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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 23 जनवरी, 2018

  • 23 Jan 2018
  • 9 min read

किलोपावर (Kilopower)

हाल ही में नासा द्वारा की गई एक घोषणा के अनुसार, वह किलोपॉवर परियोजना (Kilopower project) के लिये नए परीक्षणों का संचालन कर रहा है। ऐसे ही एक कार्यक्रम के अंतर्गत अंतरिक्ष अन्वेषण को बढ़ावा देने के लिये छोटे परमाणु स्रोतों (sources) का निर्माण किया जा रहा है।

किलोपावर क्या है?

  • किलोपावर परियोजना प्रारंभिक अवधारणाओं और प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिये एक निकट-अवधि का तकनीकी प्रयास है।
  • इसका उपयोग एक वहनीय फिज़न परमाणु ऊर्जा प्रणाली  (fission nuclear power system) हेतु किया जा सकता है।

लक्ष्य

  • इस परियोजना का मुख्य लक्ष्य 2018 तक परमाणु ऊर्जा प्रणाली आधारित प्रौद्योगिकियों को पर्याप्त रूप से विकसित करने के साथ-साथ उनका परीक्षण करना है। 
  • ऐसा करने का उद्देश्य नासा के लिये फिज़न पॉवर (fission power) अन्वेषण सतह प्रणालियों (exploration surface systems) का सूचित चयन (informed selection) करने का एक संभावित विकल्प तैयार करना है।

लाभ

  • यह प्रौद्योगिकी, आवासों और जीवन-समर्थन प्रणालियों को सशक्त बनाने, अंतरिक्ष यात्रियों को संसाधनों का खनन करने, रोवर को रिचार्ज करने और प्रसंस्करण उपकरणों को सक्षम बनाने जैसे कि ग्रह पर मौजूद बर्फ को ऑक्सीजन, पानी और ईंधन जैसे संसाधनों में परिवर्तित करने के लिये सक्षम बनाती है।
  • यह बाहरी ग्रहों के लिये शुरू किये जाने वाले मिशनों के संदर्भ में विद्युत रूप से संचालित अंतरिक्ष यान प्रणोदन प्रणाली में भी संभावित रूप से वृद्धि कर सकती है।

विदेशी राजनयिक मिशनों/संयुक्त राष्ट्र संगठनों की विशिष्ट पहचान संख्या
(Unique Identity Number - UIN)

विदेशी राजनयिक मिशनों/संयुक्त राष्ट्र संगठनों द्वारा यह शिकायत की गई है कि इनके दूतावासों/मिशनों/वाणिज्य दूतावासों या संयुक्त राष्ट्र संगठनों को विक्रय करते समय वेंडरों/आपूर्तिकर्त्ताओं/ई-कॉमर्स वेबसाइटों द्वारा विशिष्ट पहचान संख्या (यूआईएन) दर्ज करने के मामले में अनिच्छा प्रकट की जाती हैं। 

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि विदेशी राजनयिक मिशनों/संयुक्त राष्ट्र संगठनों को आपूर्ति करना एकदम वैसे ही है, जैसे किसी अन्य व्यवसाय में उपभोक्ता को आपूर्ति की जाती है, इसका आपूर्तिकर्त्ता की कर देयता पर कोई असर नहीं होता है।
  • ऐसी आपूर्ति करने के दौरान यूआईएन रिकॉर्ड करने से विदेशी राजनयिक मिशन/संयुक्त राष्ट्र संगठन भारत में उनके द्वारा अदा किये जाने वाले करों के रिफंड का दावा करने में सक्षम बन जाते हैं। 
  • यही कारण है कि सरकार द्वारा यह सलाह दी जाती है कि आपूर्तिकर्त्ताओं को टैक्स इनवॉईस (tax invoice) पर दूतावासों/मिशनों/वाणिज्य दूतावासों या संयुक्त राष्ट्र संगठनों के यूआईएन को दर्ज करने से मना नहीं करना चाहिये।   

विशिष्ट पहचान संख्या क्या है?

