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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र

  • 07 Jan 2020
  • 3 min read

प्रीलिम्स के लिये:

ISRO, HSFC, गगनयान मिशन, चैलकेरे

मेन्स के लिये:

गगनयान मिशन

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation- ISRO) ने कर्नाटक के चित्रदुर्ग ज़िले के चैलकेरे में मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र (Human Space Flight Centre- HSFC) की स्थापना संबंधी योजना प्रस्तावित की है।

  • इस क्षेत्र में पहले से ही ISRO, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (Defence Research & Development Organisation- DRDO) के उन्नत वैमानिकी परीक्षण रेंज, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र और भारतीय विज्ञान संस्थान की कुछ सुविधाएँ मौजूद हैं। इस प्रकार इसे साइंस सिटी (Science City) के रूप में भी जाना जाता है।
  • इसके अलावा ISRO ने श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट (Sriharikota Spaceport) में एक संगरोध सुविधा (Quarantine Facility) जोड़ने की भी योजना बनाई है।
  • संगरोध में लोगों और वस्तुओं की आवाजाही पर प्रतिबंध है जिसका उद्देश्य बीमारी या कीटों के प्रसार को रोकना है।
  • संगरोध सुविधा में अंतरिक्षयान में प्रवेश करने वाले अंतरिक्ष यात्री (Astronauts) को रखा जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • एकीकृत सुविधा: चैलकरे में अंतरिक्ष यात्रियों से संबंधित बुनियादी ढाँचे और गतिविधियों से संबंधित सभी सुविधाओं को समेकित किया जाएगा।
    • वर्तमान में मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम से संबंधित सुविधाएँ विभिन्न केंद्रों जैसे कि विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र तिरुवनंतपुरम, केरल में और यू.आर. राव सैटेलाइट सेंटर बंगलुरू से संचालित होती हैं।
    • चैलकरे में ही अंतरिक्षयान के चालक दल और सेवा मॉड्यूल से संबंधित सुविधाओं का भी संचालन किया जाएगा।
  • वर्ष 2022 के गगनयान मिशन के लिये चार अंतरिक्ष यात्रियों का पहला समूह रूस में प्रशिक्षण के लिये गया है। भारत को इस प्रकार की अंतरिक्ष प्रशिक्षण सुविधाओं हेतु विदेश में बड़ी राशि का भुगतान करना पड़ता है।

चैलकेरे:

  • यह कर्नाटक के चित्रदुर्ग ज़िले में स्थित है।
  • इसको तेल शहर (Oil City) कहा जाता है क्योंकि इसके आसपास कई खाद्य तेल मिलें हैं।
  • चैलकेरे स्थानीय कुरुबा लोगों द्वारा बनाए गए कंबलों (बुने हुए कंबल) के लिये प्रसिद्ध है।
  • इसे भारत के ‘दूसरे मुंबई’ के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह मुंबई के बाद खाद्य तेल का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक/आपूर्तिकर्त्ता है।

स्रोत: द हिंदू

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