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शासन व्यवस्था

डिजिटल कौशल को बढ़ाना

  • 24 Mar 2022
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

डिजिटल कौशल, कोविड-19 महामारी, साइबर सुरक्षा, मशीन लर्निंग, डिजी सक्षम पहल

मेन्स के लिये:

डिजिटल कौशल और इससे संबंधित पहलों को बढ़ाने की आवश्यकता, डिजिटल कौशल बढ़ाने से संबंधित मुद्दे

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में प्रकाशित एक नई रिपोर्ट के अनुसार, देश के 7% कार्यबल का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 27.3 मिलियन श्रमिकों को अगले वर्ष अपनी नौकरियों के लिये डिजिटल कौशल प्रशिक्षण (Digital Skills Training) की आवश्यकता होगी।

  • 'बिल्डिंग डिजिटल स्किल्स फॉर द चेंजिंग वर्कफोर्स' नामक यह रिपोर्ट अल्फाबीटा द्वारा तैयार की गई है और अमेज़ॅन वेब सर्विसेज, इंक (Amazon Web Services-AWS) जो कि एक Amazon.com कंपनी. द्वारा कमीशन किया गया है। 
  • वर्ष 2025 तक भारत में नियोक्ताओं द्वारा अधिक उन्नत क्लाउड कंप्यूटिंग कौशल की आवश्यकता, मशीन लर्निंग और क्लाउड आर्किटेक्चर डिजाइन सहित सर्वाधिक मांग वाले पांँचवें और छठे डिजिटल कौशल के रूप में उभरे हैं।

प्रमुख बिंदु: 

डिजिटल कौशल

  • डिजिटल कौशल को बुनियादी ऑनलाइन सर्च, ईमेल से लेकर विशेषज्ञ प्रोग्रामिंग और विकास तक "डिजिटल उपकरणों, संचार अनुप्रयोगों, सूचनाओं तक पहुंँचने तथा प्रबंधित करने के लिये नेटवर्क का उपयोग करने" हेतु व्यापक अर्थों में आवश्यक कौशल के रूप में परिभाषित किया गया है।
  • डिजिटल कौशल उत्कृष्टता विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) विषयों में एक सामान नहीं है।

Digital-Skill

डिजिटल कौशल से संबंधित मुद्दे: 

  • अपर्याप्त क्षमता: कुशल श्रमिकों की भारी मांग को देखते हुए देश भर के शैक्षणिक संस्थानों में उपलब्ध मौजूदा बुनियादी सुविधाएंँ अपर्याप्त हैं क्योंकि बड़ी संख्या में प्रशिक्षित और उच्च कुशल प्रशिक्षक की कमी बनी हुई हैं।
  • लामबंदी/संचालन का अभाव: कौशल विकास से जुड़े लोगों का दृष्टिकोण अभी भी बहुत पारंपरिक है और व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण के लिये छात्रों का नामांकन एक गंभीर चुनौतीपूर्ण कार्य बन गया है।
  • मापनीयता: सफल होने के लिये किसी भी मॉडल को विभिन्न हितधारकों से बहुत अधिक समर्थन की आवश्यकता होती है। चूंँकि कॉर्पोरेट क्षेत्र से सीमित खरीद-फरोख्त है, इसलिये इस तरह की पहलों की प्रगति धीमी बनी हुई है।
  • बेमेल/असंतुलित कौशल: उद्योग-संकाय संपर्क का अभाव देखने को मिलता है जिसके कारण शैक्षिक और प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा प्रदान किये गए कौशल सेट नियोक्ताओं की आवश्यकताओं हेतु अनुरूप नहीं हैं। नतीजतन लोग भले ही डिजिटल कुशलताहों लेकिन उन्हें रोज़गार नहीं मिलता है।
  • डिजिटल कौशल हेतु बाधा: 'बिल्डिंग डिजिटल स्किल्स फॉर द चेंजिंग वर्कफोर्स' नामक एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रशिक्षण हेतु समय की कमी ‘डिजिटल कौशल’ को बढ़ावा देने में सबसे बड़ी बाधा है।
    • अन्य कारणों में प्रशिक्षण विकल्पों के बारे में सीमित जागरूकता, कम प्रशिक्षण गुणवत्ता और उच्च प्रशिक्षण लागत शामिल हैं।

Changing-Workforce

संबंधित पहल क्या हैं?

