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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

मौसम पूर्वानुमान के क्षेत्र में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का नया हाई रिजॉल्यूशन मॉडल

  • 18 Jan 2017
  • 5 min read

पृष्ठभूमि

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने मौसम के पूर्वानुमान के लिये एक बहुत ही उच्च रिजॉल्यूशन (12 किमी.) वाला वैश्विक नियतात्मक मौसम पूर्वानुमान मॉडल (global deterministic weather prediction model) स्वीकृत किया है। 

प्रमुख बिंदु 

  • सितंबर 2016 से यह मॉडल परीक्षण के स्तर (trial basis) पर था जिसने दैनिक मौसम पूर्वानुमान कौशल (skill of daily weather forecasts) में उल्लेखनीय सुधार प्रदर्शित किया। इस मॉडल को 16 जनवरी, 2017 से परिचालित (operational) कर दिया गया है|
  • कुछ दिन पहले आए भीषण चक्रवाती तूफान ‘वरदा’ के मार्ग और तीव्रता के साथ-साथ यह भारत के उत्तरी हिस्सों में आई शीत लहर की भविष्यवाणी करने में सहायक सिद्ध हुआ |
  • इस नए मॉडल ने अपने पूर्ववर्ती 25 किमी. क्षैतिज रिजॉल्यूशन वाले संस्करण का स्थान लिया है |
  • पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के ऑपरेशनल एनेसेम्ब्ल प्रेडिक्शन सिस्टम (EPS) को 12 किमी. तक उन्नत किया जाएगा (जो वर्तमान में लगभग 25 किलोमीटर के क्षैतिज रिजॉल्यूशन का है) | 
  • इसके लिये मौजूदा हाई परफॉरमेंस कंप्यूटिंग सिस्टम रिसोर्सेज़ (High Performance Computing –HPC, system resources) को 1.2 पेटा फ्लॉप से 10 पेटा फ्लॉप करने के लिये संवर्द्धित किया जा रहा है |
  • इस ईपीएस को पूर्वानुमान में अनिश्चितता की समस्या को दूर करने के लिये अपनाया गया है। इसमें थोड़ी-बहुत भिन्नता युक्त प्रारंभिक स्थितियों का उपयोग कर एकाधिक पूर्वानुमान व्यक्त  (generation of multiple forecasts) करने की क्षमता विकसित की गई है। ईपीएस भी संभाव्य पूर्वानुमान करने और अनिश्चितताओं को दूर करने में मदद करेगा| 
  • पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय विभिन्न उपयोगकर्ताओं के लिये पूरे वर्ष 24/7 मौसम, जलवायु और जल विज्ञान सेवा प्रदान करता है। 
  • इन सेवाओं के संचालन और अनुसंधान दोनों पहलुओं एवं क्रियान्वयन हेतु, इसकी घटक इकाइयों- भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department-IMD) के लिये मध्यम रेंज मौसम पूर्वानुमान राष्ट्रीय केंद्र (National Centre for Medium Range Weather Forecasting -NCMRWF), उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान के भारतीय संस्थान (Indian Institute of Tropical Meteorology -IITM ) और महासागर सूचना प्रणाली के लिये भारतीय राष्ट्रीय केंद्र (Indian National Centre for Ocean Information System -INCOIS) कार्यरत हैं|
  • सामान्य तौर पर, पिछले पाँच वर्षों के दौरान भारत में मौसम और जलवायु के पूर्वानुमान के कौशल में सुधार हुआ है। विशेष रूप से आम जनता के लिये मौसम पूर्वानुमान, मानसून का पूर्वानुमान, भारी वर्षा चेतावनी और उष्णकटिबंधीय चक्रवात चेतावनी और अलर्ट इत्यादि में उल्लेखनीय कार्य किया है। 
  • दिसंबर 2015 के दौरान उष्णकटिबंधीय चक्रवातों फैलिन/हुदहुद, चेन्नई में भारी वर्षा की भविष्यवाणी करने में सफलता, 2015 के मानसून सत्र के दौरान कम बारिश इत्यादि हाल के वर्षों के दौरान भविष्यवाणी क्षमता में सुधार के सबसे महत्त्वपूर्ण उदाहरण हैं|
  • मौसम भविष्यवाणी मॉडल के विकास और डेटा आत्मसात तरीकों पर केंद्रित अनुसंधान और विकास गतिविधियों को आईआईटीएम, एनसीएमआरडब्ल्यूएफ और आईएमडी में संपन्न किया गया है। 
  • मौसम भविष्यवाणी मॉडल में अंतरराष्ट्रीय और भारतीय उपग्रहों से डेटा आत्मसात किया जा रहा है।

मौसम की गंभीर दशाओं के कारण होने वाली गंभीर क्षति को कम करने के लिये मौसम पूर्वानुमान संबंधी सूचनाओं को सही समय और सही भाषा में पहुँचाना अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है| आईएमडी ने विभिन्न संचार चैनलों का उपयोग कर विभिन्न हितधारकों के लिये मौसम और जलवायु के पूर्वानुमान के प्रसार के लिये एक प्रभावी तंत्र स्थापित किया है|

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