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सर्वे ऑफ़ इंडिया के मानचित्रों तक इलेक्ट्रॉनिक पहुँच बनाने के लिये आधार की अनिवार्यता

  • 11 Apr 2017
  • 4 min read

संदर्भ
गौरतलब है कि सर्वे ऑफ़ इंडिया (Survey of India) देश का सबसे प्राचीन वैज्ञानिक संगठन और मानचित्रों का आधिकारिक निर्माणकर्ता है| ध्यातव्य है कि कुछ समय पहले ही एस.ओ.आई. द्वारा नक़्शे (Nakshe) नामक एक वेब पोर्टल की शुरुआत की गई है जिसके कारण इसके सभी 7,000 मानचित्रों में से 3,000 को फ्री में डाउनलोड किया जा सकता है| परन्तु, इस सब में सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण बात यह है कि सभी मानचित्रों को डाउनलोड करने के लिये व्यक्ति को अपनी आधार संख्या को इससे संबद्ध करना होगा|

नक्शा पोर्टल

  • ज्ञात हो कि सर्वे ऑफ़ इंडिया के मानचित्रों को रक्षा और नागरिक उद्देश्यों के संदर्भ में तैयार किया जाता है|
  • इन्हें देश के आकार, विस्तार और भौगोलिक गुणों के मानक संदर्भ में तैयार किया जाता है|
  • नक़्शे पोर्टल का तात्पर्य यह है, ‘’सुरक्षा के प्रति चिंता और आधार युक्त उपयोगकर्ता के प्रमाणीकरण और उपयोगकर्ता की आधार संख्या के माध्यम से उन्हें ट्रैक करना है’’|
  • गौरतलब है कि एसओआई द्वारा प्रदत्त ये सभी मानचित्र ‘नक्शे’ नामक पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध कराए गए है| इससे न केवल देश के नीति निर्माताओं को देश की वास्तविक स्थिति के विषय में सटीक जानकारी प्राप्त होगी बल्कि इसके माध्यम से गाँव के निवासियों और पंचायतों के लिये भी सटीक सूचना प्राप्त करना पहले की अपेक्षाकृत अधिक आसान हो जाएगा|
  • वर्तमान में, कईं प्रकार के संगठनों, संस्थाओं और लोगों को विशिष्ट प्रकार के मानचित्रों की आवश्यकता होती है| कई बार तो स्वयं मंत्रालयों को निश्चित नक्शों को प्राप्त करने के लिये भुगतान तक करना पड़ता है| 
  • जबकि अब देश के सभी नागरिकों को ये सभी नक्शे बिना किसी शुल्क के उपलब्ध कराए जाएंगे| इसका कारण यह है कि इन के निर्माण कार्य में सरकार पहले ही भुगतान कर चुकी है|

आधार को संबद्ध करने की आश्यकता क्यों

  • विदित हो कि पिछले कुछ समय से सरकार द्वारा बहुत सी महत्त्वपूर्ण सेवाओं को आधार संख्या के माध्यम से ही मुहैया कराए जाने का महत्त्वपूर्ण कार्य किया गया है| 
  • सभी महत्त्वपूर्ण योजनाओं के तहत आधार संख्या को इसलिये संबद्ध किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सकें कि इन सभी योजनाओं का लाभ केवल भारतीय ही उठा रहें हैं अथवा नहीं|
  • विगत वर्षों में सरकार ने नागरिक सेवाओं के लिये विभिन्न मार्गों को तलाशते हुए कई आदेश जारी किये हैं| जिनमें छात्रवृत्ति से लेकर सब्सिडी तक के क्षेत्र शामिल हैं| इन सभी के लिये आधार संख्या अथवा आधार नामांकन की आवश्यकता होती है| 
  • आधार विधेयक (वित्तीय और अन्य प्रकार की सब्सिडियों, लाभ एवं सेवा का लक्षित वितरण) 2016 के अनुसार, इस संख्या को नागरिकता अथवा अधिवास के तौर पर उपयोग नहीं किया जा सकता है|
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