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भारतीय अर्थव्यवस्था

काली मिर्च के मूल्य में गिरावट

  • 30 Jan 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?


हाल ही में दक्षिण भारत (केरल और कर्नाटक) में मौसम एवं जलवायु परिवर्तन के कारण काली मिर्च के कम उत्पादन तथा इसकी कीमत में भारी गिरावट दर्ज की गई। यह एक चिंता का विषय है क्योंकि काली मिर्च का सबसे ज़्यादा उत्पादन यहीं होता है।

मूल्य में गिरावट का कारण

  • केरल और कर्नाटक के काली मिर्च उत्पादित क्षेत्रों में कुछ महीने पहले हुई मूसलाधार बारिश से फसल के उत्पादन में भारी गिरावट आई है।
  • बारिश के कारण नमी बढ़ जाने से क्विक विल्ट (Quic Wilt) और सॉफ्ट विल्ट (Soft Wilt) जैसे कवक रोग ने काली मिर्च की फसल को बड़े पैमाने पर नष्ट कर दिया।
  • वियतनाम से सस्ती काली मिर्च को श्रीलंका के माध्यम से निरंतर बाज़ार में लाया जा रहा है जिसे आसियान (दक्षिण-पूर्व राष्ट्र संघ) व्यापार समझौते, SAFTA (दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र) और भारत-श्रीलंका मुक्त व्यापार समझौते (Indo-Sri Lanka Free Trade Agreement-ISFTA) के तहत एक कम-शुल्क संरचना द्वारा सहायता प्राप्त है। विभिन्न व्यापार समझौते ही इस घटती कीमत के प्रमुख कारण हैं।

♦ पटना, रांची, लखनऊ, वाराणसी, इंदौर, दिल्ली आदि जैसे प्रमुख काली मिर्च के बाज़ारों में अवैध रूप से आयातित वियतनामी सस्ते काली मिर्च की भरमार हो गई है क्योंकि यह काली मिर्च नेपाल, म्याँमार और बांग्लादेश की सीमाओं के माध्यम से श्रीलंका द्वारा भेजी जा रही है।

सरकार का प्रयास

  • वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने घरेलू काली मिर्च उत्पादक किसानों के संरक्षण के लिये 2018 में काली मिर्च पर न्यूनतम आयात मूल्य (न्यूनतम मूल्य प्रति टन जो भारतीय फर्मों को भारत में उत्पादों का आयात करते समय चुकाना पड़ता है) लगाया था लेकिन अभी तक इसका कोई सकारात्मक प्रभाव नहीं दिखा है।
  • भारतीय काली मिर्च और मसाला व्यापारियों, किसानों, उत्पादकों और प्लांटर्स कंसोर्टियम (IPSTPC) ने वाणिज्य मंत्रालय से घरेलू उत्पादकों को बचाने के लिये SAFTA और ISFTA आयात सूची से काली मिर्च को हटाने का आग्रह किया था, लेकिन अभी तक इस पर विचार नहीं किया गया है।

दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार समझौता (SAFTA)

  • दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार समझौता (SAFTA) उन सात दक्षिण एशियाई देशों का एक समझौता है, जिसके तहत दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) - बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका का गठन किया गया है।
  • SAFTA ने पूर्व के दक्षिण एशिया अधिमान्य व्यापार समझौते (SAARC Preferential Trading Arrangement-SAPTA) का स्थान लिया है। इसका उद्देश्य SAARC सदस्यों के बीच अंतर्राज्यीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिये शुल्कों को कम करना है।

स्रोत - द हिंदू

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