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डेली न्यूज़

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

यूएसटीआर, विकासशील देशों की सूची और भारत

  • 15 Feb 2020
  • 7 min read

प्रीलिम्स के लिये:

युएसटीआर, काउंटर वेलिंग ड्यूटी (Countervailing Duty-CVD)

मेंस के लिये:

भारत अमेरिका व्यापार और अमेरिकी संरक्षणवाद

चर्चा में क्यों?

अमेरिकी वाणिज्य मामलों की एजेंसी यूनाइटेड स्टेट्स ट्रेड रिप्रेजेन्टेटिव (United States Trade Representative- USTR) ने विकासशील एवं अल्प विकसित देशों की नई सूची जारी की है।

मुख्य बिंदु:

  • USTR द्वारा जारी की गई इस सूची के अंतर्गत शामिल देशों को ‘काउंटर वेलिंग ड्यूटी’ इन्वेस्टीगेशन के संदर्भ में रियायत दी जाती है।

क्या है काउंटर वेलिंग ड्यूटी (CVD)?

  • यह आयातित वस्तुओं पर लगाया जाने वाला एक कर है जिसका प्रयोग आयातित वस्तुओं पर दी जाने वाली सब्सिडी के प्रभाव को न्यून करने के लिये होता है।
  • इस कर का उद्देश्य आयातित वस्तु के संदर्भ में किसी समान प्रकृति के घरेलू उत्पाद को मूल्य प्रतिस्पर्द्धा में पिछड़ने से बचाना है।
  • यह एक प्रकार का एंटी-डंपिंग टैक्स होता है। डंपिंग अर्थात् जब कोई वस्तु/उत्पाद किसी देश द्वारा दूसरे देश को उसके सामान्य मूल्य से कम कीमत पर निर्यात किया जाता है। यह एक अनुचित व्यापार अभ्यास है जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर एक विकृत प्रभाव डाल सकता है।

पृष्ठभूमि:

  • ध्यातव्य है कि अमेरिकी एजेंसी USTR ने वर्ष 1998 में विश्व व्यापार संगठन के सब्सिडी व काउंटर वेलिंग ड्यूटी से संबंधित अनुबंधों के आलोक में विभिन्न देशों को उनके विकास स्तर के अनुसार सूचीबद्ध किया था।
  • इस सूची के प्रयोग से USTR यह तय करता है कि किन देशों को रियायत दी जाएगी और कौन से देश काउंटर वेलिंग ड्यूटी के अंतर्गत शामिल होंगे।
  • आमतौर पर जिन देशों को इन विशिष्ट श्रेणियों में नहीं रखा जाता है वे काउंटर वेलिंग ड्यूटी से अपेक्षाकृत कम सुरक्षित रहते हैं।
  • आयात बहुत कम होने या आयात पर मिलने वाली सब्सिडी अति-न्यून होने की स्थिति में CVD को समाप्त किया जा सकता है।
  • 10 फरवरी, 2020 तक भारत USTR के विकासशील देशों की सूची में शामिल था जिसकी वजह से उसे आयात पर नियत सीमा से अधिक छूट प्राप्त थी किंतु सूची से बाहर होने के कारण अब भारतीय उत्पादों को आयात और सब्सिडी से संबंधित रियायतें नहीं दी जाएंगी।
  • नई सूची में 36 विकासशील और 44 अल्पविकसित देश शामिल किये गए हैं।
  • यदि कोई देश किसी वस्तु का 3% से कम आयात (अमेरिका में उस वस्तु के कुल आयात का) करता है तो इसे उस वस्तु का नगण्य आयात माना जाएगा। विशेष परिस्थितियों में यह सीमा 4% है।
  • किसी वस्तु का अमेरिका में विभिन्न देशों का कुल आयात 7% होने पर उसे नगण्य आयात की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा।
  • कोई देश कम आय वाले देशों की श्रेणी में रखा जाएगा या नहीं इसका निर्धारण USTR निम्नलिखित बिंदुओं के आलोक में करता है ।
    • प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय या GNI
    • विश्व व्यापार में हिस्सेदारी
    • अन्य कारक जैसे आर्गेनाईजेशन फॉर इकोनोमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (OECD) की सदस्यता या सदस्यता के लिये आवेदन, यूरोपियन यूनियन की सदस्यता या G20 की सदस्यता।
  • भारत, ब्राज़ील, इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड और वियतनाम को इस सूची से बाहर कर दिया गया है। जहाँ इन सभी देशों की विश्व व्यापार में हिस्सेदारी कम-से-कम 0.5% है, वहीं सकल राष्ट्रीय आय 12,375 डॉलर (विश्व बैंक के द्वारा उच्च आय वाले देशों की सीमा) से कम है।
  • USTR के अनुसार, G20 का सदस्य होने के कारण भारत को विकासशील देशों की सूची में स्थान नहीं दिया गया है।
  • USTR के अनुसार, G20 का आर्थिक प्रभाव और विश्व व्यापार में हिस्सेदारी सदस्य देशों का विकसित होना सुनिश्चित करती है।

भारत पर प्रभाव:

  • अब तक भारत के लिये भारत-अमेरिका व्यापार संबंध काफी फ़ायदेमंद रहा है। वर्ष 2018 में अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात बाज़ार (कुल निर्यात का तक़रीबन 16.0%) था। तथाकथित नियमों में बदलाव के कारण भारतीय निर्यात प्रभावित होगा।

अमेरिका पर प्रभाव:

  • USTR के अनुसार, वर्ष 2018 में भारत और अमेरिका के बीच 142.6 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ इसमें अमेरिकी निर्यात 58.7 बिलियन डॉलर का तथा भारतीय आयात 83.9 बिलियन डॉलर मूल्य का था जिसके कारण अमेरिका का भारत से व्यापार घाटा वर्ष 2018 में 25.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
  • अमेरिका के द्वारा व्यापारिक नियमों में बदलाव कर व्यापार घाटे को कम करने की कोशिश की जा रही है।

आगे की राह:

  • भारत और अमेरिका के बीच चल रहे द्विपक्षीय व्यापार मतभेदों का हल निकालने के लिये दोनों देशों की तरफ से प्रयास किये जा रहे हैं।
  • भारत और अमेरिका एशिया में एक बड़े सामरिक साझीदार बनकर उभर रहे हैं ऐसे में भारत के द्वारा चीन को काउंटर करने के लिये अमेरिका के साथ संबंधों का बेहतर होना बेहद ज़रूरी है।

क्या है USTR?

  • यह संयुक्त राज्य अमेरिका की एक एजेंसी है, जिसकी स्थापना सन 1962 ई. में स्पेशल ट्रेड रिप्रेजेन्टेटिव के रूप में हुई थी।
  • यह एजेंसी संयुक्त राज्य अमेरिका के लिये व्यापार नीति विकसित करने और इस संबंध में संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति से सिफारिश करने के लिये उत्तरदायी है तथा इसके द्वारा ही द्विपक्षीय और बहुपक्षीय स्तरों पर व्यापार वार्ता आयोजित की जाती है ।
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