इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


शासन व्यवस्था

राष्ट्रीय डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क नीति मसौदा

  • 28 May 2022
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

डेटा गोपनीयता, राष्ट्रीय डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क नीति, डेटा संरक्षण। 

मैन्स के लिये:

राष्ट्रीय डेटा शासन फ्रेमवर्क नीति, डेटा गोपनीयता और डेटा संरक्षण से संबंधित मुद्दे, आईपीआर मुद्दे। 

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) ने संशोधित राष्ट्रीय डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क नीति मसौद ज़ारी किया है। 

राष्ट्रीय डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क नीति मसौदा के बारे में: 

  • संशोधित मसौदा:  
  • प्रावधान: 
    • भारतीय डेटासेट कार्यक्रम: यह एक भारत डेटासेट कार्यक्रम की स्थापना का आह्वान करता है, जिसमें भारतीय नागरिकों या भारत के लोगों से केंद्र सरकार की संस्थाओं द्वारा एकत्र किये गए गैर-व्यक्तिगत और अज्ञात डेटासेट शामिल होंगे। निजी फर्मों को ऐसी जानकारी साझा करने के लिये "प्रोत्साहित" किया जाएगा। 
      • इस कार्यक्रम के तहत गैर-व्यक्तिगत डेटा स्टार्टअप और भारतीय शोधकर्त्ताओं के लिये सुलभ होगा। 
      • गैर-व्यक्तिगत डेटा, डेटा का समूह है जिसमें व्यक्तिगत रूप से पहचान योग्य जानकारी नहीं होती है; अर्थात् इस तरह के डेटा को देखकर किसी भी व्यक्ति की पहचान नहीं की जा सकती है। 
      • गैर-व्यक्तिगत डेटा का उपयोग करने का प्रस्ताव सबसे पहले इंफोसिस के सह-संस्थापक क्रिस गोपालकृष्णन की अध्यक्षता वाली सरकारी समिति द्वारा प्रस्तुत किया गया था, जिसे इस तरह के डेटा के आर्थिक मूल्य की समीक्षा करने और इससे उत्पन्न होने वाली चिंताओं को दूर करने के लिये स्थापित किया गया था। 
    • इंडिया डेटा मैनेजमेंट ऑफिस (IDMO): इस ड्राफ्ट में इंडिया डेटा मैनेजमेंट ऑफिस (IDMO) के निर्माण का भी प्रावधान किया गया है, जो इंडिया डेटासेट प्लेटफॉर्म की संरचना का निर्माण   और उसका प्रबंधन करेगा। 
      • IDMO सभी संस्थाओं (सरकारी व निजी) हेतु नाम प्रकट न करने संबंधी मानकों सहित अन्य नियमों का निर्धारण करेगा। 
      • सुरक्षा और विश्वास के उद्देश्यों के लिये किसी भी संस्था द्वारा कोई भी गैर-व्यक्तिगत डेटा साझाकरण केवल IDMO द्वारा नामित  एवं अधिकृत प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से हो सकता है। 
    • डेटा की बिक्री को रोकना: इस नए ड्राफ्ट में सबसे महत्त्वपूर्ण परिवर्तन केंद्रीय स्तर पर एकत्र डेटा की खुले बाज़ार में बिक्री के संबंध में किया गया है; ये बदलाव पुराने ड्राफ्ट में सबसे विवादास्पद प्रावधानों में से हैं। 
  • आवेदन: एक बार अंतिम रूप देने के बाद नीति सभी गैर-व्यक्तिगत डेटासेट और संबंधित मानकों तथा नियमों के साथ-साथ स्टार्टअप व शोधकर्त्ताओं द्वारा इसकी पहुंँच को नियंत्रित करने वाले सभी केंद्र सरकार के विभागों पर लागू होगी। 
    • राज्य सरकारों को नीति के प्रावधानों को अपनाने के लिये "प्रोत्साहित" किया जाएगा। 
  • भारत डेटा एक्सेसिबिलिटी और उपयोग नीति: 
    • पुराने मसौदे- 'इंडिया डेटा एक्सेसिबिलिटी एंड यूज़ पॉलिसी' में प्रस्तावित किया गया था कि केंद्र द्वारा एकत्र किया गया डेटा जिसमें "मूल्यवर्द्धन किया गया है", को खुले बाज़ार में "उचित मूल्य" पर बेचा जा सकता है। 
      • भारत में डेटा संरक्षण कानून के अभाव में सरकार द्वारा इसे मुद्रीकृत करने के लिये डेटा एकत्र करने के बारे में सवालों के साथ व्यापक आलोचना का सामना करना पड़ा। 

नए मसौदे की चुनौतियांँ: 

  • IDMO की संरचना और प्रक्रिया को नई मसौदा नीति में स्पष्ट नहीं किया गया है। 
  • विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि निजी कंपनियाँ स्वेच्छा से गैर-व्यक्तिगत डेटा साझा नहीं कर सकती हैं। 
    • इसमें व्यापार और बौद्धिक संपदा के मुद्दे हो सकते हैं। 

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2