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डब्ल्यूएचओ ने डिमेंशिया के जोखिम को कम करने के लिये दिशानिर्देश जारी किये

  • 17 May 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अगले 30 वर्षों में डिमेंशिया के रोगियों की संख्या में तीन गुना वृद्धि होने का अनुमान लगाया है तथा इस बावत चेतावनी जारी की है।

प्रमुख बिंदु

  • इस बीमारी के खतरे को कम करने के लिये डब्ल्यूएचओ द्वारा नियमित व्यायाम करने, धूम्रपान न करने, शराब के सेवन से बचने, वजन को नियंत्रित करने, स्वस्थ आहार लेने तथा रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य बनाए रखने की सलाह दी गई है।
  • WHO के मुताबिक अगले तीन दशकों में डिमेंशिया के रोगियों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि होने की संभावना है। हमें डिमेंशिया के जोखिम को कम करने के लिये सतर्क रहने की आवश्यकता है।
  • इन दिशा-निर्देशों के लिये एकत्र किये गए वैज्ञानिक प्रमाण इस बात की पुष्टि करते हैं कि दिल और मस्तिष्क के लिये क्या अच्छा और क्या बुरा है।

क्या है डिमेंशिया?

  • डिमेंशिया संज्ञानात्मक कार्य क्षमता (Cognitive Functions) का निरंतर कम होना है। यह दिमाग की बनावट में शारीरिक बदलावों (उम्र के बढ़ने) के परिणामस्वरूप होता है।
  • ये बदलाव स्मृति, सोच, आचरण, बोधगम्यता तथा मनोभाव को प्रभावित करते हैं।
  • डिमेंशिया विभिन्न प्रकार की बीमारियों जैसे- अल्जाइमर रोग या स्ट्रोक तथा चोटों के कारण होता है जो कि मस्तिष्क को प्रभावित करते हैं।

अध्ययन का आधार

  • WHO के ये दिशा-निर्देश अध्ययन पर आधारित हैं जो स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिये महत्त्वपूर्ण हैं इसके माध्यम से रोगियों में संज्ञानात्मक गिरावट और डिमेंशिया को रोकने में मदद मिल सकती है।
  • WHO ने ‘आई सपोर्ट’ (iSupport) कार्यक्रम तैयार किया है जो एक ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम है जिसके तहत देखभाल से संबंधित समग्र प्रबंधन, व्यवहार परिवर्तन से निपटने तथा स्वयं स्वास्थ्य की देखभाल करने की सलाह के साथ डिमेंशिया से पीड़ित लोगों की देखभाल की जाती है।
  • डिमेंशिया के लिये जोखिम वाले कारकों में कमी लाना डब्ल्यूएचओ की वैश्विक कार्रवाई योजना में शामिल है।
  • WHO के इस कार्यक्रम के अन्य क्षेत्रों में शामिल हैं- डिमेंशिया के लिये सूचना प्रणाली को मज़बूत करना, निदान, उपचार और देखभाल, डिमेंशिया के रोगियों की देख-रेख करने वालों की सहायता तथा अनुसंधान और नवाचार।

डिमेंशिया रोगियों का तेज़ी से बढ़ना

  • डिमेंशिया तेज़ी से बढ़ती सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है जो विश्व स्तर पर लगभग 50 मिलियन लोगों को प्रभावित करती है। यह वृद्ध लोगों में अक्षमता और दूसरों पर निर्भरता का प्रमुख कारण है।
  • प्रतिवर्ष इस रोग के लगभग 10 मिलियन नए मामले सामने आते हैं। इसके अतिरिक्त, यह बीमारी समाज पर एक भारी आर्थिक बोझ के रूप में उभर रही है। 2030 तक डिमेंशिया रोग से पीड़ितों की देखभाल की लागत सालाना 2 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) संयुक्त राष्ट्र संघ की एक विशेष एजेंसी है, जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य (Public Health) को बढ़ावा देना है।
  • इसकी स्थापना 7 अप्रैल, 1948 को हुई थी। इसका मुख्यालय जिनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में अवस्थित है। डब्ल्यू.एच.ओ. संयुक्त राष्ट्र विकास समूह (United Nations Development Group) का सदस्य है। इसकी पूर्ववर्ती संस्था ‘स्वास्थ्य संगठन’ लीग ऑफ नेशंस की एजेंसी थी।
  • यह दुनिया में स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी मामलों में नेतृत्‍व प्रदान करने, स्‍वास्‍थ्‍य अनुसंधान एजेंडा को आकार देने, नियम और मानक तय करने, प्रमाण आधारित नीतिगत विकल्‍प पेश करने, देशों को तकनीकी समर्थन प्रदान करने और स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी रुझानों की निगरानी और आकलन करने के लिये ज़िम्‍मेदार है।
  • यह आमतौर पर सदस्‍य देशों के साथ उनके स्वास्थ्य मंत्रालयों के ज़रिये जुड़कर काम करता है। 

स्रोत : द हिंदू तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन की ऑफिसियल वेबसाइट

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