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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 30 मई, 2020

  • 30 May 2020
  • 7 min read

अजीत जोगी

हाल ही में छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत प्रमोद कुमार जोगी का 74 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। वर्तमान में अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के मरवाही विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्त्व कर रहे थे। मध्‍य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्‍य बनने के बाद नवंबर 2000 में वे राज्‍य के पहले मुख्‍यमंत्री बने थे और दिसंबर 2003 तक इस पद पर बने। छत्तीसगढ़ सरकार ने अजीत जोगी के निधन पर तीन दिवसीय राजकीय शोक घोषित किया है, इस तीन दिवसीय अवधि में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और कोई भी शासकीय समारोह आयोजित नहीं किया जाएगा। अजीत जोगी का जन्म 29 अप्रैल, 1946 को बिलासपुर ज़िले (छत्तीसगढ़) में हुआ था। अजीत जोगी ने भोपाल से इंजीनियरिंग और दिल्ली विश्विद्यालय से कानून की शिक्षा प्राप्त की थी। राजनीति में आने से पूर्व अजीत जोगी वर्ष 1974 में भारतीय पुलिस सेवा (Indian Police Service-IPS) के लिये चयनित हुए थे, जिसके कुछ वर्षों बाद उन्होंने पुनः सिविल सेवा परीक्षा दी और इस बार वे भारतीय प्रशासनिक सेवा (Indian Administrative Service-IAS) के लिये चयनित है और तकरीबन 12 वर्षों तक मध्यप्रदेश के विभिन्न ज़िलों में कलेक्टर के रूप में अपनी सेवाएँ दीं। वर्ष 1998 में रायगढ़ लोकसभा से पहली बार चुनाव लड़ा और संसद पहुँचे। जब वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ एक अलग राज्य बना तो वे छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री बने।

मिसाइल पार्क 'अग्निप्रस्थ' 

28 मई, 2020 को INS कलिंग में 'अग्निप्रस्थ' नामक एक मिसाइल पार्क की आधारशिला रखी गई। 'अग्निप्रस्थ' मिसाइल पार्क का उद्देश्य वर्ष 1981 से लेकर अब तक INS कलिंग के मिसाइल इतिहास की झलक दिखना है। इस मिसाइल पार्क की स्थापना मिसाइलों और ग्राउंड सपोर्ट इक्विपमेंट (Ground Support Equipment-GSE) की प्रतिकृति के साथ की गई है, जो यूनिट द्वारा संचालित की जा रही मिसाइलों के विकास को प्रदर्शित करते हैं। इन प्रदर्शनियों को स्क्रैप/अप्रचलित (Obsolete) इन्वेंट्री से बनाया गया है जिन्हें आंतरिक रूप से पुनर्निर्मित किया जा रहा है। इस पार्क का मुख्य आकर्षण P-70 एमेटिस्ट है। यह एक एंटी-शिप मिसाइल है जिसे पानी के नीचे लॉन्च किया जाता है, जो वर्ष 1988-91 के दौरान भारतीय नौसेना में सेवारत था। यह मिसाइल पार्क मिसाइलों और मिसाइल प्रौद्योगिकियों में रुचि रखने वाले लोगों के लिये आकर्षण का एक प्रमुख केंद्र होगा। 

गोवा स्थापना दिवस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा के स्थापना दिवस के स्थापना दिवस (30 मई) के अवसर पर राज्य के लोगों को शुभकामनाएँ दी हैं। इस दिवस का आयोजन गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के अवसर पर किया जाता है। वर्ष 1947 में स्वतंत्रता के बाद सरदार पटेल ने सभी रियासतों को मिलाकर भारत को एक संघ राज्य का रूप दिया। वे गोवा को भी भारतीय संघ राज्य क्षेत्र में शामिल करना चाहते थे, किंतु ऐसा नहीं हो पा रहा था, क्योंकि 1510 ई से गोवा और दमन एवं दीव में पुर्तगालियों का औपनिवेशिक शासन था। भारत सरकार ने कई बार पुर्तगाली सरकार से वार्ता की, किंतु वे विफल रहीं, जिसके बाद अंततः 18 दिसंबर, 1961 को भारत की सेना ने गोवा, दमन और दीव में हमला कर दिया। 19 दिसंबर, 1961 को पुर्तगाली सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया और गोवा को स्वतंत्रता प्राप्त हुई। इसके बाद 30 मई, 1987 को तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा गोवा को आधिकारिक तौर पर भारत का 25वाँ राज्य घोषित किया गया। गोवा, भारतीय प्रायद्वीप के पश्चिमी तट पर स्थित है। इसके उत्तर में तेरेखोल नदी (Terekhol River) बहती है, जो गोवा को महाराष्‍ट्र से अलग करती है, वहीं इसके पश्चिम में अरब सागर है। गोवा का कुल क्षेत्रफल लगभग 3,702 वर्ग किलोमीटर है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, गोवा की जनसंख्या तकरीबन 1458545 है। गोवा की राजधानी पणजी (Panaji) है और यहाँ मुख्य तौर पर कोंकणी (Konkani) भाषा का प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त यहाँ मराठी, हिंदी, अंग्रेजी तथा कन्नड़ आदि का भी प्रयोग होता है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा

संयुक्त राष्ट्र महासभा (U.N. General Assembly) ने COVID-19 प्रतिबंधों के कारण नई मतदान व्यवस्था के तहत अगले माह सुरक्षा परिषद के पाँच गैर-स्थायी सदस्यों (Non-Permanent Members) के लिये चुनाव कराने का निर्णय लिया है। 193 सदस्यों वाली महासभा ने हाल ही में ‘कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के दौरान एक पूर्ण बैठक के बिना गुप्त मतदान द्वारा चुनाव कराने की प्रक्रिया’ शीर्षक नाम से एक निर्णय को अपनाया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा लिये गए निर्णय के अनुसार, सुरक्षा परिषद में गैर-स्थायी सदस्यों के चुनाव और आर्थिक तथा सामाजिक परिषद (Economic and Social Council) के सदस्यों के चुनाव जून 2020 में एक साथ परिपूर्ण बैठक (Plenary Meeting) के बिना आयोजित किये जाएंगे। ध्यातव्य है कि वर्ष 2021-22 के कार्यकाल के लिये 15-राष्ट्र परिषद के पाँच गैर-स्थायी सदस्यों के लिये चुनाव मूल रूप से 17 जून को निर्धारित किये गए थे।

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