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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

विश्व की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना के लिये विश्व बैंक देगा ऋण

  • 16 Mar 2017
  • 5 min read

सन्दर्भ

मध्य प्रदेश में बन रही रीवा अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा परियोजना की आंतरिक पारेषण व्यवस्था विकसित करने के लिये विश्व बैंक ऋण प्रदान करेगा । रीवा अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा परियोजना दुनिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना है । 

प्रमुख बिंदु 

  • मध्य प्रदेश जन संपर्क विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, विश्व बैंक  ‘रीवा अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना’ की आंतरिक पारेषण व्यवस्था विकसित करने के लिए ऋण उपलब्ध कराएगा |
  • ध्यातव्य है कि यह विश्व की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना होगी । इससे 750 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा । 
  • रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर संस्था इस प्रकार का ऋण प्राप्त करने वाली देश की पहली संस्था बन गई है । 
  • प्रदत्त ऋण का 25 प्रतिशत हिस्सा क्लीन टेक्नालॉजी फंड का होगा | विदित हो कि यह बेहद सस्ता ऋण है और मात्र 0.25 प्रतिशत ब्याज पर मिलता है । इस ऋण के कम दर पर प्राप्त होने के फलस्वरूप टैरिफ पर 5 पैसे का लाभ आकलित किया गया है । 
  • विदित हो कि यह निर्णय, भारत में सौर ऊर्जा पार्क विकास के लिए विश्व बैंक के 10 करोड़ डॉलर ऋण के सिलसिले में दिल्ली में हुई बैठक के दौरान लिया गया ।
  • यह ऋण 30 मार्च, 2017 को वाशिंगटन में होने वाली विश्व बैंक की बोर्ड बैठक में स्वीकृत किया जाएगा । 
  • वीडियो कॉन्फ्रैंसिंग के माध्यम से हुई इस बैठक में केंद्र सरकार के आर्थिक कार्य विभाग, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और विश्व बैंक,वाशिंगटन के अधिकारी उपस्थित थे। मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व प्रमुख सचिव-नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, मनु श्रीवास्तव द्वारा किया गया । 
  • गौरतलब है कि रीवा सौर ऊर्जा संयंत्र, भारतीय सौर ऊर्जा निगम (Solar Energy Corporation of India) और मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम (Madhya Pradesh Urja Vikas Nigam - MPUVN) का एक संयुक्त उद्यम है | 
  • इस सोलर पावर परियोजना के स्थापित होने पर मध्य प्रदेश में 14,000 करोड़ रुपये की बचत होगी।
  • इसके अतिरिक्त, इससे दिल्ली मेट्रो को बिजली दी जाएगी ।
  • विश्व बैंक यह ऋण इंडियन रिन्युवल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी को देगा, तत्पश्चात इस एजेंसी के माध्यम से ऋण को देश में सोलर पार्क विकास हेतु वितरित किया जाएगा । 
  • वर्तमान में देश में इस ऋण का लाभ लेने वाली एकमात्र संस्था रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर (Rewa Ultra Mega Solar- RUMS) है | फिलहाल आरयूएमएस द्वारा ही इस ऋण को, विश्व बैंक से विस्तृत चर्चा कर स्वीकृत करवाया गया है । 
  • ध्यातव्य है कि वर्तमान में भारत में सौर ऊर्जा, बहुत ही सस्ती एवं सुलभ हो गई है | जिसका सबसे प्रमुख उदाहरण फरवरी माह के प्रारंभ में, मध्य प्रदेश राज्य में अवस्थित रीवा संयंत्र की तीन इकाइयों के लिये ‘उत्क्रमित नीलामी बोली’ (Reverse Auction Bid) में प्राप्त हुए ऐतिहासिक निम्न सौर प्रशुल्क है| 
  • इसके अतिरिक्त भारत के अधिकतर सौर ऊर्जा उत्पादनकर्ता चीन से सस्ते फोटोवोल्टिक पैनलों (Photovoltaic Panels) का आयात होने के कारण अपने मूल्यों में निरंतर कमी करते जा रहे हैं| 
  • उल्लेखनीय है कि नवीकरणीय ऊर्जा के संदर्भ में तय किये गए अपने लक्ष्यों (मुख्यतः 2022 तक 100 GW  सौर ऊर्जा का लक्ष्य ) को प्राप्त करने के लिये भारत सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में भी तेजी लाई गई है |
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