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जैव विविधता और पर्यावरण

साइक्लोफाइन एयर

  • 18 Nov 2019
  • 3 min read

प्रीलिम्स के लिये

साइक्लोफाइन, PM2.5, PM10 क्या है?

मेन्स के लिये

वायु प्रदूषण रोकने में तकनीक की भूमिका।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में आई.आई.टी. मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग तथा एन्वीट्रान (EnviTran) नामक आई.आई.टी. मद्रास के ही विद्यार्थियों के एक स्टार्टअप द्वारा एक एयर प्यूरीफायर का निर्माण किया गया है। इसका मुख्य कार्य वायु में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5 तथा PM10) का निष्कासन करना है।

मुख्य बिंदु:

  • इस एयर प्यूरीफायर का नाम साइक्लोफाइन (Cyclofine) रखा गया है जिसका मुख्य कार्य वायु में मौजूद प्रदूषकों तथा पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5 तथा PM10) का निष्कासन करना है।
  • इस मशीन में चार चरणों में हवा को फ़िल्टर किया जाता है। इसके अलावा इसमें एयर क्वालिटी मानीटरिंग सेंसर भी लगाया गया है जो किसी वास्तविक समय में वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) को प्रदर्शित करेगा।
  • यह मशीन अपने आस-पास की वायु को 750 क्यूबिक मीटर प्रति घंटा की दर से स्वच्छ करेगी।
  • यह मशीन प्रदूषकों के अलावा, PM2.5 (वह पार्टिकुलेट मैटर जिनका आकार 2.5 माइक्रोन या उससे कम हो) को 80 प्रतिशत तक तथा PM10 (वह पार्टिकुलेट मैटर जिनका आकार 10 माइक्रोन या उससे कम हो) को हवा से निकालने में सक्षम है।

PM2.5- वे पार्टिकुलेट मैटर जिनका आकार 2.5 माइक्रोन या उससे कम हो।

PM10- वे पार्टिकुलेट मैटर जिनका आकार 10 माइक्रोन या उससे कम हो।

Air Quality

  • यह मशीन खुले में या किसी स्थान विशेष पर लगाई जाएगी जहाँ प्रदूषण की मात्रा अधिक हो। जैसे- किसी औद्योगिक क्षेत्र में जहाँ पार्टिकुलेट कणों की सघनता अधिक हो वहाँ इस मशीन को एक लंबे टावर की तरह लगाया जा सकता है तथा ट्रैफिक सिग्नलों पर भी इसे प्रयोग में लाया जा सकता है।
  • यह मशीन अभी प्रायोगिक स्तर पर है तथा विभिन्न प्रयोगों द्वारा यह देखा जा रहा है कि यह कितनी दूरी तक एवं कितनी मात्रा में प्रदूषकों को फ़िल्टर करने में सक्षम है।

स्रोत : द हिंदू

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