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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत बांग्लादेश सीमा पर बाड़ लगाने के काम में तेज़ी

  • 04 Mar 2017
  • 3 min read

समाचारों मे क्यों

गौरतलब है कि भारत बांग्लादेश सीमा पर बाड़ लगाने का कार्य लगभग आधा पूरा हो चुका है। भारत की बांग्लादेश से लगने वाली 4,096 किलोमीटर की सीमा के आधे भाग में बाड़ लगाने का काम सम्पूर्ण हो गया है। बाड़ लगाने का उद्देश्य नकली नोटों की आपूर्ति बंद करना और अवैध प्रवेश पर रोक लगाना है।

क्या लाभ होगा?

अंतरराष्ट्रीय भारत-बांग्लादेश सीमा पर बाड़ लगाने का मुद्दा पिछले कई वर्षों से ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ था। खुफिया जानकारी के अनुसार भारत-बांग्लादेश सीमा बड़ी तेजी से आतंकवादियों एवं पशु तस्करों के पारगमन बिंदु का रूप लेता जा रहा है। गौरतलब है कि भूमि को चिन्हित करने एवं उसके सर्वेक्षण का काम 2009 में ही कर लिया गया था। ज्ञात हो कि हाल के दिनों में भारत-बांग्लादेश सीमा अत्यंत संवेदनशील हो गया है और बाड़ लगाने से सीमा पर गश्त करने में सहूलियत होगी।

समस्याएँ क्या हैं?

विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर न केवल आबादी की अधिकता है बल्कि ज़मीन भी उपजाऊ और खेती योग्य है और इस कारण ज़्यादातर लोग अपनी ज़मीनें छोड़ना नहीं चाहते। ऐसे में बाड़ लगाने के लिये किसानों की ज़मीनों का अधिग्रहण करना एक मुश्किल भरा कार्य साबित हो रहा है।

निष्कर्ष

सीमा सुरक्षा को लेकर मोदी सरकार आरंभ से ही नए दृष्टिकोण से विचार करती रही है। गृह मंत्रालय ने भारत और बांग्लादेश सीमा सुरक्षा को लेकर एक समिति का गठन किया था। जिसने सीमा पर बाड़ लगाने को मंजूरी दी थी। इसमें कोई शक नहीं है कि सीमा सुरक्षा एक गंभीर मसला है अतः सीमा सुरक्षा से संबंधित प्रत्येक प्रयास का गंभीर अवलोकन भी होना चाहिये। सीमा पर बाड़ के निर्माण के बजाय ‘स्मार्ट फेंस’ जैसी तकनीकों के माध्यम से सीमा पार से होने वाले आतंक पर अंकुश लगाने पर विचार करना चाहिये जैसा कि भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर किया जा रहा है।

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