लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली न्यूज़

भूगोल

राष्ट्रीय मानसून मिशन का मूल्यांकन

  • 04 Nov 2020
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय मानसून मिशन

मेन्स के लिये:

राष्ट्रीय मानसून मिशन 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ‘स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्‍वी विज्ञान’ केंद्रीय मंत्री द्वारा ‘राष्ट्रीय व्यावहारिक आर्थिक अनुसंधान परिषद’ (National Council of Applied Economic Research- NCAER) की वार्षिक रिपोर्ट जारी की गई। 

प्रमुख बिंदु?

  • NCAER नई दिल्ली स्थित एक स्वतंत्र तथा गैर-लाभकारी थिंक टैंक है, जो आर्थिक नीतिगत अनुसंधान की दिशा में कार्य करता है। यह रिपोर्ट, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित किये गए एक अध्ययन पर आधारित है।
  • NCAER की रिपोर्ट, ‘राष्ट्रीय मानसून मिशन’ (National Monsoon Mission) और ‘उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग’ (High Performance Computing- HPC) में निवेश के आर्थिक लाभों का अनुमान लगाने पर केंद्रित है।

रिपोर्ट से संबंधित प्रमुख निष्कर्ष:

  • रिपोर्ट NMM तथा HPC में किये गए निवेश के आर्थिक लाभ का आकलन करती है। जिसमें निम्नलिखित तथ्यों को उजागर किया गया है:

निवेश की तुलना में व्यापक लाभ:

  • भारत सरकार द्वारा 'राष्ट्रीय मानसून मिशन' (NMM) और 'उच्च निष्पादन कम्प्यूटिंग' (HPC) सुविधाओं की स्थापना पर लगभग 1000 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है, जबकि कृषि परिवारों, किसानों और पशुपालकों को कुल 13,331 करोड़ रुपए का वार्षिक आर्थिक लाभ हुआ है। अगले पाँच वर्षों में यह 48,056 करोड़ रुपए तक रहने का अनुमान है।

आर्थिक लाभ का आकलन:

  • आर्थिक लाभ का निर्धारण, 'वर्षा आधारित क्षेत्रों' में किसानों की आय, मौसमी पूर्वानुमान से पशुधन मालिकों और मछुआरों को हुए लाभ के आधार पर किया गया है। 

प्रमुख लाभार्थी:

  • रिपोर्ट के अनुसार, मौसम पूर्वानुमान से संबंध में सटीक एडवाइज़री जारी करने से 98% किसानों को लाभ हुआ है। किसानों को इससे फसल प्रतिरूप में बदलाव, जल प्रबंधन, फसल की कटाई, बुवाई, जुताई के समय में परिवर्तन, कीटनाशकों का प्रयोग तथा सिंचाई आदि के संबंध में सही निर्णय करने में मदद मिली है। 
  • 'संभाव्य मत्स्यन क्षेत्र' (Potential Fishing Zone- PFZ) के संबंध में सफल एडवाइज़री जारी करने के परिणामस्वरूप अतिरिक्त मत्स्यन में मदद मिली है। 82% मछुआरों द्वारा समुद्र में मत्स्यन के लिये जाने से पूर्व 'ओशन स्टेट फोरकास्ट' (OSF) की एडवाइज़री का इस्तेमाल किया गया है।
  • 76% पशुधन मालिकों द्वारा मौसमी बीमारी के खिलाफ पशुधन के टीकाकरण, चारा प्रबंधन आदि में मौसम संबंधी सूचनाओं का प्रयोग किया गया है।

राष्ट्रीय मानसून मिशन (National Monsoon Mission):

  • इसे वर्ष 2012 में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया था।
  • भारत की अर्थव्यवस्था के लिये मानसून हमेशा महत्त्वपूर्ण रहा है। वर्तमान मानसून पूर्वानुमान की क्षमता पर्याप्त नहीं हैं। 
  • मिशन के तहत मानसून पूर्वानुमान शोध कार्यों में अनुसंधानकर्त्ताओं का समर्थन किया जाएगा तथा ‘गतिशील मानसून पूर्वानुमान’ (Dynamic Monsoon Forecast) मॉडल के विकास पर बल दिया जा रहा है।
  • मिशन जलवायवीय अवलोकन कार्यक्रमों का भी समर्थन करेगा, ताकि जलवायविक प्रक्रियाओं की बेहतर समझ विकसित हो सके।

उद्देश्य:

  • मौसमी और अंतर-मौसमी मानसून पूर्वानुमान में सुधार करना।
  • मध्यम श्रेणी के मौसमी पूर्वानुमान में सुधार करना।

 भागीदार संस्थान:

  • भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM), पुणे।
  • राष्ट्रीय मध्यम श्रेणी के मौसम पूर्वानुमान केंद्र, नोएडा।
  • भारत मौसम विज्ञान विभाग, नई दिल्ली।

‘उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग’

(High-performance Computing- HPC): 

  • सुपरकंप्यूटर, उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग (HPC) का भौतिक मूर्त रूप हैं, जो संगठनों को उन समस्याओं को हल करने में सक्षम बनाता है, जिन्हें नियमित कंप्यूटर के साथ हल किया जाना असंभव है।
  • इस दिशा में भारत सरकार द्वारा मार्च 2015 में सात वर्षों की अवधि के लिये 4,500 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से ‘राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन’ की घोषणा की गई थी।

स्रोत: पीआईबी

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2