इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


सामाजिक न्याय

कॉल फॉर सेफर एंड हेल्थियर वर्किंग एनवायरनमेंटस: ILO

  • 29 Nov 2023
  • 10 min read

प्रिलिम्स के लिये :

सुरक्षित और स्वस्थ कार्य वातावरण,अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन,एशिया-प्रशान्त क्षेत्रकार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य पर विश्व काॅन्ग्रेस (WCSHW)।

मेन्स के लिये :

सुरक्षित और स्वस्थ कार्य वातावरण:ILO, स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।

स्रोत : द हिन्दू 

चर्चा में क्यों 

हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने 'कॉल फॉर सेफर एंड हेल्थियर वर्किंग एनवायरनमेंटस' शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है, जिस पर सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य पर 23वीं विश्व काॅन्ग्रेस (WCSHW) के दौरान चर्चा की जाएगी।   

  • WCSHW, जो पहली बार 1955 में आयोजित किया गया था, कार्य स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिये सबसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में से एक है। इसका लक्ष्य 120 से अधिक देशों को सुरक्षा और नुकसान की रोकथाम हेतु जोड़ना है।

मुख्य विशेषताएँ:

  • वार्षिक मृत्यु: 
    • विश्व स्तर पर लगभग 30 लाख (3 मिलियन) कर्मचारी की हर साल काम से संबंधित दुर्घटनाओं और बीमारियों के कारण मृत्यु हो जाती है।
    • इनमें से 63 प्रतिशत से अधिक मौतें एशिया-प्रशांत क्षेत्र में होती हैं।
  • मृत्यु के प्रमुख कारण:
    • लंबे समय तक काम करने के घंटों (प्रति सप्ताह 55 घंटे या अधिक) के कारण 2016 में सबसे अधिक मौतें हुईं, जिससे लगभग 7.45 लाख मौतें हुईं।
    • औद्योगिक कणों, गैसों और धुएँ के संपर्क में आने से लगभग 4.5 लाख मौतें हुईं
    • औद्योगिक कार्यों के दौरान मशीनों से लगने वाली चोटों के कारण लगभग 3.63 लाख मौतें हुईं।
  • घातक व्यावसायिक आघात दर (FOIR): 
    • घातक व्यावसायिक आघात दरों के आधार पर खनन एवं उत्खनन, निर्माण व उपयोगिताओं जैसे क्षेत्रों को विश्व में सबसे खतरनाक क्षेत्रों के रूप में पहचाना गया था।  FOIR एक सांख्यिकीय माप है जिसका उपयोग एक विशेष अवधि के दौरान किसी विशिष्ट व्यावसायिक समूह, उद्योग या भौगोलिक क्षेत्र में कार्य-संबंधी दुर्घटनाओं या आघातों से होने वाली मौतों की संख्या निर्धारित करने के लिये किया जाता है।
  • ILO कन्वेंशन: 
    • अब तक 187 सदस्य देशों में से 79 देशों ने ILO व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य कन्वेंशन की पुष्टि की है, जबकि 62 देशों ने व्यावसायिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य कन्वेंशन, 2006 के लिये प्रमोशनल फ्रेमवर्क की पुष्टि की है।
      • भारत ने दोनों सम्मेलनों का अनुमोदन नहीं किया है। हाल ही में उत्तरकाशी सुरंग हादसा के मद्देनजर, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार से सम्मेलनों का अनुमोदन करने का आग्रह किया था।
  • कार्य-संबंधी रोग:
    • काम से संबंधित मौतों (26 लाख) का एक बड़ा हिस्सा काम से संबंधित बीमारियों के लिये ज़िम्मेदार है, जिनमें संचार संबंधी रोग, घातक नवोप्लाज़्म (कैंसर ट्यूमर) और श्वसन रोग शामिल हैं।
    • व्यावसायिक जोखिम के कारण बीमारियों के बदलते रुझान, जैसे क्रोमियम के संपर्क के कारण श्वासनली, ब्रोन्कस और फेफड़ों के कैंसर के मामलों में वृद्धि एवं एस्बेस्टस के संपर्क के कारण मेसोथेलियोमा के बढ़ते मामले।
  • कुछ स्वास्थ्य जोखिमों में कमी:
    • अस्थमाजन्य पदार्थों और सूक्ष्म कणों, गैसों व धुएँ के संपर्क में आने से होने वाली मौतों में 20% से अधिक की कमी आई है।
  • सिफारिशें:
    • ILO ने कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिये "कार्यस्थल पर मौलिक सिद्धांत एवं अधिकार" की पाँच श्रेणियाँ बनाने का आह्वान किया। इन सिद्धांतों में शामिल हैं:
      • संघ की स्वतंत्रता और सामूहिक सौदेबाज़ी के अधिकार की प्रभावी मान्यता
      • सभी प्रकार के जबरन या अनिवार्य श्रम का उन्मूलन
      • बाल श्रम का उन्मूलन
      • रोज़गार और व्यवसाय के संबंध में भेदभाव का उन्मूलन
      • एक सुरक्षित और स्वस्थ कार्य वातावरण

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन क्या है?

