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केबल टेलीविज़न नेटवर्क नियमों में परिवर्तन

  • 19 Jun 2021
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये: 

केबल टेलीविज़न नेटवर्क नियम, 1994

मेन्स के लिये:

केबल टेलीविज़न नेटवर्क नियम, 1994 का प्रावधान

चर्चा में क्यों?

केंद्र सरकार ने केबल टेलीविज़न नेटवर्क नियम, 1994 में संशोधन करते हुए एक अधिसूचना जारी की, यह नागरिकों की शिकायतों के निवारण के लिये एक वैधानिक तंत्र प्रदान करता है।

  • ये शिकायतें केबल टेलीविज़न नेटवर्क अधिनियम, 1995 के प्रावधानों के अनुसार टेलीविज़न चैनलों द्वारा प्रसारित सामग्री से संबंधित हैं।

प्रमुख बिंदु:

  • अधिसूचना के बारे में: यह अधिसूचना केबल टेलीविज़न नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 को जारी करती है।
    • यह त्रिस्तरीय शिकायत निवारण तंत्र प्रदान करता है - प्रसारकों द्वारा स्व-विनियमन, प्रसारकों के स्व-विनियमन निकायों द्वारा स्व-विनियमन और केंद्र सरकार के स्तर पर एक अंतर-विभागीय समिति द्वारा निरीक्षण।
  • केबल टेलीविज़न नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 का महत्त्व:
    • न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स स्टैंडर्ड अथॉरिटी (NBSA) और ब्रॉडकास्टिंग कंटेंट कंप्लेंट्स काउंसिल (BCCC) जैसे विभिन्न स्व-नियामक निकायों को कानूनी मान्यता मिलेगी।
      • वर्तमान नियमों के तहत कार्यक्रम/विज्ञापन संहिताओं के उल्लंघन से संबंधित नागरिकों की शिकायतों को दूर करने के लिये एक अंतर-मंत्रालयी समिति के माध्यम से जारी एक संस्थागत तंत्र है। 
      • विभिन्न प्रसारकों ने शिकायतों के समाधान के लिये अपना आंतरिक स्व-नियामक तंत्र भी विकसित किया है।
    • 900 से अधिक टेलीविज़न चैनलों को सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) द्वारा अनुमति दी गई है।
      • हालिया अधिसूचना महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह प्रसारकों और उनके स्व-नियामक निकायों पर जवाबदेही और ज़िम्मेदारी डालते हुए शिकायतों के निवारण हेतु एक मज़बूत संस्थागत प्रणाली का मार्ग प्रशस्त करती है।
    • यह टेलीविज़न के स्व-नियामक तंत्र द्वारा OTT कंपनियों और डिजिटल समाचार प्रकाशकों पर भी लागू किया जाएगा, जैसा कि सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 में परिकल्पित है।
  • केबल टेलीविज़न नेटवर्क अधिनियम, 1995:
    • उद्देश्य: इस अधिनियम का उद्देश्य केबल नेटवर्क की सामग्री और संचालन को विनियमित करना है। यह अधिनियम 'केबल टेलीविज़न नेटवर्क के बेतरतीब विकास' को नियंत्रित करता है।
    • महत्त्वपूर्ण प्रावधान:
      • धारा 2: इस अधिनियम के तहत ज़िला मजिस्ट्रेट, उप-मंडल मजिस्ट्रेट और पुलिस आयुक्त यह सुनिश्चित करने के लिये 'अधिकृत अधिकारी' हैं कि कार्यक्रम संहिता का उल्लंघन न हो।
      • धारा 3: कोई भी व्यक्ति केबल टेलीविज़न नेटवर्क को तब तक संचालित नहीं करेगा जब तक कि वह इस अधिनियम के तहत केबल ऑपरेटर के रूप में पंजीकृत न हो। 
      • धारा 4ए: केबल ऑपरेटरों के लिये डिजिटल एड्रेसेबल सिस्टम के माध्यम से किसी भी चैनल के कार्यक्रमों को एन्क्रिप्टेड रूप में प्रसारित करना अनिवार्य है, जब केंद्र द्वारा उन्हें ऐसा करने के लिये कहा गया हो।
      • धारा 16: इस अधिनियम के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन दंडनीय होगा।
      • धारा 19: अधिकृत अधिकारी के पास जनहित में कुछ कार्यक्रमों के प्रसारण को प्रतिबंधित करने की शक्ति है, यदि यह विभिन्न धार्मिक, नस्लीय, भाषायी या क्षेत्रीय समूहों या जातियों या समुदायों के बीच शत्रुता, घृणा या द्वेष की भावनाओं को बढ़ावा देता है।
      • धारा 20: संसद के पास जनहित में केबल टेलीविज़न नेटवर्क के संचालन को प्रतिबंधित करने की शक्ति है।

स्रोत-इंडियन एक्सप्रेस

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