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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

5G ट्रायल हेतु गाइडलाइन जारी

  • 31 Jul 2019
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunications- DoT) द्वारा उपलब्ध सभी स्पेक्ट्रम बैंड में 5G के परीक्षण के लिये दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि दूरसंचार विभाग केवल परीक्षण के उद्देश्य से लाइसेंस जारी करेगा जिसकी वैद्यता 3 माह से 2 साल की होगी तथा यह समयावधी परीक्षण के उद्देश्य पर निर्भर करेगी।
  • इस उद्देश्य के लिये विभाग द्वारा 400 मेगाहर्ट्ज़ स्पेक्ट्रम का आवंटन किया जाएगा।
  • 5G सेवाओं के परीक्षण के लिये स्पेक्ट्रम (Quantum of Spectrum) का आवंटन आवश्यकता और/अथवा प्रौद्योगिकी क्षमताओं के प्रदर्शन के अनुसार किया जा सकेगा। उदाहरण के लिये, सामान्यतः स्पेक्ट्रम का आवंटन 3.5 गीगाहर्ट्ज़ बैंड में 100 मेगाहर्ट्ज़ तक, जबकि 26 गीगाहर्ट्ज़ बैंड में 400 मेगाहर्ट्ज़ हो सकता है।
  • इस वर्ष के अंत तक 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी के माध्यम से वर्ष 2020 से देश में 5G सेवाओं को वाणिज्यिक रूप से शुरू करने की योजना है।
  • यह लाइसेंस शोध एवं विकास, विनिर्माण, दूरसंचार परिचालक (Telecom Operator) और शिक्षा क्षेत्र से संबंधित भारतीय इकाइयों को शोध, विकास एवं प्रयोग (Experimentation) के लिये दो साल की अवधि के लिये दिया जाएगा।

5G मोबाइल नेटवर्क

  • यह तकनीक नेटवर्क मोबाइल उपभोक्ताओं को इंटरनेट की उच्च स्पीड, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) की क्षमता, न्यून विलंबता (Low Latency) और अन्य कई अनुप्रयोगों (Application) की सुविधा प्रदान करेगी। यह तकनीक कनेक्टिविटी और कवरेज में भी सुधार करेगी।
  • मोबाइल सेवाओं के लिये इस तकनीक का प्रयोग अभी शुरुआती चरण में है।
  • इस तकनीक द्वारा उपभोक्ता उच्च डाटा सामग्री को उच्च गुणवत्ता व ग्राफिक्स के साथ कुछ ही सेकंड में डाउनलोड कर सकते है।
  • उपयोग की जाने वाली तकनीक: बड़ी संख्या में उपकरणों को एक साथ संचालित करने, जिनमें से कई को लंबे समय तक मोबाइल बैटरी की आवश्यकता होती है; के लिये 5G नेटवर्क LTE के उन्नत प्लेटफॉर्म (LTE Advanced Pro platform) का निर्माण करेगा।
  • इसमें दो नैरोबैंड (Narrowband) तकनीकी प्लेटफार्मों का उपयोग किया जाएगा-
    • उन्नत मशीन प्रकार संचार (Enhanced Machine-Type Communication- EMTC)
    • नैरोबैंड इंटरनेट ऑफ थिंग्स (Narrowband Internet of Things: NB-IoT)

LTE

  • यह लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन (Long-Term Evolution) का संक्षिप्त रूप है।
  • LTE, 3rd जनरेशन पार्टनरशिप प्रोजेक्ट (3rd Generation Partnership Project- 3GPP) द्वारा विकसित एक 4G वायरलेस कम्युनिकेशन स्टैंडर्ड (4G Wireless Communications Standard) है जिसे मोबाइल डिवाइस जैसे- स्मार्टफोन, टैबलेट, नोटबुक और वायरलेस हॉटस्पॉट को 3G की तुलना में 10 गुना स्पीड प्रदान करने के लिये विकसित किया गया है।

VoLTE

  • यह वॉयस-ओवर लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन (Voice over Long Term Evolution- VoLTE) का संक्षिप्त रूप है।
  • यह एक डिजिटल पैकेट वॉयस सेवा है जिसमें IMS तकनीक का उपयोग करते हुए LTE एक्सेस नेटवर्क के माध्यम से इंटरनेट प्रोटोकॉल (Internet Protocol- IP) पर वितरित किया जाता है।

लेटेंसी (Latency)

  • यह नेटवर्किंग से संबंधित एक शब्द है। एक नोड से दूसरे नोड तक जाने में किसी डेटा पैकेट द्वारा लिये गए कुल समय को लेटेंसी कहते हैं।
  • लेटेंसी समय अंतराल या देरी को संदर्भित करता है।
  • इसी वर्ष अप्रैल में दक्षिण कोरिया और अमेरिका वाणिज्यिक रूप से 5G सेवाओं को शुरू करने वाले विश्व के पहले देश बन गए हैं।

वायरलेस प्लानिंग एंड कोआर्डिनेशन (WPC)

  • वर्ष 1952 में बनाया गया राष्ट्रीय रेडियो नियामक प्राधिकरण, वायरलेस प्लानिंग एंड कोऑर्डिनेशन (WIRELESS PLANNING & COORDINATION- WPC) संचार मंत्रालय का एक विंग है जो देश में सभी वायरलेस उपयोगकर्ताओं (सरकारी और निजी) के लाइसेंसिंग और उनकी आवश्यकताओं सहित स्पेक्ट्रम प्रबंधन के लिये जिम्मेदार है।
  • यह केंद्र सरकार के वैधानिक कार्यों का निर्वाह करता है और वायरलेस स्टेशनों की स्थापना, रखरखाव और संचालन के लिये लाइसेंस जारी करता है।
  • WPC को लाइसेंसिंग और रेगुलेशन (LR), न्यू टेक्नोलॉजी ग्रुप (NTG) तथा रेडियो फ़्रीक्वेंसी आवंटन की स्थायी सलाहकार समिति (SACFA) में विभाजित किया गया है।
  • SACFA फ्रीक्वेंसी के आवंटन से संबंधित मुख्य मुद्दों, फ्रीक्वेंसी के आवंटन से संबंधित योजनाओं का निर्माण, अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर सिफारिशें करना आदि कार्य करती है।

स्रोत: बिज़नेस स्टैण्डर्ड

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