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शासन व्यवस्था

पूर्ववर्ती पेंशन योजना को बहाल करने की मांग

  • 02 Apr 2022
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

नई पेंशन योजना, पूर्ववर्ती पेंशन योजना, PFRDA

मेन्स के लिये:

सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप

चर्चा में क्यों?

कई राज्य पूर्ववर्ती पेंशन योजना को बहाल करने और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

  • राजस्थान ने कहा है कि वह अगले वित्तीय वर्ष से राज्य में पूर्ववर्ती पेंशन योजना को वापस लाएगा और साथ ही छत्तीसगढ़ भी इस नीति का पालन कर सकता है।
  • केरल, आंध्र प्रदेश और असम की सरकारों ने भी पूर्ववर्ती पेंशन योजना के संबंध में समितियों का गठन किया है।

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली क्या है?

  • परिचय:
    • इस प्रणाली की शुरुआत केंद्र सरकार ने जनवरी 2004 में (सशस्त्र बलों को छोड़कर) की थी।
      • वर्ष 2018 में इसको सुव्यवस्थित करने तथा और अधिक आकर्षक बनाने के लिये केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसके अंतर्गत आने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों को लाभ पहुँचाने हेतु योजना में बदलाव को मंज़ूरी दी।
    • राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) को सरकार के लिये पेंशन देनदारियों से छुटकारा पाने के तरीके के रूप में लॉन्च किया गया था।
      • 2000 के दशक की शुरुआत में आयोजित एक अनुसंधान का हवाला देते हुए एक समाचार रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत का पेंशन ऋण अत्यधिक बढ़ता जा रहा था।
    • NPS की शुरुआत पर केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 में संशोधन किया गया था।
    • NPS ग्राहकों (सरकारी कर्मचारियों) को यह तय करने की अनुमति देता है कि वे अपने पूरे कॅरियर में पेंशन खाते में नियमित रूप से योगदान कर अपना पैसा किस प्रकार निवेश करना चाहते हैं।
    • सेवानिवृत्ति के बाद वे पेंशन राशि का एक हिस्सा एकमुश्त निकाल सकते हैं और बाकी का उपयोग नियमित आय हेतु ‘वार्षिकी’ (Annuity) खरीदने के लिये कर सकते हैं।
  • कार्यान्वयन:
    • NPS को देश में PFRDA (पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) द्वारा कार्यान्वित एवं विनियमित किया जा रहा है।
    • PFRDA द्वारा स्थापित ‘नेशनल पेंशन सिस्टम ट्रस्ट’ (NPST) NPS के तहत सभी संपत्तियों का पंजीकृत मालिक है।
  • विशेषताएँ:
    • NPS का ‘ऑल सिटीज़न मॉडल’ भारत के सभी नागरिकों (NRIs सहित) को 18 से 70 वर्ष की आयु के बीच NPS में शामिल होने की अनुमति देता है।
    • यह एक सहभागी योजना है, जहाँ कर्मचारी सरकार के समान योगदान के साथ वेतन से अपने पेंशन कोष में योगदान करते हैं। इसके बाद निधियों को पेंशन निधि प्रबंधकों के माध्यम से निर्धारित निवेश योजनाओं में निवेश किया जाता है।
      • वर्ष 2019 में वित्त मंत्रालय ने कहा था कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के पास पेंशन फंड (PF) और निवेश पैटर्न का चयन करने का विकल्प है।
    • सेवानिवृत्ति के समय वे कुल राशि का 60% निकाल सकते हैं, जो कर-मुक्त है और शेष 40% वार्षिकी में निवेश किया जाता है, जिस पर कर लगता है।
    • यहाँ तक कि निजी व्यक्ति भी इस योजना का विकल्प चुन सकते हैं।

पूर्ववर्ती पेंशन योजना या परिभाषित पेंशन लाभ योजना क्या है?

  • परिचय:
    • यह योजना सेवानिवृत्ति के बाद आजीवन आय का आश्वासन देती है।
    • आमतौर पर सुनिश्चित राशि अंतिम आहरित वेतन के 50% के बराबर होती है।
    • पेंशन पर होने वाले खर्च को सरकार वहन करती है। वर्ष 2004 में इस योजना को बंद कर दिया गया था।
  • मुद्दे:
    • अर्थशास्त्रियों का कहना है कि मुद्दा लंबी उम्र यानी अधिक पेंशन भुगतान है।
      • उदाहरण के लिये 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होने वाले तथा लगभग 80 वर्ष या उससे अधिक की औसत आयु वाले कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद दो दशकों से अधिक का भुगतान करना पड़ता है।
    • इसके अलावा पेंशनभोगी की मृत्यु की स्थिति में पति या पत्नी OPS के तहत पेंशन के एक हिस्से के हकदार हैं। इससे केंद्र और राज्य सरकारों पर पेंशन का भारी बोझ पड़ता है।

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली से संबंधित मुद्दे:

  • पुरानी योजना (OPS) के तहत कर्मचारियों को पूर्व निर्धारित फार्मूले के अनुसार पेंशन मिलती थी जो अंतिम आहरित वेतन का आधा होता है तथा उन्हें वर्ष में दो बार महँगाई राहत (Dearness Relief) में संशोधन का भी लाभ मिलता था। भुगतान निर्धारित था और वेतन से कोई कटौती नहीं की जाती थी। इसके अलावा OPS के तहत सामान्य भविष्य निधि (General Provident Fund-GPF) का भी प्रावधान था।
  • हालाँकि NPS में  कर्मचारियों को मूल वेतन का 10% महँगाई भत्ते के साथ जमा करने की आवश्यकता होती है, यह कोई जीपीएफ लाभ नहीं है और न ही इसमें पेंशन की राशि तय है। इस योजना के साथ प्रमुख मुद्दा यह है कि यह रिटर्न-आधारित तथा बाज़ार से जुड़ा हुआ है। सरल शब्दों कह सकते है कि इसमें भुगतान अनिश्चित है।

पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण:

  • परिचय:
    • यह राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के व्यवस्थित विनियमन, इसे बढ़ावा देने और सुनिश्चित करने के लिये संसद के एक अधिनियम द्वारा स्थापित वैधानिक प्राधिकरण है।
    • यह वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (Department of Financial Service) के अंतर्गत कार्य करता है।
  • कार्य:
    • यह विभिन्न मध्यवर्ती एजेंसियों जैसे- पेंशन फंड मैनेज़र (Pension Fund Manager), सेंट्रल रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसी (Central Record Keeping Agency) आदि की नियुक्ति का कार्य करता है।
    • यह NPS के तहत पेंशन उद्योग के विकास, इसे बढ़ावा देने और नियंत्रण का कार्य करता है तथा अटल पेंशन योजना का प्रबंधन भी करता है।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs):

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में सम्मिलित हो सकता है?

(a) केवल निवासी भारतीय नागरिक।
(b) केवल 21 से 55 वर्ष तक की आयु का व्यक्ति।
(c) राज्य सरकारों के सभी कर्मचारी, जो संबंधित राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी किये जाने की  तारीख  के पश्चात् सेवा में आए हैं।
(d) सशस्त्र बलों समेत केंद्र सरकार के सभी कर्मचारी, जो 1 अप्रैल, 2004 को या उसके बाद सेवाओं में आए हैं।

उत्तर: (c) 

स्रोत: द हिंदू

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