से वर्ष 2017-18 के दौरान सकल राष्ट्रीय आय में 6.7 फीसदी की वृद्धि होने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वर्ष 2016-17 के दौरान वृद्धि दर 7.1 फीसदी थी।

प्रति व्‍यक्‍ति आय

  • वर्ष 2017-18 के दौरान सही अर्थों में (2011-12 के मूल्‍यों पर) प्रति व्‍यक्‍ति आय के बढ़कर 86,668 रुपये के स्तर पर पहुँच जाने की संभावना है, जो वर्ष 2016-17 में 82229 रुपए थी।
  • वर्ष 2017-18 के दौरान प्रति व्‍यक्‍ति आय की वृद्धि दर 5.4 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले वर्ष 5.7 फीसदी थी।

वर्तमान मूल्‍यों पर अनुमान

सकल घरेलू उत्‍पाद

  • वर्ष 2017-18 में वर्तमान मूल्‍यों पर जीडीपी (सकल घरेलू उत्‍पाद) के बढ़कर 167.73 लाख करोड़ रुपए के स्‍तर पर पहुँच जाने का अनुमान है, जो वर्ष 2016-17 में 152.54 लाख करोड़ रुपअ आँकी गई थी। यह 10.0 फीसदी की वृद्धि दर दर्शाती है।
  • वर्तमान मूल्यों पर जिन क्षेत्रों (सेक्टर) ने 9 फीसदी एवं उससे ज़्यादा की वृद्धि दर दर्ज की है उनमें खनन एवं उत्‍खनन, व्यापार, होटल, परिवहन, संचार एवं प्रसारण संबंधी सेवाएँ, वित्तीय, अचल संपत्ति एवं प्रोफेशनल सेवाएँ और लोक प्रशासन, रक्षा एवं अन्य सेवाएँ शामिल हैं।

राष्ट्रीय आय

  • वर्ष 2017-18 के दौरान वर्तमान मूल्यों पर सकल राष्ट्रीय आय (जीएनआई) 165.87 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है, जो वर्ष 2016-17 में 150.77 लाख करोड़ रुपए थी। यह 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।

प्रति व्यक्ति शुद्ध राष्ट्रीय आय

  • वर्ष 2017-18 के दौरान वर्तमान मूल्यों पर प्रति व्यक्ति आय के बढ़कर 112835 रुपए के स्तर पर पहुँच जाने का अनुमान है, जो वर्ष 2016-17 में अनुमानित 103870 रुपए थी। यह 8.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।

चौथी तिमाही के जीडीपी अनुमान विकास की तेज गति का प्रतिबिंब है : प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद 

  • प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्‍यक्ष डॉ. बिबेक देबरॉय के अनुसार, 2017-18 के लिये वार्षिक राष्‍ट्रीय आय के अनंतिम अनुमान के साथ-साथ राष्‍ट्रीय आय के चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2018) के अनुमान इस तथ्‍य को प्रतिबिंबित करते हैं कि देश में विकास की तेज़ गति अभी भी जारी है।
  • श्री देबरॉय के अनुसार, अर्थव्‍यवस्‍था के महत्त्‍वपूर्ण क्षेत्रों (सेक्‍टर) में निरंतर तेज़ गति से विकास जारी है।
  • साहसिक ढाँचागत सुधारों को लागू करने की दिशा में सरकार द्वारा निरंतर प्रयास जारी रखने की बदौलत ही जीडीपी वृद्धि दर के आँकड़े बेहतर हो पाए हैं।
  • वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने, दिवाला एवं दिवालियापन संहिता लागू करने, बैंकों को नई पूंजी उपलब्‍ध कराने, शत-प्रतिशत ग्रामीण विद्युतीकरण, पुरातन कानूनों को निरस्‍त करने, कारोबार में और ज़्यादा सुगमता सुनिश्चित करने जैसे कदमों ने विकास की तेज़ गति में उल्‍लेखनीय योगदान दिया है।
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