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डेली न्यूज़

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

अमेरिका का उइगर विधेयक, 2019

  • 04 Dec 2019
  • 6 min read

प्रीलिम्स के लिये

उइगर कौन हैं, इनकी भौगोलिक स्थिति, उइगर एक्ट, 2019

मेन्स के लिये

अमेरिका-चीन रिश्तों पर उइगर एक्ट, 2019 का प्रभाव

चर्चा में क्यों?

हाल ही में अमेरिकी संसद (United States Congress) के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेज़ेन्टेटिव (House of Representatives) ने उइगर मानवाधिकार नीति अधिनियम, 2019 विधेयक (The Uighur Human Rights Policy Act 2019 Bill) पारित किया। इस विधेयक को अभी ऊपरी सदन सीनेट (Senate) द्वारा पारित होना बाकी है जिसके बाद यह राष्ट्रपति की मंज़ूरी के लिये भेजा जाएगा।

मुख्य बिंदु:

  • इस विधेयक के पारित होने के बाद अमेरिका द्वारा चीन पर, उसके शिनजियांग (Shinxiang) प्रांत के मुस्लिम अल्पसंख्यकों के साथ किये जाने वाले दुर्व्यवहार के कारण, कई प्रतिबंध लगाए जाएंगे।
  • इनमें वरिष्ठ चीनी अधिकारियों तथा चीन को होने वाले निर्यात पर प्रतिबंध भी शामिल है।
  • निर्यात संबंधी प्रतिबंधों में मुख्यतः वे वस्तुएँ एवं तकनीकें शामिल होंगी जिनका प्रयोग व्यक्तिगत सर्विलांस, चेहरे तथा आवाज़ की पहचान आदि में किया जाता है।
  • इस विधेयक में पहली बार चीन के पोलितब्यूरो (Politburo) के सदस्यों पर भी प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा गया है। जबकि हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा यह कहा गया था कि चीन-अमेरिका के बीच चल रहे व्यापार युद्ध से वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँच रहा है।
  • इन प्रतिबंधों में चीन के शिनजियांग प्रांत के कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव चेन कुआनगुओ (Chen Quanguo) को विशेष तौर पर शामिल किया गया है। चेन कुआनगुओ चीनी पोलितब्यूरो के सदस्य तथा चीन के शीर्ष नेताओं में से हैं।

विधेयक का चीन-अमेरिका संबंधों पर प्रभाव:

  • दोनों देशों के मध्य चल रहे व्यापार युद्ध के कारण इनके आपसी रिश्ते पहले से ही तनावपूर्ण हैं। इसी बीच इस विधेयक के पारित होने से यह आशंका जताई जा रही है कि स्थिति और बिगड़ सकती है।
  • अमेरिका के इस कदम के प्रत्युत्तर में चीन ने अमेरिकी सेना के जहाज़ों तथा एयरक्राफ्ट को हॉन्गकॉन्ग में जाने से मना कर दिया।
  • इसके अलावा कई अमेरिकी अधिकारियों तथा गैर-सरकारी संगठनों पर भी ऐसे ही प्रतिबंध लगाए हैं।
  • विश्लेषकों का मानना है कि उइगर विधेयक पर चीन की प्रतिक्रिया अधिक कठोर हो सकती है जिसके द्वारा चीन अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पिओ को वीज़ा देने से मना कर सकता है। क्योंकि इन्होंने चीन द्वारा उइगर मुसलमानों के साथ किये गए बर्ताव को ‘द स्टेन ऑफ द सेंचुरी’ (the stain of the century) कहा है।

China

उइगर मुस्लिम (Uighur Muslim):

  • उइगर मुस्लिम चीन के शिनजियांग प्रांत में निवास करने वाले अल्पसंख्यक हैं। उइगर नृजातीय रूप से तुर्की के मुस्लिम समुदाय से संबंधित हैं। शिनजियांग प्रांत में इनकी जनसंख्या तकरीबन 40 प्रतिशत है।
  • चीन का मानना है कि यह समुदाय धार्मिक कट्टरता को मानता है तथा आतंकवाद, उग्रवाद, अलगाववाद को बढ़ावा देने और देश के अंदर घुसपैठियों को शरण देता है।

आधुनिक समय के यातना शिविर

(Modern-day Concentration Camps):

  • संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के विशेषज्ञों का कहना है कि कम-से-कम 1 मिलियन उइगर मुस्लिम और अन्य अल्पसंख्यक समूहों को शिनजियांग प्रांत के शिविरों में नज़रबंद रखा गया है।
  • इस तरह के शिविरों में उइगर समुदाय से संबंधित कलाकारों, लेखकों, पत्रकारों तथा विद्यार्थियों को भारी संख्या में नज़रबंद किया गया है।
  • एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद के शक के आधार पर तानाशाही का उपयोग करते हुए उइगर एवं अन्य अल्पसंख्यक समूहों को प्रताड़ित करने के लिये एक ‘ऑल आउट’ संघर्ष प्रारंभ किया है।
  • चीन की इस कार्यवाही पर विशेषज्ञों का कहना है कि ये आधुनिक समय के यातना शिविर हैं जहाँ लाखों की संख्या में लोगों को नज़रबंद किया गया है तथा उन पर अत्याचार किया जा रहा है।
  • हालाँकि चीन ने उइगरों तथा अन्य अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार से संबंधित घटनाओं से इनकार किया है। चीन के अनुसार, वह उइगरों तथा अन्य अल्पसंख्यकों को इस्लामी चरमपंथ तथा अलगाववाद से बाहर लाने के लिये उनका मतांतरण (Indoctrination) कर रहा है एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण (Vocational Traning) दे रहा है।

स्रोत: द हिंदू

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