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आपदा प्रबंधन

वैश्विक आपदा न्यूनीकरण और स्थिति बहाली समूह (GFDRR)

  • 27 May 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

भारत को सर्वसम्मति से वित्त वर्ष 2020 के लिये वैश्विक आपदा न्यूनीकरण और स्थिति बहाली समूह (Global Facility for Disaster Reduction and Recovery-GFDRR) का सह-अध्यक्ष चुना गया है।

  • यह निर्णय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में आयोजित आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिये वैश्विक मंच के 6वें सत्र में GFDRR की बैठक के दौरान लिया गया।
  • यह पहली बार है जब देश को GFDRR की सलाहकार समूह बैठक की सह-अध्यक्षता का अवसर दिया गया है।

GFDRR क्या है?

  • GFDRR एक वैश्विक साझेदारी वाला संगठन है जो विकासशील देशों को प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से निपटने में मदद करता है।
  • GFDRR विश्व बैंक द्वारा प्रबंधित एक ऐसा संगठन है जो दुनिया भर में आपदा जोखिम प्रबंधन परियोजनाओं के लिये वित्तीय मदद देता है।
  • यह वर्तमान में 400 से अधिक स्थानीय, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के साथ काम कर रहा है और उन्हें ज्ञान, वित्तपोषण और तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है।
  • आपदा जोखिम प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन को विकास रणनीतियों और निवेश कार्यक्रमों में एकीकृत करने तथा आपदाओं से जल्दी और प्रभावी ढंग से उबरने में देशों की मदद करके GFDRR आपदा जोखिम न्यूनीकरण से संबंधित सेंदाई फ्रेमवर्क के क्रियान्वयन में योगदान देता है।

GFDRR में भारत की उपस्थिति और इसका महत्त्व

  • वर्ष 2015 में भारत GFDRR के सलाहकार समूह का सदस्य बना और अक्तूबर 2018 में आयोजित समूह की अंतिम बैठक में सह-अध्यक्षता करने की इच्छा व्यक्त की थी।
  • देश में आपदा जोखिम में कमी लाने में निरंतर प्रगति तथा इसके लिये अनुकूल अवसंरचना विकसित करने हेतु साझेदारी की पहल को ध्यान में रखते हुए सह-अध्यक्षता के लिये भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया गया।
  • यह देश को आने वाले समय में आपदा जोखिम न्यूनीकरण एजेंडा को आगे बढ़ाने की दिशा में सक्रिय योगदान के साथ GFDRR के सदस्य देशों और उनके संगठनों के साथ काम करने का अवसर देगा।

आगे की राह

  • भारत GFDRR के लक्ष्यों और उद्देश्यों पर केंद्रित एजेंडे को आगे बढ़ाना चाहता है और उसके कार्यकलापों के साथ तालमेल करना चाहता है ऐसे में आपदा से निपटने में सक्षम बुनियादी ढाँचे का विकास GFDRR के भागीदार देशों और हितधारकों के साथ भारत के जुड़ाव का मुख्य विषय होगा।

सेंदाई फ्रेमवर्क (Sendai Framework)

मार्च, 2015 में जापान के सेंदाई में आयोजित आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर तीसरे संयुक्त राष्ट्र विश्व सम्मेलन के दौरान ‘आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिये सेंदाइ फ्रेमवर्क 2015-2030’ (Sendai Framework for Disaster Risk Reduction 2015-2030) को अपनाया गया था।

  • यह वर्ष 2015 के बाद के विकास एजेंडे के तहत पहला बड़ा समझौता है, जिसमें सात लक्ष्य और कार्रवाई के लिये चार प्राथमिकताएँ निर्धारित की गई हैं।
  • इसे आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर तीसरे संयुक्त राष्ट्र विश्व सम्मेलन (United Nations World Conference on Disaster Risk Reduction) के दौरान अपनाया गया था।
  • यह फ्रेमवर्क 15 वर्षों के लिये है। यह एक स्वैच्छिक और गैर-बाध्यकारी समझौता है जो मानता है कि आपदा जोखिम को कम करने के लिये प्राथमिक योगदान राज्यों का है लेकिन उस ज़िम्मेदारी को स्थानीय सरकार, निजी क्षेत्र और अन्य हितधारकों के साथ साझा किया जाना चाहिये।
  • यह फ्रेमवर्क ‘ह्यूगो फ्रेमवर्क फॉर एक्शन 2005-2015’ का उत्तरवर्ती दस्तावेज़ है।
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