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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

स्टार्च आधारित हेमोस्टैट का विकास

  • 18 Mar 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

स्टार्च आधारित हेमोस्टैट

मेन्स के लिये:

स्वास्थ्य क्षेत्र में नैनो प्रौद्योगिकी का महत्त्व

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के वैज्ञानिकों ने दुर्घटना की स्थिति में शीघ्र रक्तस्राव रोकने के लिए स्टार्च आधारित एक हेमोस्टैट पदार्थ विकसित करने में सफलता प्राप्त की है। 

Illustration

मुख्य बिंदु:

  • इस हेमोस्टैट पदार्थ का विकास नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (Institute of Nano Science and Technology-INST) के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया है।
  • वैज्ञानिकों के अनुसार, स्टार्च (Starch) आधारित यह हेमोस्टैट पदार्थ रक्त से अतिरिक्त द्रव (Excess Fluid) को अवशोषित कर रक्त जमाव (Clotting) में सहायता प्रदान करता है।
  • प्राकृतिक स्टार्च में रासायनिक परिवर्तनों के माध्यम से वैज्ञानिकों ने इस पदार्थ की जैव सुसंगतता (Biocompatibility) और जैवनिम्नीय (Biodegradability) का एक साथ इस्तेमाल करने में सफलता प्राप्त की है।
  • इस परिवर्तन से पदार्थ की द्रव अवशोषक क्षमता में 5-10 गुना की वृद्धि हुई है और इसकी आसंजन क्षमता भी बेहतर हुई है।
  • इस पदार्थ के जैवनिम्नीय सूक्ष्म कण (Biodegradable Microparticles) मिलकर घाव पर एक जेल (Gel) का निर्माण करते हैं, जो घाव के ठीक होने के साथ-साथ नष्ट हो जाते हैं।
  • इस हेमोस्टैट पदार्थ के सूक्ष्मकणों (Microparticles) को तैयार करने के लिए स्टार्च में पाए जाने वाले हाइड्रोक्सिल (Hydroxyl) समूह के रसायनों को कार्बोक्सीमेथिल (Carboxymethyl) समूह में बदला गया, साथ ही इस प्रक्रिया में उपयोगी कैल्शियम आयनों (Calcium ions) को भी शामिल किया गया।
  • इस प्रक्रिया से लाल रुधिर कणिकाओं और प्लेटलेट्स के एकत्रीकरण (Aggregation) और फाइबर प्रोटीन जाल बनाने की उनकी सक्रियता में वृद्धि होती है, जिससे स्थाई रक्त के थक्कों का निर्माण होता है।
  • यह परिवर्तन अणुओं की जल से क्रिया करने की क्षमता में वृद्धि करता है, जिससे इस पदार्थ की द्रव अवशोषक क्षमता भी बढ़ जाती है।
  • इस पदार्थ के सूक्ष्मकणों (Microparticles) को ‘कैल्सियम-माॅडीफाइड कार्बोक्सीमेथिल-स्टार्च’ (Calcium-modified carboxymethyl-starch) के नाम से जाना जाता है।

नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान

(Institute of Nano Science and Technology-INST):

  • INST भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science and Technology-DST) के तहत एक स्वायत्त संस्थान है।
  • इस संस्थान की स्थापना भारत सरकार के नैनो मिशन के तहत वर्ष 2013 में की गई थी।
  • इसका उद्देश्य भारत में नैनो विज्ञान और नैनो प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शोध और विकास को बढ़ावा देना है।
  • विशेषज्ञों के अनुसार, वर्तमान में स्टार्च आधारित जैवनिम्नीय हेमोस्टैट पदार्थ के कुछ अन्य विकल्प भी उपलब्ध हैं, परंतु उनकी धीमी द्रव अवशोषक क्षमता और घावों के उतकों पर खराब आसंजन क्षमता के कारण उनकी उपयोगिता बहुत ही सीमित है।
  • जानवरों पर प्रयोग के दौरान इस पदार्थ के उपयोग से मध्यम से भारी रक्तस्राव को एक मिनट से कम समय में रोकने में सफलता प्राप्त हुई।
  • साथ ही जानवरों पर किये गए अध्ययनों के दौरान इस पदार्थ के नॉन-टाॅक्सिक (Non-Toxic) होने और जैवनिम्नीयता (biodegradibility) की भी पुष्टि की गई।

स्रोत: पीआईबी

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