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डेली न्यूज़

आंतरिक सुरक्षा

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल सुधार

  • 30 Mar 2022
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPFs), असम राइफल्स (AR), सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के प्रकार, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG), सशस्त्र सीमा बल (SSB)

मेन्स के लिये:

सीएपीएफ, विभिन्न सुरक्षा बलों और एजेंसियों एवं उनके जनादेश के संबंध में प्रमुख कार्य चुनौतियाँ और समाधान

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत सरकार ने पिछले 10 वर्षों में अर्द्धसैनिक बलों के कर्मियों की खुदकुशी के बारे में लोकसभा को जानकारी दी है

  • इसके अलावा वर्ष 2020 और 2021 में कोविड-19 महामारी के दौरान केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के कई जवानों ने आत्महत्या की है
  • आत्महत्या की घटनाओं के पीछे घरेलू समस्याएँ, बीमारी और वित्तीय समस्याएँ जैसे कुछ अन्य कारक हैं।

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल:

CAPFs के प्रमुख कार्य:

  • सीमा सुरक्षा: भारत की सीमाओं की सुरक्षा करना और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में सुरक्षा की भावना को बढ़ावा देना। 
    • सीमा पार अपराधों, तस्करी, अनधिकृत प्रवेश या भारत के क्षेत्र से बाहर निकलने तथा किसी भी अन्य अवैध गतिविधि को रोकने हेतु कार्य करती है।
  • औद्योगिक सुरक्षा: संवेदनशील प्रतिष्ठानों, सुरक्षा ज़ोखिम वाले व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान करना।
  • अन्य कार्य: काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन, एंटी नक्सल ऑपरेशन, आंतरिक सुरक्षा कार्य, वीआईपी सुरक्षा, लीड इंटेलिजेंस एजेंसी, विदेश में राजनयिक मिशनों की सुरक्षा, संयुक्त राष्ट्र (UN) शांति अभियान, आपदा प्रबंधन, संयुक्त राष्ट्र पुलिस मिशनों के लिये नागरिक कार्रवाई नोडल एजेंसी आदि।

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल से संबद्ध मुद्दे:

  • कार्य करने की स्थिति: वर्ष 2017 में गृह मामलों की स्थायी समिति ने सीमा सुरक्षा बल के कर्मियों की कार्य स्थितियों पर चिंता व्यक्त की।
    • समिति ने कहा कि उन्हें दिन में 16-18 घंटे कार्य करना पड़ता है तथा आराम या नींद के लिये बहुत कम समय मिलता है।
    • समिति के अनुसार, सीमा पर उपलब्ध कराई जाने वाली चिकित्सा सुविधाओं से भी कार्मिक संतुष्ट नहीं हैं।
    • इसके अलावा स्थायी समिति ने देखा कि वेतन और भत्ते के मामले में भी सीएपीएफ के कर्मियों को सशस्त्र बलों के समान वेतन और भत्ते प्राप्त नहीं होते हैं।
  • आधुनिकीकरण में बाधा: MHA, CAPFs को आधुनिक हथियार, गोला-बारूद और वाहन उपलब्ध कराने के लिये प्रयासरत है। इस संबंध में सुरक्षा को लेकर वर्ष 2012-17 की अवधि के लिये आधुनिकीकरण योजना- II को कैबिनेट समिति द्वारा अनुमोदित किया गया था।
    • योजना का उद्देश्य हथियारों, कपड़ों और उपकरणों के क्षेत्र में आधुनिकीकरण हेतु सीएपीएफ को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है।
    • हालाँकि समिति ने पाया कि योजना के तहत खरीद प्रक्रिया बोझिल और समय लेने वाली थी।  
  • राज्यों की ज़िम्मेदारियाँ: केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) पर राज्यों की भारी निर्भरता है, यहांँ तक ​​कि रोज़मर्रा की कानून और व्यवस्था के मुद्दों के लिये भी राज्य सरकारें सीएपीएफ पर निर्भर हैं।
    • यह इन बलों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं को बाधित करने के अलावा उग्रवाद-रोधी और सीमा प्रहरी कार्यप्रणाली को भी प्रभावित करता है।
  • कैडर प्रबंधन का मुद्दा: सीएपीएफ की सभी सातों श्रणियों में प्रत्येक के पास अधिकारियों का अपना कैडर सिस्टम है लेकिन वे सभी भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के नेतृत्व में संचालित होते हैं।
    • यह सीएपीएफ के अधिकारियों को हतोत्साहित करता है तथा इन बलों की प्रभावशीलता को प्रभावित करता है।
    • इसके अलावा पदोन्नति में रुकावट और कैडर समीक्षा की कमी के कारण सीएपीएफ के जवानों में निराशा व्याप्त होती है।
  • फ्रेट्रिसाइड के बढ़ते मामले: वर्ष 2019 के बाद से बलों में फ्रेट्रिसाइड (किसी के भाई या बहन की हत्या) की 25 से अधिक घटनाएँ हुई हैं।

आगे की राह

  • CAPF का आधुनिकीकरण: MHA को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि खरीद में आने वाली अड़चनों की पहचान कर सुधारात्मक कार्रवाई की जानी चाहिये।
    • इसके अलावा सरकार को सार्वजनिक या निजी क्षेत्र के आयुध कारखानों और निर्माताओं के साथ बातचीत में शामिल होना चाहिये ताकि उपकरण एवं अन्य बुनियादी ढांँचे की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
    • नवीनतम उपकरणों की खरीद करते समय प्रशिक्षण आवश्यकताओं का भी ध्यान रखा जाना चाहिये और यदि आवश्यक हो तो उन्हें खरीद समझौते में ही शामिल किया जाना चाहिये।
    • इसके अलावा हाइब्रिड हत्यारों के विकास को देखते हुए प्रशिक्षण सामग्री में पारंपरिकता के साथ-साथ नवीनतम तकनीकों जैसे कि आईसीटी और साइबर सुरक्षा का मिश्रण किया जाना चाहिये।
  • राज्यों की क्षमता में वृद्धि: राज्यों को अपने स्वयं के सिस्टम विकसित करने चाहिये तथा पर्याप्त प्रशिक्षण और उपकरण प्रदान कर अपने पुलिस बलों की शक्ति को बढ़ाना चाहिये।
    • राज्य सरकारों को अपने बालों के क्षमता निर्माण के लिये आवश्यक वित्तीय सहायता और अन्य मदद प्रदान कर केंद्र सरकार के प्रयासों का पूरक होना चाहिये।
  • कैडर नीति में सुधार के उपाय: कैडर नीति में असंतोष का हवाला देते हुए जोशी समिति द्वारा सिफारिश की गई है कि शीर्ष पदों को सीएपीएफ से संबंधित कैडर से भरा जाना चाहिये।
    • इसके अलावा समिति ने सिफारिश की है कि सभी CAPFs की कैडर समीक्षा एक निर्धारित समय सीमा के अंदर की जानी चाहिये।
    • इन सिफारिशों को जल्द-से-जल्द लागू करने के लिये यह उचित समय है।
  • कार्मिक सुधार: तनाव प्रबंधन पर नियमित रूप से कार्यशालाएंँ आयोजित की जानी चाहिये तथा योग और ध्यान को CAPFs कर्मियों के दैनिक अभ्यास का हिस्सा बनाया जाना चाहिये।
    • इसके अलावा संबंधित बल की तैनाती के नज़दीक ही उनके लिये आवास प्रावधान के साथ ही कर्मियों को अपने परिवार के सदस्यों से मिलने की भी सुविधा होनी चाहिये।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

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