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जैव विविधता और पर्यावरण

सीमेंट प्रदूषण

  • 26 Jun 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में किये गए एक अध्ययन के अनुसार, सीमेंट उत्पादन से होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन का वैश्विक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन (CO2) में लगभग 7% का योगदान पाया गया है, जो दुनिया भर के सभी ट्रकों द्वारा किये गए CO2 उत्सर्जन से भी अधिक है।

  • प्रमुख बिंदु
  • इसका प्रमुख कारण सीमेंट उत्पादन में होने वाली रासायनिक प्रक्रिया है।
  • एक टन सीमेंट के उत्पादन से लगभग आधा टन CO2 उत्सर्जित होता है।
  • सीमेंट उत्पादन के लिये प्रयुक्त भट्ठों को 1,400 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर गर्म किया जाता है।
  • भट्ठे के अंदर चूना पत्थर (Limestone) में फंसा कार्बन ऑक्सीजन से संयुक्त होकर CO2 के रूप में उत्सर्जित होता है, जो कि एक ग्रीनहाउस गैस है।
  • हालाँकि CO2 के उत्सर्जन को रोकने के लिये सीमेंट निर्माताओं द्वारा इसके विकल्प तैयार किये जा रहे हैं, जो पर्यावरण के अनुकूल हों तथा कम-से-कम CO2 का उत्सर्जन करें।

सीमेंट के विकल्प

  • उत्सर्जन की मात्रा को देखते हुए कई सीमेंट निर्माता अपने सीमेंट में क्लिंकर (Clinker) की मात्रा में कटौती करने पर काम कर रहे हैं, जबकि कुछ अन्य फ्लाई-ऐश (fly-ash) सहित और विकल्पों पर ध्यान दे रहे हैं।
  • हालाँकि जियो-पालीमर सीमेंट (पृथ्वी के लिये अनुकूल) के रूप में विकल्प मौजूद हैं लेकिन इसकी उच्च लागत के कारण ग्राहकों के लिये यह विकल्प आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं है।

ग्रीनहाउस गैस

  • ग्रीन हाउस गैसें किसी ग्रह के वातावरण एवं जलवायु में परिवर्तन करती हैं, परिणामस्वरुप उस ग्रह का तापमान बढ़ जाता है। सामान्यतः इसे वैश्विक तापन (Global Warming) का कारण माना जाता है।
  • कार्बन डाई आक्साइड, नाइट्रस आक्साइड, मीथेन, क्लोरो-फ्लोरो कार्बन, वाष्प, ओज़ोन आदि प्रमुख ग्रीनहाउस गैसें हैं।

  • क्लिंकर (Clinker)- पोर्टलैंड सीमेंट के उत्पादन में चूना पत्थर और एल्युमिनो सिलिकेट सामग्री द्वारा निर्मित कंकडों का इस्तेमाल लिया जाता है जिसे क्लिंकर (Clinker) कहते हैं।
  • फ्लाई-ऐश (fly-Ash)- तापीय बिजली संयंत्रों में कोयले के जलने से उप-उत्पाद के रूप में बारीक पाउडर प्राप्त होता है जिसे फ्लाई ऐश कहते हैं।

जिओपॉलीमर सीमेंट (Geopolymer Cement)

  • जियोपॉलिमर, एक प्रकार का अकार्बनिक बहुलक है।
  • यह सीमेंट, कैल्सियम और सिलिकॉन के बजाय एल्यूमिनियम एवं सिलिकॉन से बनाया गया है।
  • प्रकृति में एल्यूमीनियम के स्रोत कार्बोनेट के रूप में नहीं पाए जाते, इसीलिये जब यह सीमेंट के रूप में उपयोग के लिये सक्रिय किया जाता है, तो CO2 का उत्सर्जन अत्यधिक कम होता है।
  • इसके लिये सबसे आसानी से उपलब्ध एल्यूमीनियम और सिलिकॉन युक्त कच्चे माल, फ्लाई ऐश और लावा (Slag) हैं।

स्रोत- द इकोनॉमिक टाइम्स

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