लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली न्यूज़

विविध

स्पार्क पहल के तहत IIT-मंडी के प्रस्तावों का चयन

  • 12 Mar 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ‘अकादमिक और अनुसंधान सहयोग संवर्द्धन योजना’ (Scheme for Promotion of Academic and Research Collaboration-SPARC) पहल के तहत IIT-मंडी के 7 अनुसंधान प्रस्तावों का चयन किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • ये अनुसंधान परियोजनाएँ निम्नलिखित क्षेत्रों को शामिल करती हैं-

♦ ऊर्जा और सतत् जल उपलब्धता,
♦ उन्नत सेंसर, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार,
♦ संक्रामक रोग और नैदानिक अनुसंधान,
♦ मानविकी और सामाजिक विज्ञान,
♦ नैनो प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोग,
♦ उन्नत कार्यक्षमता और मेटा मैटेरियल
♦ बेसिक साइंसेज़

  • परियोजना के भागीदार देशों हेतु नोडल संस्थानों (भारत से ही) को चिह्नित किया गया है।

♦ IIT मंडी जर्मनी के लिये नोडल संस्थान होगा।

क्या होंगे लाभ?

  • स्पार्क (SPARC) द्वारा दिया जाने वाला अनुदान अमेरिका, फ्राँस, जर्मनी, ब्रिटेन और ताइवान (रिपब्लिक ऑफ चाइना) जैसे देशों के अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ IIT-मंडी को जोड़ने में मदद करने के साथ-साथ संयुक्त अनुसंधान करने हेतु दुनिया भर के शोधकर्ताओं की मदद भी करेगा।
  • IIT-मंडी इन क्षेत्रों में छात्रों को अल्पावधि पाठ्यक्रम भी प्रदान कर सकेगा।

स्पार्क (SPARC)

  • ‘स्‍पार्क’ का लक्ष्‍य भारतीय संस्‍थानों और विश्‍व के सर्वोत्‍तम संस्‍थानों के बीच अकादमिक एवं अनुसंधान सहयोग को सुगम बनाकर भारत के उच्‍च शिक्षण संस्‍थानों में अनुसंधान परिदृश्‍य को बेहतर बनाना है।
  • इस योजना के तहत 600 संयुक्‍त शोध प्रस्‍ताव दो वर्षों के लिये दिये जाएंगे, ताकि कक्षा संकाय में सर्वोत्‍तम माने जाने वाले भारतीय अनुसंधान समूहों और विश्‍व के प्रमुख विश्‍वविद्यालयों के प्रख्‍यात अनुसंधान समूहों के बीच उन क्षेत्रों में शोध संबंधी सुदृढ़ सहयोग संभव हो सके।
  • देश के लिये उभरती इसकी प्रासंगिकता और अहमियत के आधार पर ‘स्‍पार्क’ के तहत सहयोग हेतु पाँच महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों (मौलिक शोध, प्रभाव से जुड़े उभरते क्षेत्र, सामंजस्‍य, अमल-उन्मुख अनुसंधान और नवाचार प्रेरित) के साथ-साथ प्रत्‍येक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र के अंतर्गत उप-विषय से संबंधित क्षेत्रों की भी पहचान की गई है।
  • समाज की प्रगति के लिये सामाजिक विज्ञान में अनुसंधान अनिवार्य है और इस कार्यक्रम के अंतर्गत किये गए अनुसंधान का इस्तेमाल उन समस्याओं के समाधान के लिये किया जाएगा, जिनका सामना समाज को करना पड़ रहा है।

पृष्ठभूमि

  • भारत सरकार ने अगस्‍त 2018 में 418 करोड़ रुपए की कुल लागत से 31 मार्च, 2020 तक कार्यान्‍वयन के लिये ‘अकादमिक और अनुसंधान सहयोग के संवर्द्धन हेतु योजना (स्‍पार्क)’ को मंज़ूरी दी थी।
  • भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान, खड़गपुर ‘स्‍पार्क’ के कार्यान्‍वयन के लिये राष्‍ट्रीय समन्‍वयकारी संस्‍थान है।

बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR)

  • परियोजना के दौरान विकसित होने वाले IPR का निर्धारण भाग लेने वाले संस्थानों के मानदंडों के अनुसार किया जाएगा।
  • भारतीय संस्थानों को पेटेंट/रॉयल्टी के द्वारा लाभ प्राप्त होगा।
  • सभी विवादों का समाधान भारतीय क्षेत्राधिकार में होगा। किसी भी विशेष भटकाव का समाधान MHRD द्वारा स्‍पार्क सेल के माध्यम से किया जाएगा और अनुमोदन का अधिकार शीर्ष समिति के पास होगा।

स्रोत- द हिंदू बिज़नेस लाइन

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2