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जैव विविधता और पर्यावरण

ज्वारनदमुख-पंक मैदान पारिस्थितिकी

  • 30 May 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

ज्वारनदमुख-पंक मैदान पारिस्थितिकी

मेन्स के लिये:

ज्वारनदमुख-पंक मैदान पारिस्थितिकी का महत्त्व

चर्चा में क्यों?

वन विभाग ने 'जीएमआर एनर्जी लिमिटेड' (GMR Energy Limited) को कुंभाभिषेकम (Kumbabhishekham) पंक मैदान में तलकर्षण/निकर्षण (Dredging) गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्देश दिया है।

प्रमुख बिंदु:

  • पंक मैदान/मडफ्लैट (Mudflat) तथा मैंग्रोव के विनाश के करण लुप्तप्राय ‘ग्रेट नॉट’ (Great knot) तथा ‘भारतीय स्किमर’ (Indian Skimmers); जो एक प्रकार के जलीय पक्षी हैं, के आवास क्षेत्र में लगातार कमी आ रही है।
  • ‘GMR एनर्जी लिमिटेड’ द्वारा कुंभाभिषेकम (काकीनाड़ा) साइट पर मडफ्लैट के सामने एक तटबंध बनाया गया है। 
  • मौजूदा तटबंधों को हटाने के लिये GMR एनर्जी लिमिटेड द्वारा तलकर्षण/निकर्षण किया जा रहा था।
  • तटबंधों से निकले अवसादों के कारण ‘मैंग्रोव वनों’ में अवसादों में वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे मैंग्रोव वनों की पारिस्थितिकी प्रभावित हो रही है। 

ज्वारनदमुख-पंक मैदान पारिस्थितिकी:

  • ज्वारनदमुख/एश्चुअरी नदी तट के किनारे स्थित महत्त्वपूर्ण पारिस्थितिक तंत्र होता है जहाँ नदी, समुद्र से मिलती है।
  • इन क्षेत्रों में न केवल लवणीय तथा मृदु जल का मिश्रण होता है अपितु नदी एवं समुद्र के तलछटों का भी मिश्रण होता है। इन तलछटों का एश्चुअरी के मुख पर पंक मैदान/मडफ्लैट के रूप में जमाव होता है। ये मडफ्लैट कई किलोमीटर तक तट के साथ विस्तृत होते हैं।
  • सामान्यत: ज्वारनदमुख-पंक मैदान पारिस्थितिकी तंत्र, मैंग्रोव वन पारिस्थितिकी तंत्र के निकट स्थित होते हैं। 

Estuary

महत्त्व:

  • विभिन्न प्रकार के पक्षी, मत्स्य, अकशेरुकी जीवों के लिये आवास स्थल प्रदान करना; 
  • व्यावसायिक मत्स्यन के लिये प्रजनन आधार के रूप में; 
  • तट-रेखा को स्थिर रखना; और
  • जल का शुद्धिकरण।

पारिस्थितिकी को चुनौतियाँ:

  • नदियों के ज़रिये खतरनाक ‘अजैव-निम्नीकरणीय’ रासायनिक अपशिष्ट जैसे भारी धातु एवं कीटनाशक तलछट में जमा हो सकते हैं। ये अपशिष्ट बड़ी मात्रा में अकशेरुकी जीवों के माध्यम से खाद्य जाल में प्रवेश कर सकते हैं।
  • ज्वारनदमुख-पंक मैदान बंदरगाहों, औद्योगिक परिसरों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और मानव बस्तियों के लिये महत्त्वपूर्ण रणनीतिक स्थान होते हैं। अत: मानवीय गतिविधियों के कारण क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र को क्षति पहुँचती है।

कार्यकर्त्ताओं द्वारा चलाया गया अभियान:

  • तटबंधों के कारण तात्कालिक रूप से क्षेत्र की स्थलाकृति तथा मृदा की लवणता प्रभावित होती है। ड्रेजिंग के कारण कुंभाभिषेकम मडफ्लैट का लगातार विनाश हो रहा है, अत: पर्यावरण कार्यकर्त्ताओं द्वारा ड्रेजिंग के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। 
  • कार्यकर्त्ताओं ने इस मामले में राज्य सरकार तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (Ministry of Environment and Forests and Climate Change) के हस्तक्षेप की मांग की है। 

आगे की राह:

  • तटीय व सागरीय संरक्षण व जैव-विविधता संबंधी नीतियों की कानूनी समीक्षा की जानी चाहिये। इस तरह की समीक्षा अतीत के क्रियान्वयन, वर्तमान मुद्दों और सुधार की दिशा में पहल पर ध्यान देने वाली होनी चाहिये।
  • समुदाय आधारित प्रबंधन प्रणालियों को अपनाना चाहिये। इससे स्थानीय समुदायों में संसाधनों के प्रति जागरूकता आएगी तथा वे विवेकशील दोहन की ओर अग्रसर होंगे।

स्रोत: द हिंदू

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