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भारतीय अर्थव्यवस्था

वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण

  • 27 May 2022
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये:

वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण (ASI). 

मेन्स के लिये:

वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण (ASI), वृद्धि एवं विकास 

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण (ASI) के अनंतिम परिणाम जारी किये गए। 

  • यह सर्वेक्षण ASI वेब पोर्टल के माध्यम से अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 के दौरान आयोजित किया गया था। 

वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण: 

  • ASI, भारत में औद्योगिक आँकड़ों का प्रमुख स्रोत, संगठित विनिर्माण पर सबसे व्यापक डेटा है। 
  • इसमें बिजली का उपयोग करके 10 या अधिक श्रमिकों को नियोजित करने वाले सभी कारखानों और बिजली का उपयोग किये बिना 20 या अधिक श्रमिकों को नियोजित करने वाले सभी कारखाने शामिल हैं। 

सर्वेक्षण की विशेषताएँ: 

  • कारखानों में वृद्धि: 
    • 2019-20 में देश में कारखानों की संख्या 1.7% बढ़कर 2.46 लाख हो गईं, जिसमें कुल 1.3 करोड़ कर्मचारी कार्यरत थे। 
  • सकल स्थायी पूंजी निर्माण: 
    • सकल स्थायी पूंजी निर्माण, निवेश का एक संकेतक है, जो 2019-20 में संगठित विनिर्माण क्षेत्र में 20.5 प्रतिशत बढ़कर 4.15 लाख करोड़ रुपए हो गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 10.2 प्रतिशत बढ़कर 3.44 लाख करोड़ रुपए था। 
      • इसकी तुलना 2018-19 में कारखानों की संख्या में 1.98% की वृद्धि के साथ 2.42 लाख और 2017-18 के विमुद्रीकरण के बाद के वर्ष में 1.2% की वृद्धि के साथ की जाती है। 
      • े संख्याएँ महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये कोविड-19 महामारी की शुरुआत से पहले वर्ष 2019-20 के सामान्य वर्ष के परिणाम हैं, जिसने रोज़गार वृद्धि को प्रभावित किया। 
        • अचल पूंजी, लेखा वर्ष के समापन दिन पर कारखाने के स्वामित्व वाली अचल संपत्तियों के मूल्यह्रास मूल्य का प्रतिनिधित्व करती है तथा इसमें वह भूमि शामिल है जिसमें लीज-होल्ड भूमि, भवन, संयंत्र और मशीनरी, फर्नीचर तथा सैनिटरी वस्तुएँ, परिवहन उपकरण, जल प्रणाली एवं सड़क मार्ग शामिल है। अन्य अचल संपत्ति जैसे- अस्पताल, स्कूल आदि का उपयोग कारखाने के श्रमिकों के लिये किया जाता है। 

कॉर्पोरेट क्षेत्र में रोज़गार: 

  • कॉर्पोरेट क्षेत्र: 
    • कॉर्पोरेट क्षेत्र में रोज़गार, जिसमें सार्वजनिक और निजी, सरकारी तथा गैर-सरकारी कंपनियाँ शामिल हैं, 2019-20 में 5.5% बढ़कर 97.03 लाख हो गया, जबकि व्यक्तिगत स्वामित्व में यह 3.1% घटकर 11.36 लाख हो गया।  
  • ाझेदारी में: 
    • साझेदारी के क्षेत्र में रोज़गार 2019-20 में 11.7% घटकर 18.58 लाख हो गया, जबकि सीमित देयता साझेदारी के लिये यह 42% बढ़कर 1.22 लाख हो गया। 
  • श्रमिकों का रोज़गार: 
    • राज्यों में तमिलनाडु में 2019-20 में श्रमिकों के रोज़गार की सबसे अधिक संख्या थी, इसके बाद महाराष्ट्र और गुजरात का स्थान है। 
  • कुल मज़दूरी का भुगतान: 
    • 2019-20 में श्रमिकों को भुगतान की गई कुल मज़दूरी में  6.3% की वृद्धि हुई, जबकि पिछले वित्त वर्ष में 11.9% की मज़दूरी वृद्धि हुई थी। 
    • 2019-20 में कॉर्पोरेट क्षेत्र में कारखाने के श्रमिकों के लिये मज़दूरी में  7.7% की वृद्धि हुई। 
      • कामगारों के आंँकड़ों में उन सभी व्यक्तियों को शामिल किया जाता है जो सीधे या किसी भी एजेंसी के माध्यम से नियोजित होते हैं, यानी वे मज़दूर हों या नहीं लेकिन किसी भी विनिर्माण प्रक्रिया में लगे हुए हों या विनिर्माण प्रक्रिया के लिये उपयोग की जाने वाली मशीनरी या परिसर के किसी भी हिस्से की सफाई में लगे हुए हों या विनिर्माण प्रक्रिया से जुड़े किसी अन्य प्रकार के कार्य में लगे हुए हों। 

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

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