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भारतीय अर्थव्यवस्था

पॉवर ग्रिड इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट

  • 28 Apr 2021
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (Power Grid Corporation of India) ने अपना इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvIT) - पॉवर ग्रिड इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (Power Grid Infrastructure Investment Trust- PGInvIT) लॉन्च किया है।

प्रमुख बिंदु

पॉवर ग्रिड इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट के विषय में:

  • यह पहली बार है जब एक राज्य के स्वामित्व वाली इकाई ‘इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट’ के माध्यम से अपनी परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण कर रही है।
  • यह ‘IRB InvIT’ और ‘इंडिया ग्रिड ट्रस्ट’ के बाद भारतीय बाज़ारों में सूचीबद्ध होने वाला तीसरा InvIT होगा। ‘IRB InvIT’ और ‘इंडिया ग्रिड ट्रस्ट’ दोनों को ही वर्ष 2017 में सार्वजनिक किया गया था।
  • सरकारी सहायता पर निर्भर हुए बिना धन संबंधी आवश्यकताओं का प्रबंधन करने हेतु राज्य-संचालित कंपनियों को एक वैकल्पिक धन संग्रहण मार्ग प्रदान करने के लिये केंद्र सरकार द्वारा InvIT मार्ग प्रस्तावित किया गया था।

पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया

  • यह विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी है।
  • यह देश की सबसे बड़ी बिजली ट्रांसमिशन कंपनी है।
  • इसने अपना व्यावसायिक संचालन वर्ष 1992-93 में शुरू किया था और वर्तमान में यह एक महारत्न कंपनी है।

इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट के विषय में:

  • यह म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) की तरह ही एक सामूहिक निवेश योजना है, जो अवसंरचना परियोजनाओं में व्यक्तिगत और संस्थागत निवेशकों से प्राप्त राशि के प्रत्यक्ष निवेश को संभव बनाती है और निवेशकों को इस पर आय का छोटा हिस्सा अर्जित करने का अवसर मिलता है।
  • InvITs को ‘रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट’ (Real Estate Investment Trust-ReIT) के संशोधित संस्करण के रूप में देखा जा सकता है, जिसे फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की विशिष्ट परिस्थितियों के अनुरूप डिज़ाइन किया गया है।
  • इसे प्रायः आय सृजन और परिचालन योग्य बुनियादी अवसंरचना जैसे- सड़क, बिजली ट्रांसमिशन लाइनों और गैस पाइपलाइनों आदि के निर्माण के लिये बनाया गया है।
    • इन संपत्तियों के पास मज़बूत और दीर्घकालिक अनुबंध होते हैं, जो दीर्घकाल (15-20 वर्ष) तक स्थिर नकदी प्रवाह प्रदान करते हैं।
  • इसे सेबी (इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) विनियम, 2014 द्वारा विनियमित किया जाता है।
  •  इसके पास भी म्यूचुअल फंड की तरह ट्रस्टी, प्रायोजक, निवेश प्रबंधक एवं परियोजना प्रबंधक होते हैं।
    • ट्रस्टी (Trustee) के पास InvIT के प्रदर्शन का निरीक्षण करने की दायित्त्व होता है।
    • प्रायोजक (Sponsor) कंपनी के प्रमोटर होते हैं, जिन्होंने InvIT स्थापित किया है।
    • निवेश प्रबंधक (Investment Manager) को InvIT की परिसंपत्तियों एवं निवेशों की देखरेख का कार्य सौंपा जाता है।
    • परियोजना प्रबंधक (Project Manager) परियोजना के निष्पादन जे लिये उत्तरदायी होता है।
  • InvITs इकाइयों को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया जा सकता है, जिससे इन्हें तरलता प्राप्त होती है।
    • ये निजी और गैर-सूचीबद्ध भी हो सकती हैं, ऐसी स्थिति में उनका सार्वजनिक रूप से कारोबार नहीं होता है और उनमें मुख्य रूप से संस्थागत निवेशकों द्वारा निवेश किया जाता है।

InvITs स्थापित करने के लाभ:

  • ये प्रायोजकों (इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स) को राजस्व उत्पन्न करने वाली परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण करने, इक्विटी लाभ प्राप्त करने और अपने ऋण को कम करने के लिये सुविधाजनक मार्ग प्रदान करता है।
  • InvITs अधिक कर-अनुकूल संरचना भी प्रस्तुत करते हैं। एक ट्रस्ट होने के कारण  InvIT की अंतर्निहित परिसंपत्तियों से प्राप्त की गई आय कर योग्य नहीं होती है।
  • ये बैंकों, वित्तीय संस्थानों, पेंशन फंड, बीमा कंपनियों और खुदरा निवेशकों आदि को कम जोखिम के निवेश अवसर प्रदान करते हैं।

InvITs के नुकसान:

  • ये विनियामक और कर कानून में परिवर्तन के प्रति संवेदनशील होते हैं।
  • भारत में अवसंरचना परिसंपत्तियाँ से संबद्ध नहीं होती हैं।
    • जबकि InvITs के प्रदर्शन पर मुद्रास्फीति की उच्च दर महत्त्वपूर्ण प्रभाव डालती है।

स्रोत: बिज़नेस स्टैण्डर्ड

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