आगे की राह

  • शिक्षण संबंधी इन विविध एवं बढ़ती डिजिटल ज़रूरतों को पूरा करने के लिये सरकारों को नियोक्ताओं, प्रशिक्षण प्रदाताओं और श्रमिकों के साथ मिलकर काम करने की तत्काल आवश्यकता है।
  • बड़े पैमाने पर कौशल विकास एक राष्ट्रीय प्राथमिकता होनी चाहिये और तकनीकी प्रतिभा के विकास के लिये देश को वैश्विक महाशक्ति के रूप में विकसित करने पर ध्यान दिया जाना चाहिये।
  • डिजिटल भविष्य में विकास के लिये उभरती प्रौद्योगिकियों पर कौशल कार्यक्रमों के नए स्वरूपों का निर्माण और वितरण बड़े पैमाने पर किया जाना चाहिये।
  • चूँकि, भारत के पास एक विशाल 'जनसांख्यिकीय लाभांश' है, जिसका अर्थ है कि भारत में श्रम बाज़ार को कुशल जनशक्ति प्रदान करने की बहुत अधिक गुंजाइश है, इसलिये मौजूदा समय में यह महत्त्वपूर्ण है कि सभी हितधारकों से समन्वित प्रयास किया जाए।
  • कौशल पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत करने के लिये पारंपरिक बाधाओं को समाप्त करना और कमाई करते समय सीखने की पद्धति को अपनाना महत्त्वपूर्ण है।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs)

प्र. जनसांख्यिकीय लाभांश का पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिये भारत को क्या करना चाहिये? (2013)

(a) कौशल विकास को बढ़ावा देना
(b) अधिक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की शुरुआत 
(c) शिशु मृत्यु दर में कमी
(d) उच्च शिक्षा का निजीकरण

उत्तर: (a)


प्रश्न. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. यह श्रम और रोज़गार मंत्रालय की प्रमुख योजना है।
  2. अन्य बातों के अलावा यह सॉफ्ट स्किल्स, उद्यमिता, वित्तीय एवं डिजिटल साक्षरता में प्रशिक्षण भी प्रदान करती है।
  3. इसका उद्देश्य देश के अनियमित कार्यबल की दक्षताओं को राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क के अनुरूप बनाना है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1और 3 
(b) केवल 2 
(c) केवल 2 और 3 
(d) 1, 2 और 3 

उत्तर: c


प्रश्न. राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (NSQF)’ के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? (2017)

  1. NSQF के अधीन शिक्षार्थी सक्षमता का प्रमाणपत्र केवल औपचारिक शिक्षा के माध्यम से ही प्राप्त कर सकता है।
  2. NSQF के क्रियान्वयन का एक प्रत्याशित परिणाम व्यावसायिक और सामान्य शिक्षा के मध्य संचरण है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (b)


प्रश्न. पूर्व अधिगम की मान्यता स्कीम (रिकग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग स्कीम)’ का कभी-कभी समाचारों में किस संदर्भ में उल्लेख किया जाता है?

(a) निर्माण कार्य में लगे कर्मकारों के पारंपरिक मार्गों से अर्जित कौशल का प्रमाणन
(b) दूरस्थ अधिगम कार्यक्रमों के लिये विश्वविद्यालयों में व्यक्तियों को पंजीकृत करना
(c) सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ उपक्रमों में ग्रामीण और नगरीय निर्धन लोगों के लिये कुछ कुशल कार्य आरक्षित करना
(d) राष्ट्रीय कौशल विकास कार्यक्रम के अधीन प्रशिक्षणार्थियों द्वारा अर्जित कौशल का प्रमाणन

उत्तर: (a)

स्रोत: द हिंदू

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