  • विशिष्ट पहचान संख्या (Unique Identification Number -UIN) संयुक्त राष्ट्र (विशेषाधिकार एवं अधिकार) अधिनियम [United Nations (Privileges and Immunities) Act], 1947, वाणिज्य दूतावास या दूसरे देशों के दूतावास के तहत अधिसूचित संयुक्त राष्ट्र संगठन की किसी विशिष्ट एजेंसी या किसी अन्य बहु-पक्षीय वित्तीय संस्थान (Multilateral Financial Institution) या संगठन को आवंटित 15 अंकों की एक विशिष्ट संख्या होती है।
  • ध्यान देने वाली बात यह है कि किसी इनवॉयस भुगतान (invoice payment) पर विशिष्ट पहचान संख्या (यूआईएन) को रिकॉर्ड करना सीजीएसटी नियमों (Central Goods and Services Tax - CGST Rules), 2017 के नियम 46 के तहत एक आवश्यक शर्त है। 
  • इन नियमों के उल्लंघन पर सीजीएसटी नियमों, 2017 के तहत दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान किया गया है।

राष्ट्रीय निवेश और बुनियादी ढांचा कोष
(National Investment and Infrastructure Fund - NIIF)

हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय निवेश और बुनियादी ढाँचा कोष (एनआईआईएफ) द्वारा अपना पहला निवेश किया गया। एनआईआईएफ ने भारत में बंदरगाह टर्मिनल, परिवहन, आपूर्ति व्यापार के क्षेत्र में निवेश हेतु एक मंच बनाने के लिये डीपी वर्ल्ड के साथ साझेदारी की है। 

प्रमुख बिंदु

  • इस मंच के माध्यम से पत्तन क्षेत्र के अलावा नदी पत्तन और परिवहन, माल ढुलाई गलियारा, बंदरगाह वाले विशेष आर्थिक क्षेत्र, अंतर्देशीय माल वाहक टर्मिनल्स और शीतगृह सहित आपूर्ति सेवाओं से जुड़े ढाँचे जैसे क्षेत्रों में निवेश के अवसर उपलब्ध होंगे।

एनआईआईएफ क्या है? 

  • एनआईआईएफ के मास्टर कोष की शुरुआत 16 अक्तूबर, 2017 को अबू धाबी निवेश प्राधिकरण (Abu Dhabi Investment Authority-ADIA) की एक सब्सिडरी और चार घरेलू संस्थागत निवेशक(Domestic Institutional Investors –DIIs), एच.डी.एफ.सी. ग्रुप, आई.सी.आई.सी.आई. बैंक, कोटक महिंद्रा लाइफ और एक्सिस बैंक के सहयोग से हुई थी।

भारत-ब्रिटेन हरित विकास इक्विटी कोष (Green Growth Equity Fund-GGEF) की भी स्थापना की जा रही है। जिसके तहत प्रत्येक देश की सरकारें 120-120 मिलियन पाउंड का निवेश करेंगी।

  • भारत सरकार एनआईआईएफ के ज़रिये इस कोष में धन डालेगी।
  • सेबी के नियमों के तहत तीन वैकल्पिक निवेश कोष (Alternative Investment Funds-AIFs) स्थापित करने के बाद एनआईआईएफ का संचालन किया जा रहा है।

कैंसरसीक टेस्ट

हाल ही में वैज्ञानिकों द्वारा कैंसर के संबंध में एक नई उपलब्धि हासिल की गई है। वैज्ञानिकों द्वारा रक्त –जाँच की एक ऐसी तकनीक विकसित की है जिसकी सहायता से आठ प्रकार के कैंसर की पहचान की जा सकती है। 

  • इसके तहत ओवरी, लीवर, पेट, पैनक्रियाज़, खाने की नली, कोलोरेक्टम फेफड़ों और स्तन के कैंसर के संबंध में पता लगाया जा सकता है।

प्रमुख बिंदु

  • इस रक्त-जाँच को कैंसरसीक नाम दिया गया है।
  • यह शरीर में किसी उपकरण को प्रवेश कराए बिना चिकित्सकीय प्रकिया के माध्यम से की जाने वाली एक बहु-विश्लेषक जाँच प्रक्रिया है। 
  • इस टेस्ट से आठ प्रकार के कैंसर प्रोटीनों के स्तर का मूल्यांकन करने के साथ-साथ रक्त में मौजूद डीएनए से कैंसर जीन की उपस्थिति के विषय में भी पता लगाया जा सकता है।
  • वर्तमान में जो जाँच प्रक्रिया मौजूद हैं उसकी सहायता से पाँच तरह के कैंसर की ही पहचान की जा सकती है।
  • इसका लाभ यह होगा कि इसकी सहायता से समय पर यह पता लगाया जा सकता है कि शरीर के किस हिस्से में बीमारी पनप रही है।  
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