इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली न्यूज़


आंतरिक सुरक्षा

आईएनएस सह्याद्री पर तैनात कर्मियों द्वारा योगाभ्यास

  • 02 Jul 2018
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

21 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ के अवसर पर आईएनएस सह्याद्री पर तैनात कर्मियों द्वारा योगाभ्यास किया गया। ध्यातव्य है कि इस योगाभ्यास की प्रस्तुति ने इस विषय को अनिवार्य रूप से उन अभिनव तरीकों में शामिल किया है, जिनमें जहाज पर भी योग का प्रदर्शन किया जाना संभव हो पाया है।

उद्देश्य

  • तैनाती के दौरान इस योगाभ्यास ने प्रौद्योगिकी युक्त हमारे दैनिक जीवन में कल्याण के उद्देश्य से योग को एकीकृत करने का विचार प्रस्तुत किया है।
  • इसका योगाभ्यास का मुख्य उद्देश्य बोट पर तैनाती के दौरान कर्मियों के अच्छे स्वास्थ्य तथा उच्च मनोबल को सुनिश्चित करना है।
  • गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में भाग लेने वाले विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने भी इस कार्य की सराहना की।

आईएनएस सह्याद्री के बारे में

  • आईएनएस सह्याद्री शिवालिक-श्रेणी की उन्नत स्टील्थ माइंडेड, निर्देशित मिसाइल और फ्रिगेट युद्धपोत है।
  • मुंबई स्थित मज़गाँव डॉक लिमिटेड द्वारा निर्मित आईएनएस सह्याद्री (एफ-49) का वर्ष 2005 में जलावतरण किया गया था।
  • वर्ष 2011-12 के दौरान एक वर्ष से अधिक समय के लिये इसके समुद्री परीक्षण किये गये और 21 जुलाई, 2012 को भारतीय नौसेना में आईएनएस शिवालिक (एफ -47), आईएनएस और सतपुरा (एफ -48) के साथ इसे कमीशन किया गया।
  • ध्यातव्य है कि हाल ही में आईएनएस सह्याद्री ने जापान और अमेरिका के साथ त्रिपक्षीय मालाबार युद्धभ्यासों में गुआम के तट पर भाग लिया था।
  • इसके साथ ही आईएनएस सह्याद्री रिम ऑफ़ द पैसिफिक एक्सरसाइज़ (RIMPAC) में भी भाग ले रही है।

क्या है रिमपैक (RIMPAC)? 

  • रिम ऑफ द पैसिफिक एक्सरसाइज़ विश्व का सबसे बड़ा समुद्री सैन्य अभ्यास है।
  • इसका आयोजन प्रत्येक दो वर्ष के अंतराल पर अमेरिका के हवाई क्षेत्र में किया जाता है।
  • पहली बार रिमपैक का आयोजन 1971 में किया गया था। 
  • पहली बार RIMPAC में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, यूनाइटेड किंगडम (U.K.) और संयुक्त राज्य अमेरिका (U.S.) के सैन्य बल शामिल हुए थे।
  • यू.एस. इंडो-पैसिफिक कमांड (इंडोपाकॉम) द्वारा आयोजित आरआईएमपीएसी का 26वें संस्करण में, 25 देशों के 45 से अधिक जहाजों और पनडुब्बियों के साथ अपनी भागीदारी निभाई।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2