  • यह संयुक्त राष्ट्र की एकमात्र त्रिपक्षीय संस्था है। यह श्रम मानक निर्धारित करने, नीतियों को विकसित करने एवं सभी महिलाओं तथा पुरुषों के लिये सभ्यतापूर्ण कार्य को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम तैयार करने हेतु 187 सदस्य देशों की सरकारों, नियोक्ताओं और श्रमिकों को एक साथ लाता है।
  • वर्ष 1919 में वर्सेल्स/वर्साय की संधि (Treaty of Versailles) द्वारा राष्ट्र संघ की एक संबद्ध एजेंसी के रूप में इसकी स्थापना हुई और वर्ष 1946 में यह संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध पहली विशिष्ट एजेंसी बन गया।
  • मुख्यालय: इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के 138 एवं 182 अभिसमय किससे संबंधित हैं? (2018)

(a) बाल श्रम
(b)  कृषि के तरीकों का वैश्विक जलवायु परिवर्तन से अनुकूलन
(c) खाद्य कीमतों एवं खाद्य सुरक्षा का विनियमन
(d) कार्यस्थल पर लिंग समानता

उत्तर: (a)

व्याख्या:

  • वर्ष 2017 में केंद्रीय मंत्रिमंडल, भारत सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के न्यूनतम आयु कन्वेंशन, 1973 (नंबर 138) तथा वर्स्ट फॉर्म्स ऑफ चाइल्ड लेबर कन्वेंशन, 1999 (नंबर 182) के अनुसमर्थन को मंज़ूरी दी।
  • अभिसमय संख्या 138: भारत अभिसमय संख्या 138 को अनुमोदित करने वाला 170वाँ ILO सदस्य देश है, जिसके लिये राज्य पार्टियों को न्यूनतम आयु निर्धारित करने की आवश्यकता होती है जिसके तहत हल्के कार्य तथा कलात्मक प्रदर्शन के अतिरिक्त किसी को भी रोज़गार अथवा किसी भी व्यवसाय में कार्य करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। 
  • अभिसमय संख्या 182: इस अभिसमय का अनुमोदन करने वाला भारत ILO का 181वाँ सदस्य देश बना। यह दासता, जबरन श्रम तथा तस्करी सहित बाल श्रम के सबसे खराब रूपों, सशस्त्र संघर्ष में बच्चों का उपयोग, वेश्यावृत्ति, अश्लील साहित्य एवं अवैध गतिविधियों (जैसे नशीली दवाओं की तस्करी) के लिये बच्चे का उपयोग एवं जोखिम भरे कार्य, पर रोक लगाने तथा उन्हें समाप्त करने का आह्वान करता है।
  • ये सभी बाल श्रम (प्रतिषेध और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2016 के अनुरूप कार्यरत हैं, जो किसी भी व्यवसाय अथवा प्रक्रिया में 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों के रोज़गार अथवा कार्य पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाता है एवं किशोरों (14 से 18 वर्ष) के जोखिमपूर्ण व्यवसाय तथा कार्यों में रोज़गार पर भी प्रतिबंध लगाता है। 
  • इसके अतिरिक्त, बाल श्रम (प्रतिषेध और विनियमन) केंद्रीय नियम, जैसा कि हाल ही में संशोधित किया गया है, पहली बार बाल एवं किशोर श्रमिकों की रोकथाम, प्रतिषेध, बचाव तथा पुनर्वास के लिये एक व्यापक व विशिष्ट रूपरेखा प्रदान करता है।
  • दो प्रमुख ILO सम्मेलनों के अनुसमर्थन के साथ भारत ने आठ प्रमुख ILO सम्मेलनों में से छह का अनुमोदन किया है। चार अन्य सम्मेलन जबरन श्रम के उन्मूलन, समान पारिश्रमिक तथा रोज़गार और व्यवसाय में पुरुषों एवं महिलाओं के बीच कोई भेदभाव न करने से संबंधित हैं।
  • अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2