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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

पाँचवाँ बिम्सटेक शिखर सम्मेलन

  • 31 Mar 2022
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

पाँचवाँ बिम्सटेक शिखर सम्मेलन, बिम्सटेक, सार्क, बिम्सटेक चार्टर, हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA)।

मेन्स के लिये:

नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी, गुजराल सिद्धांत, भारत को शामिल करने वाले समूह और समझौते और/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले, वैश्विक समूह।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल) समूह का पाँचवाँ शिखर सम्मेलन कोलंबो (श्रीलंका) में आयोजित किया गया।

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शिखर सम्मेलन की मुख्य विशेषताएँ:

  • बिम्सटेक चार्टर: बिम्सटेक चार्टर पर हस्ताक्षर इस शिखर सम्मेलन का मुख्य परिणाम था।
    • इस चार्टर के तहत सभी सदस्य दो वर्ष में एक बार मिलते हैं।
    • चार्टर के साथ बिम्सटेक का अब एक अंतर्राष्ट्रीय अस्त्तित्व है। साथ ही इसका एक प्रतीक चिह्न है, एवं एक झंडा भी है।

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  • इसका औपचारिक रूप से सूचीबद्ध उद्देश्य और सिद्धांत हैं।
  • संगठन के औपचारिक ढाँचे में विकास के क्रम में सदस्य देशों के नेताओं ने समूह के कामकाज को सात खंडों में विभाजित करने पर सहमति व्यक्त की गई है, जिसमें भारत सुरक्षा स्तंभ को नेतृत्व प्रदान करता है।
BIMSTEC के स्तंभ
बांग्लादेश व्यापार, निवेश और विकास
भूटान पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन
भारत

सुरक्षा
उप क्षेत्र: आतंकवाद और अंतर्राष्ट्रीय अपराध का मुकाबला, आपदा प्रबंधन, ऊर्जा

म्याँमार

कृषि एवं खाद्य सुरक्षा
उप क्षेत्र: कृषि, मत्स्यन तथा पशुपालन

नेपाल पीपल-टू-पीपल संपर्क
उप क्षेत्र: संस्कृति, पर्यटन, पीपल-टू-पीपल संपर्क
(थिंक टैंक, मीडिया आदि के मंच)
श्रीलंका

विज्ञान, प्रौद्योगिकी तथा नवाचार
उप क्षेत्र: प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, मानव संसाधन विकास

थाईलैंड कनेक्टिविटी
  • परिवहन कनेक्टिविटी हेतु मास्टर प्लान: शिखर सम्मेलन में परिवहन कनेक्टिविटी के लिये मास्टर प्लान की घोषणा हुई है, जो क्षेत्रीय एवं घरेलू कनेक्टिविटी के लिये एक ढाँचा प्रदान करेगा।
  • अन्य समझौते: सदस्य देशों ने आपराधिक मामलों पर पारस्परिक कानूनी सहायता को लेकर एक संधि पर भी हस्ताक्षर किये हैं।
    • कोलंबो (श्रीलंका) में बिम्सटेक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सुविधा (TTF) की स्थापना को लेकर एक समझौता ज्ञापन (MoA) पर भी हस्ताक्षर हुए।
    • भारत अपने परिचालन बजट को बढ़ाने के लिये (बिम्सटेक) सचिवालय को 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर प्रदान करेगा।

बिम्सटेक:

  • बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (बिम्सटेक) एक क्षेत्रीय संगठन है जिसके 7 सदस्यों में से 5 दक्षिण एशिया से हैं, इनमें बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल और श्रीलंका शामिल हैं तथा दो- म्याँमार व थाईलैंड दक्षिण-पूर्व एशिया से हैं।
  • यह उप-क्षेत्रीय संगठन वर्ष 1997 में बैंकॉक घोषणा के माध्यम से अस्तित्व में आया।
  • दुनिया की 21.7 फीसदी आबादी और 3.8 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के साथ बिम्सटेक आर्थिक विकास के एक प्रभावशाली इंजन के रूप में उभरा है।
  • बिम्सटेक का सचिवालय ढाका में है।
  • संस्थागत तंत्र:
    • बिम्सटेक शिखर सम्मेलन
    • मंत्रिस्तरीय बैठक
    • वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक
    • बिम्सटेक वर्किंग ग्रुप
    • व्यापार मंच और आर्थिक मंच

क्या बिम्सटेक सार्क का एक विकल्प है?

