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भारतीय राजव्यवस्था

भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम

  • 09 Jul 2020
  • 3 min read

प्रीलिम्स के लिये:

भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम तथा इसके प्रमुख प्रावधान 

मेन्स के लिये:

भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम का महत्त्व एवं प्रभाव

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ‘प्रवर्तन निदेशालय’ (Enforcement Directorate- ED) द्वारा ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम’ (Fugitive Economic Offender Act-FEO) के तहत हीरा कारोबारी नीरव मोदी की लगभग 329.66 करोड़ रुपए की संपत्ति ज़ब्त कर ली गई है।

प्रमुख बिंदु:

  • देश में पहली बार ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम’ के तहत किसी संपत्ति को ज़ब्त किया गया है।
  • मुंबई की एक विशेष अदालत द्वारा संपत्तियों को ज़ब्त करने के लिये ‘केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो’ को अधिकृत किया गया है।
  • इन संपत्तियों को भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम-2018 के तहत ज़ब्त किया गया है। 
  • जब्त की गई संपत्तियों में मुंबई में प्रतिष्ठित इमारत समुद्र महल, अलीबाग में समुद्र किनारे फार्म हाउस और भूमि, जैसलमेर में एक पवन चक्की, लंदन में एक फ्लैट, संयुक्त अरब अमीरात में आवासीय फ्लैट, बैंक जमा तथा शेयर शामिल हैं।
  • ‘प्रवर्तन निदेशालय’ द्वारा अब तक ‘धन शोधन निवारण अधिनियम’ (Prevention of Money Laundering Act- PMLA) के तहत नीरव मोदी की 2,348 करोड़ रुपए की संपत्ति संलग्न/ज़ब्त कर ली गई है।
  • वर्तमान में नीरव मोदी  मार्च, 2019 से लंदन में गिरफ्तार होने के बाद ब्रिटेन की जेल में बंद है। 

कानून का उद्देश्य:

  • वर्ष 2018 में इस कानून को लाने का मूल उद्देश्य कानूनी कार्रवाई से बचने के लिये देश छोड़ने वाले आर्थिक अपराधियों को रोकना है। 

क्या है आरोप?

  • नीरव मोदी और उसके चाचा मेहुल चोकसी को पंजाब नेशनल बैंक की ब्रैडी हाउस शाखा में दो अरब डॉलर से अधिक की बैंक धोखाधड़ी के मामले में ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में दोषी पाया गया हैं।
  • नीरव मोदी को 5 दिसंबर, 2019 में ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ घोषित किया गया था।

नीलाम होगी संपत्ति: 

  • नीरव मोदी की संपत्ति को FEO अधिनियम के सेक्शन Section 12(2) और (8) के तहत ज़ब्त किया गया है।
  •  FEO अधिनियम के तहत,ज़ब्त की गई संपत्ति को आदेश जारी होने के 90 दिन बाद नीलामी के लिये रखा जाता है।
  • नीलामी से प्राप्त राशि को सरकारी कोष या अकाउंट में डिपॉज़िट किया जाता है।

स्रोत: द हिंदू

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