भारतीय राजव्यवस्था
ईडब्ल्यूएस कोटा के लिये आय मानदंड
- 06 Jan 2022
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प्रिलिम्स के लिये:ईडब्ल्यूएस कोटा और संवैधानिक प्रावधान। मेन्स के लिये:सामाजिक गतिशीलता और संबंधित मुद्दों में ईडब्ल्यूएस कोटे का महत्त्व। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में एक सरकारी समिति की रिपोर्ट में सर्वोच्च न्यायालय को बताया गया कि "आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग" (Economical Weaker Sections- EWS) को परिभाषित करने हेतु "आय" एक "व्यवहार्य मानदंड" है।
- अक्तूबर 2021 में NEET के उम्मीदवारों द्वारा एक याचिका दायर कर पूछा गया कि अखिल भारतीय कोटा (AIQ) श्रेणी के तहत NEET मेडिकल प्रवेश में 10% आरक्षण के अनुदान हेतु EWS की पहचान करने के लिये वार्षिक आय मानदंड के रूप में '8 लाख रुपए'का निर्धारण किस प्रकार से किया गया है।
EWS कोटा
- 10% EWS कोटा 103वें संविधान (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन करके पेश किया गया था
- इससे संविधान में अनुच्छेद 15 (6) और अनुच्छेद 16 (6) को सम्मिलित किया गया।
- यह आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों (EWS) हेतु शिक्षा संस्थानों में नौकरियों और प्रवेश में आर्थिक आरक्षण के लिये है।
- यह अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) तथा सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों (एसईबीसी) के लिये 50% आरक्षण नीति द्वारा कवर नहीं किये गए गरीबों के कल्याण को बढ़ावा देने हेतु अधिनियमित किया गया था।
- यह केंद्र और राज्यों दोनों को समाज के EWS को आरक्षण प्रदान करने में सक्षम बनाता है।
- ईडब्ल्यूएस की पहचान हेतु आय मानदंड 17 जनवरी, 2019 की एक अधिसूचना द्वारा पेश किया गया था, जिसमें ईडब्ल्यूएस की पहचान के लिये अन्य शर्तें रखी गई थीं, जैसे- लाभार्थी के परिवार के पास पांच एकड़ कृषि भूमि, 1,000 वर्ग फुट का आवासीय फ्लैट और अधिसूचित/गैर-अधिसूचित नगर पालिकाओं में 100/200 वर्ग गज और उससे अधिक का आवासीय भूखंड नहीं होनाचाहिये।
प्रमुख बिंदु
- रिपोर्ट के बारे में
- 8 लाख रुपए उपयुक्त राशि:
- समिति ने कहा कि 8 लाख रुपए का मानदंड अधिक समावेश और समावेशन त्रुटियों के बीच एक उपयुक्त राशि है और प्रवेश एवं नौकरियों में आरक्षण का विस्तार करने के लिये ईडब्ल्यूएस का निर्धारण करने हेतु इसे "उचित" सीमा पाया।
- यह देखते हुए कि वर्तमान में प्रभावी आयकर छूट की सीमा व्यक्तियों के लिये लगभग 8 लाख रुपए है, समिति का विचार है कि पूरे परिवार के लिये 8 लाख रुपए की सकल वार्षिक आय सीमा ईडब्ल्यूएस में शामिल करने के लिये उचित होगी।
- ओबीसी मानदंड के अनुकरण की अस्वीकृत धारणा:
- इसने इस धारणा को खारिज कर दिया कि केंद्र ने एक संख्या के रूप में 8 लाख रुपए को "अप्रासंगिक रूप से अपनाया" था क्योंकि इसका उपयोग ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) क्रीमी लेयर कट-ऑफ के लिये भी किया जाता था।
- ईडब्ल्यूएस के लिये आय मानदंड अधिक सख्त:
- सबसे पहले ईडब्ल्यूएस का मानदंड आवेदन के वर्ष से पहले के वित्तीय वर्ष से संबंधित है, जबकि ओबीसी श्रेणी में क्रीमी लेयर के लिये आय मानदंड लगातार तीन वर्षों के लिये सकल वार्षिक आय पर लागू होता है।
- दूसरे, ओबीसी क्रीमी लेयर के मामले में वेतन, कृषि और पारंपरिक कारीगर व्यवसायों से होने वाली आय को विचार से बाहर रखा गया है, जबकि ईडब्ल्यूएस के लिये 8 लाख रुपए के मानदंड में खेती सहित सभी स्रोत शामिल हैं।
- इसलिये एक ही कट-ऑफ संख्या होने के बावजूद उनकी रचना अलग है और दोनों को समान नहीं माना जा सकता है।
- अनुसूचित जाति द्वारा समर्थित समान आय सीमा:
- एक समान आय-आधारित सीमा की वांछनीयता को सर्वोच्च न्यायालय ने बरकरार रखा है और इसे देश भर में आर्थिक एवं सामाजिक नीति के रूप में अपनाया जा सकता है।
- 8 लाख रुपए उपयुक्त राशि:
- सिफारिशें:
- शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के मामले में अनिवार्य रूप से नए मानदंडों को अपनाने से प्रक्रिया में कई महीनों की देरी होगी जिसका भविष्य के सभी प्रवेशों और शैक्षिक गतिविधियों / शिक्षण / परीक्षाओं पर अनिवार्य रूप से व्यापक प्रभाव पड़ेगा जो विभिन्न वैधानिक या न्यायिक रूप से बाध्य हैं।
- हालाँकि ईडब्ल्यूएस आय की परवाह किये बिना उस व्यक्ति को बाहर कर सकता है जिसके परिवार के पास 5 एकड़ या उससे अधिक की कृषि भूमि है इसके साथ ही आवासीय संपत्ति मानदंड पूरी तरह से हटाया जा सकता है।
- समिति ने आवासीय संपत्ति मानदंड को पूरी तरह से छोड़ दिया लेकिन 5 एकड़ कृषि भूमि मानदंड को बरकरार रखा है।
- तीन वर्ष के फीडबैक लूप चक्र का उपयोग इन मानदंडों के वास्तविक परिणामों की निगरानी के लिये और भविष्य में उन्हें समायोजित करने के लिये किया जा सकता है।
- आय और संपत्तियों को सत्यापित करने तथा ईडब्ल्यूएस आरक्षण व सरकारी योजनाओं हेतु लक्ष्यीकरण में सुधार के लिये डेटा एक्सचेंज एवं सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक सक्रिय रूप से उपयोग किया जाना चाहिये।
- प्रत्येक चल रही प्रक्रिया में मौजूदा और प्रचलित मानदंड में जहाँ ईडब्ल्यूएस आरक्षण उपलब्ध है, जारी रखा जाना चाहिये तथा इस रिपोर्ट में अनुशंसित मानदंड अगले विज्ञापन/प्रवेश चक्र से लागू किये जा सकते हैं।
स्रोत: द हिंदू