  • भारत के प्रधानमंत्री ने वर्ष 2014 में अपनी नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी की तर्ज पर पाकिस्तान सहित दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (सार्क) देशों को अपने शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया था।
    • प्रधानमंत्री ने नवंबर, 2014 में काठमांडू में 18वें सार्क शिखर सम्मेलन में भी भाग लिया था।
    • हालाँकि अक्तूबर 2016 में उरी हमले (भारतीय सैन्य अड्डे पर) के बाद भारत ने बिम्सटेक को नए सिरे से बढ़ावा दिया जो लगभग दो दशकों से अस्तित्व में था लेकिन बड़े पैमाने पर इसे नज़रअंदाज कर दिया गया था।
  • गोवा में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के साथ-साथ पीएम ने बिम्सटेक नेताओं के साथ एक आउटरीच शिखर सम्मेलन की मेज़बानी की।
  • बिम्सटेक देशों ने नवंबर 2016 में इस्लामाबाद में होने वाले सार्क शिखर सम्मेलन के बहिष्कार तथा भारत के आह्वान का समर्थन किया था।
  • परिणामस्वरूप सार्क शिखर सम्मेलन अनिश्चितकाल के लिये स्थगित कर दिया गया था।
  • इस प्रकार पाकिस्तान के साथ संबंध टूटने के कारण भारत ने सार्क के तहत कई प्रमुख पहलों पर कार्य करते हुए अन्य क्षेत्रीय समूहों जैसे कि बिम्सटेक और हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA) पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया।

आगे की राह

  • बिम्सटेक एफटीए: वर्ष 2018 में फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एक अध्ययन ने सुझाव दिया था कि बिम्सटेक को वास्तविक प्रभाव स्थापित करने के लिये तत्काल एक व्यापक व्यापारिक समझौते की आवश्यकता है।
    • चूँकि यह क्षेत्र स्वास्थ्य और आर्थिक सुरक्षा की चुनौतियों का सामना कर रहा है तथा इसने एकजुटता एवं सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया है, एफटीए बंगाल की खाड़ी को संपर्क मार्ग, समृद्धि, सुरक्षा का वाहक बना देगा।
    • इसके अलावा बिम्सटेक के विकसित आकार के दो आवश्यक घटकों के रूप में तटीय शिपिंग पारिस्थितिकी तंत्र और बिजली ग्रिड इंटरकनेक्टिविटी की आवश्यकता है।
  • गुजराल सिद्धांत: चूँकि BIMSTEC एक भारत-प्रधान ब्लॉक है, इस संदर्भ में भारत गुजराल सिद्धांत का पालन कर सकता है, जो द्विपक्षीय संबंधों में संव्यवहार हेतु मार्गदर्शन प्रदान करता है।
    • गुजराल सिद्धांत भारत के निकटतम पड़ोसियों के साथ विदेशी संबंधों के संचालन का मार्गदर्शन करने के लिये पाँच सिद्धांतों का एक समूह है। ये सिद्धांत हैं:
      • भारत को अपने पड़ोसी देशों- मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और भूटान के साथ विश्वसनीय संबंध बनाने होंगे, उनके साथ विवादों को बातचीत से सुलझाना होगा तथा उन्हें दी गई किसी मदद के बदले में तुरंत कुछ हासिल करने की अपेक्षा नहीं करनी होगी, साथ ही किसी भी प्राकृतिक, राजनीतिक और आर्थिक संकट को सुलझाने में मदद करनी होगी।
      • दक्षिण एशिया का कोई भी देश अपनी ज़मीन से किसी दूसरे देश के खिलाफ देश-विरोधी गतिविधियाँ नहीं चलाएगा।
      • किसी भी देश को दूसरे के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिये।
      • सभी दक्षिण एशियाई देशों को एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करना चाहिये।
      • उन्हें अपने सभी विवादों को शांतिपूर्ण द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से सुलझाना चाहिये।

स्रोत: द हिंदू

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