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भारतीय राजव्यवस्था

प्रवासी नागरिकों के लिये मतदान का अधिकार

  • 28 Mar 2022
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

एनआरआई, ईसीआई, पोस्टल बैलेट, ईटीपीबीएस।

मेन्स के लिये:

विदेशी नागरिकों के लिये मतदान का अधिकार।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) के लिये ऑनलाइन वोटिंग की अनुमति देने की संभावना तलाश रही है।

प्रष्ठभूमि:

  • वर्ष 2020 में भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने कानून मंत्रालय को एक प्रस्ताव में वर्ष 2021 में होने वाले विभिन्न राज्य विधानसभा चुनावों के लिये योग्य एनआरआई को डाक मतपत्र की सुविधा का विस्तार करने का प्रस्ताव दिया।
  • चुनाव आयोग ने तब इस सुविधा की अनुमति देने के लिये चुनाव आचरण नियम, 1961 में संशोधन का प्रस्ताव रखा था।
  • डाक मतपत्रों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से अनिवासी भारतीयों को भेजा जाना था जिसके बाद वे डाक के माध्यम से अपना उम्मीदवार चुनने के बाद मतपत्र वापस भेज देंगे।

भारतीय चुनावों में प्रवासी मतदाताओं के लिये वर्तमान मतदान प्रक्रिया:

  • जन प्रतिनिधित्व (संशोधन) अधिनियम, 2010 के माध्यम से पात्र एनआरआई जो छह महीने से अधिक समय तक विदेश में रहे थे, को मतदान करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन केवल मतदान केंद्र पर व्यक्तिगत रूप से जहाँ उन्हें एक विदेशी मतदाता के रूप में नामांकित किया गया था।
    • वर्ष 2010 से पहले एक भारतीय नागरिक जो एक पात्र मतदाता है तथा छह महीने से अधिक समय से विदेश में रह रहा था, वह चुनाव में मतदान नहीं कर सकता था। ऐसा इसलिये था क्योंकि NRI का नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया था, अगर वह देश से बाहर छह महीने से अधिक समय तक रहा हो।
  • एक NRI निर्वाचन क्षेत्र में अपने निवास स्थान पर मतदान कर सकता है, जैसा कि पासपोर्ट में उल्लिखित है।
  • वह केवल व्यक्तिगत रूप से मतदान कर सकता है और पहचान स्थापित करने के लिये उसे मतदान केंद्र पर अपना पासपोर्ट मूल रूप में प्रस्तुत करना होगा।

मौजूदा सुविधा द्वारा अब तक की कार्य-विधि: 

  • योग्य प्रवासियों का कम अनुपात:
    • वर्ष 2014 में पंजीकृत केवल 11,846 प्रवासी मतदाताओं की संख्या वर्ष 2019 में एक लाख के करीब पहुंँच गई। हालांँकि ऐसे मतदाताओं के केवल कम अनुपात ने ही मतदान में हिस्सा लिया।
  • हतोत्साहित पात्र मतदाताओं के लिये मतदान केंद्र पर जाने का प्रावधान:
    • मतदान केंद्र पर व्यक्तिगत रूप से जाने के प्रावधान ने पात्र मतदाताओं को अपने जनादेश का प्रयोग करने से हतोत्साहित किया है।

प्रवासी मतदाताओं के लिये सरकार द्वारा उठाए गए कदम: 

  • वर्ष 2017 में संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार ने जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 20ए के तहत लगाए गए प्रतिबंध को हटाने का प्रस्ताव रखा था।
    • लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 20A के तहत उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान करने के लिये शारीरिक रूप से उपस्थित होना आवश्यक है।
    • चुनाव आचरण नियम, 1961 में निर्धारित शर्तों के अधीन, विधेयक विदेशी मतदाताओं को अपनी ओर से वोट डालने के लिये एक प्रॉक्सी नियुक्त करने में सक्षम बनाते हैं।
    • विधेयक में वर्ष 2018 में पारित किया गया था, लेकिन 16वीं लोकसभा के भंग होने के साथ ही यह समाप्त हो गया।
  • चुनाव आयोग ने तब सरकार से संपर्क किया था कि NRIs को डाक मतपत्रों के माध्यम से मतदान करने की अनुमति दी जाए।
    • पोस्टल बैलेट, सरकारी सेवा में सेवा मतदाताओं (संघीय सशस्त्र बलों के सदस्य; या किसी ऐसे बल का सदस्य जिस पर सेना अधिनियम, 1950 के प्रावधान लागू होते हैं) द्वारा उपयोग की जाने वाली प्रणाली के समान है। इसे इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित डाक बैलेट सिस्टम कहा जाता है।

इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रेषित डाक बैलेट सिस्टम (ETPBS):

  • परिचय:
    • सेवा मतदाताओं (Service Voters) के लिये:
      • सेवा मतदाताओं को ETPBS का उपयोग करने की अनुमति देने हेतु चुनाव आचरण नियम, 1961 में वर्ष 2016 में संशोधन किया गया था।
      • इस प्रणाली के तहत, डाक मतपत्र पंजीकृत सेवा मतदाताओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप से भेजे जाते हैं।
      • सेवा मतदाता तब ETPB (घोषणा पत्र एवं कवर के साथ) डाउनलोड कर सकते हैं, मतपत्र पर अपना जनादेश दर्ज कर सकते हैं और इसे सामान्य मेल के माध्यम से निर्वाचन क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी को भेज सकते हैं।
      • इस पोस्ट में एक सत्यापित घोषणा पत्र शामिल होता है (मतदाता द्वारा हस्ताक्षरित होने के बाद एक नियुक्त वरिष्ठ अधिकारी की उपस्थिति में जो इसे सत्यापित करेगा)।
    • NRIs के लिये (प्रस्तावित):
      • NRI, मतदाताओं के मामले में, जो ETPBS के माध्यम से मतदान करना चाहते हैं, उन्हें चुनाव की अधिसूचना के कम-से-कम पाँच दिन बाद रिटर्निंग ऑफिसर को सूचित करना होगा।
      • इसके बाद रिटर्निंग ऑफिसर ईटीपीबीएस के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक रूप से मतपत्र भेजेंगे।
      • इसके बाद एनआरआई मतदाता अपना जनादेश बैलेट प्रिंटआउट पर पंजीकृत कर सकता है तथा सेवा मतदाता के समान प्रक्रिया में एक सत्यापित घोषणा के साथ इसे वापस भेज सकता है।
  • लाभ:
    • पोस्टल बैलेट पद्धति को इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस द्वारा विदेशी मतदाताओं को अपने अधिकार का प्रयोग करने की अनुमति देने के साधन के रूप में मान्यता दी गई है, जो आमतौर पर विदेश में बिताए गए समय या विदेश में किये गए कार्य से संबंधित कुछ शर्तों के अधीन है।
      • लोकतंत्र और चुनावी सहायता के लिये अंतर्राष्ट्रीय संस्थान एक अंतर-सरकारी संगठन है जो लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और संस्थानों का समर्थन करने के लिये कार्य करता है।

आगे की राह

  • एक प्रभावी डाक प्रणाली तथा एक डाक मतपत्र तंत्र जो नामित कांसुलर/दूतावास कार्यालयों में मतपत्र के उचित प्रमाणीकरण की अनुमति देता है, को अनिवासी भारतीयों के लिये आसान बनाया जाना चाहिये, लेकिन देश से दूर बिताए गए समय के आधार पर पात्रता हेतु नियमों को स्पष्ट रूप से तैयार किया जाना चाहिये।

स्रोत: द हिंदू

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