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भारतीय अर्थव्यवस्था

निजी क्षेत्र में उधार देने के लिये ब्रिक्स न्यू डेवलपमेंट बैंक की योजना

  • 02 Jun 2018
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं के ब्रिक्स समूह द्वारा स्थापित न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB), अंततः निजी क्षेत्र को ऋण के रूप में अपनी परियोजना पोर्टफोलियो का 30 प्रतिशत भाग देना चाहता है। न्यू डेवलपमेंट बैंक ने यह फैसला निजी क्षेत्र द्वारा ऋण की बढ़ती मांग को देखते हुए किया है।

क्या है ब्रिक्स का फैसला

  • बैंक द्वारा अपने प्रोजेक्ट पोर्टफोलियो में सरकारी तथा गैर-सरकारी ऋण के बीच विभाजनों को लक्षित करने के दौरान विशेष रूप से ब्राज़ील, दक्षिण अफ्रीका तथा रूस में निजी क्षेत्र के ऋण की अत्यधिक मांग पाई गई। इस मांग को देखते हुए न्यू डेवलपमेंट बैंक ने यह फैसला किया है।
  • हाल ही में शंघाई स्थित न्यू डेवलपमेंट बैंक ने छह नई परियोजनाओं को मंज़ूरी दी है।
  • बैंक के ऋण पोर्टफोलियो  में से 5.1 बिलियन डॉलर से अधिक राशि 21 परियोजनाओं के लिये आवंटित की गई है।
  • बैंक द्वारा स्वीकृत किये गए ऋणों में से दो गैर-सरकारी ऋण थे, जिन्हें सरकारी गारंटी के बिना कंपनियों को जारी किया जाता है।

पूर्व में बैंक द्वारा प्रदत्त ऋण

  • बैंक की पहली गैर-सरकारी परियोजना, ब्राज़ील के पेट्रोब्रास को पर्यावरणीय संरक्षण योजना के लिये  200 मिलियन डॉलर का ऋण प्रदान करने की थी।
  • दूसरी परियोजना के अंतर्गत डरबन में बंदरगाह का पुनर्निर्माण करने के लिये दक्षिण अफ्रीका के ट्रांसनेट को 200 मिलियन डॉलर का ऋण उपलब्ध कराना शामिल था।

न्यू डेवलपमेंट बैंक 

  • यह ब्रिक्स (BRICS) देशों (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) द्वारा स्थापित और संचालित एक बहुपक्षीय विकास बैंक है। 
  • इसे अमेरिकी वर्चस्व वाले मौजूदा विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। 
  • न्यू डेवलपमेंट बैंक, जिसे पहले ब्रिक्स बैंक के अनौपचारिक नाम से भी जाना जाता था, की स्थापना इन पाँच देशों में वित्तीय और विकास सहयोग को बढ़ावा देने के लिये की गई है। 
  • इसका मुख्यालय चीन के शंघाई में है। 
  • विश्व बैंक के विपरीत, जो पूंजीगत हिस्से के आधार पर वोटों को प्रदान करता है, न्यू डेवलपमेंट बैंक में प्रत्येक भागीदार देश को एक वोट आवंटित है और किसी भी देश के पास वीटो शक्ति नहीं है। 
  • NDB को ब्रिक्स अर्थात्  ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका की पहली बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जाता है

ब्रिक्स क्या है?: 

  • तेज़ी से विकास कर रही अर्थव्यवस्था वाले पाँच देशों के समूह का नाम है ब्रिक्स। ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका इसके सदस्य हैं। 
  • ये सभी देश जी-20 का भी हिस्सा हैं, जो 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के केंद्रीय बैंक के गवर्नरों और सरकारों के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय मंच है। 
  • ब्रिक्स के पाँच सदस्य देशों में विश्व की कुल आबादी का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा निवास करता है। 
  • इन पाँच देशों की संयुक्त जीडीपी लगभग 16.6 ट्रिलियन डॉलर है, जो विश्व की कुल जीडीपी का लगभग 22 प्रतिशत है।
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