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डेली न्यूज़

जैव विविधता और पर्यावरण

पोंग बाँध झील वन्यजीव अभयारण्य

  • 10 Feb 2021
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

वर्ष 2020-21 की सर्दियों में हिमाचल प्रदेश के पोंग बाँध झील वन्यजीव अभयारण्य में एक लाख से अधिक प्रवासी जल पक्षी पहुँचे।

प्रमुख बिंदु:  

  • अवस्थिति: कांगड़ा ज़िला, हिमाचल प्रदेश।
  • निर्माण:
    • पोंग बाँध को वर्ष 1975 में ब्यास नदी पर बनाया गया था। इसे पोंग जलाशय या महाराणा प्रताप सागर भी कहा जाता है।
    • वर्ष 1983 में हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा पूरे जलाशय को वन्यजीव अभयारण्य घोषित कर दिया गया था।
    • वर्ष 1994 में भारत सरकार ने इसे "राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि" घोषित किया।
    • पोंग बाँध झील को नवंबर 2002 में रामसर स्थल के रूप में घोषित किया गया था।

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  • प्रवासी पक्षियों के लिये गंतव्य:
    • यह अभयारण्य 54 कुलों के पक्षियों की लगभग 220 प्रजातियों की मेज़बानी करता है। सर्दियों के दौरान प्रवासी पक्षी हिंदुकुश हिमालय से, यहाँ तक कि साइबेरिया से इस अभयारण्य में आते हैं।
  • नदियाँ:
    • इस झील को ब्यास नदी और इसकी कई बारहमासी सहायक नदियों जैसे कि गज, नियोगल, बिनवा, उहल, बंगाणा और बानर से जल प्राप्त होता है। 
    • यह झील मछलियों की लगभग 22 प्रजातियों को आश्रय देती है, जिसमें दुर्लभ मछलियाँ जैसे- सैल और गैड शामिल हैं। झील का पर्याप्त जल स्तर इसे वाटर स्पोर्ट्स के लिये एक आदर्श गंतव्य स्थल बनाता है।
  • वनस्पति:
    • यह अभयारण्य क्षेत्र उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जंगलों से आच्छादित है, जो बड़ी संख्या में भारतीय वन्यजीवों को आश्रय देता है।
  • वनस्पति जगत: 
    • यूकेलिप्टस, कीकर, जामुन, शीशम, आम, शहतूत, गूलर, कचनार तथा आँवला आदि।
  • प्राणी जगत:
    • काकड़ (बार्किंग डियर), सांभर, जंगली सूअर, नीलगाय, तेंदुआ तथा छोटे पंजे वाले ऊदबिलाव आदि।
  • पक्षी वर्ग:
    • ब्लैक हेडेड गुल, लाल गर्दन वाले ग्रीब, टिटिहरी (Plovers) टर्न, बत्तख, जल मुर्गी, बगुला इत्यादि।

हिमाचल प्रदेश स्थित राष्ट्रीय उद्यान 

  • ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क (Great Himalayan National Park):
    • कुल्लू ज़िले के बंजार उप-प्रभाग में स्थित ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क को आधिकारिक रूप से वर्ष 1999 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था।
    • वर्ष 2014 में ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क को जैव विविधता संरक्षण में अद्भुत योगदान के लिये यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया गया।
    • यहाँ पाई जाने वाली प्रजातियों में ग्रेटर ब्लू शीप, भारतीय पिका, रीसस बंदर, हिमालयन काले भालू, हिमालयन भूरे भालू, लाल लोमड़ी आदि शामिल हैं।
  • पिन घाटी राष्ट्रीय उद्यान (Pin Valley National Park):
    • पिन घाटी राष्ट्रीय उद्यान, लाहौल और स्पीति ज़िले में स्थित है। इसकी स्थापना वर्ष 1987 में की गई थी। 
    • यहाँ विभिन्न संकटग्रस्त प्रजातियाँ अपने प्राकृतिक आवास में पाई जाती है जिसमें हिम तेंदुआ तथा साइबेरियाई आइबेक्स भी शामिल हैं। 
  • इंदरकिला राष्ट्रीय उद्यान (Inderkilla National Park):
    • इंदरकिला राष्ट्रीय उद्यान हिमाचल प्रदेश के कुल्लू ज़िले में अवस्थित है तथा इसकी स्थापना वर्ष 2010 में की गई थी।
    • यहाँ तेंदुए और हिरण जैसे हिमालयी क्षेत्र के जंतु और विभिन्न पक्षी जिनमें ग्रीष्म ऋतु वाले दुर्लभ पक्षी भी शामिल हैं के साथ-साथ कीटों की विविध प्रजातियाँ भी देखी जा सकती हैं।
  • खीरगंगा राष्ट्रीय उद्यान (Khirganga National Park):
    • खीरगंगा राष्ट्रीय उद्यान कुल्लू में अवस्थित है तथा इसकी स्थापना वर्ष 2010 में की गई थी।
    • यह राष्ट्रीय उद्यान लगभग 5,500 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है तथा 710 वर्ग किमी. क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
  • सिम्बलबारा राष्ट्रीय उद्यान (Simbalbara National Park):
    • सिम्बलबारा राष्ट्रीय उद्यान सिरमौर ज़िले की पांवटा घाटी (Paonta Valley) में अवस्थित है।
    • इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1958 में सिम्बलबारा वन्यजीव अभयारण्य (9.03 वर्ग किमी. क्षेत्रफल) के रूप में की गई थी।
    • वर्ष 2010 में 8.88 वर्ग किमी. अतिरिक्त क्षेत्रफल को शामिल करते हुए इसे एक राष्ट्रीय  उद्यान में परिवर्तित किया गया।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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